आष्टा 20 अक्टूबर (सुशील संचेती)। म.प्र. में भाजपा 2003 में रिकार्ड बहुमत से सत्ता में पहुंची उसके बाद से आज तक कांग्रेस ने विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभाई अब वो चुनाव में मतदाताओं के पास किस मुंह से जायेगी उनके पास मतदाता के पास जाने का कोई मुद्दा नहीं है वहीं म.प्र. में शिवराज सिंह चौहान ने जब सत्ता सम्भाली तब उम्मीद थी कि ये यंगमैन प्रदेश के लिए बहुत कुछ करेगा।
उन्होंने किया भी लेकिन बहुत कुछ वो भी नहीं कर पाये म.प्र. में उमा भारती को भाजशा का कोई बजूद नहीं है चुनाव में वो कोई प्रभाव भी नहीं छोड़ेगी आज के आई.ए.एस. बेलगाम हो गये है वे अपने आपको भगवान समझते है भ्रष्टाचार प्रदेश में बड़ा है ऐसी अनेको बात स्पष्ट वक्ता के रूप में जाने पहचाने जाने वाले तथा अपने सांसद के कार्यकाल में रिकार्ड एवं एतिहासिक कार्य कराने वाले भोपाल लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद सुशील चन्द्र वर्मा ने कल लम्बे समय बाद इनरव्हील क्लब के एक कार्यक्रम में पधारे । तब उन्होंने इस प्रतिनिधि से क्लब की अध्यक्ष श्रीमति पदमा अशोक कासलीवाल के निवास पर चर्चा के दौरान कहे। श्री वर्मा ने आज आष्टा के अनेको भाजपा नेताओं कार्यकर्ताओं को याद किया इस दौरान फुरसत से चर्चा का सिलसिला जारी रखते हुए कहा कि मैं अंग्रेजों के जमाने में नौकरी में लगा था मुझे 3500 रुपये वेतन मिलता था वो ही खर्च नहीं कर पाता था आज के आई.ए.एस. को 80 हजार का वेतन सब सुविधा मिलती है उसके बाद भी उन्हें वो कम पड़ता है।
श्री वर्मा ने आज इस एतिहासिक मामले के कारणों का खुलासा किया जब उन्होंने सांसद पद से स्तीफा लोकसभा के स्पीकर को सौपा था उन्होंने कहा कि मेरी मांग भी की पूरे भोपाल को गैस पीड़ित घोषित किया जाये पार्टी ने नहीं सुनी सरकार ने नहीं सुनी तो क्षेत्र की उक्त मांग को लेकर मैंने स्तीफा दे दिया था जब यह बात लालकृष्ण आडवाणी को मालूम पडी तब उन्होंने उक्त कदम को लेकर नाराजी भी व्यक्त की बाद में मैंने स्तीफा वापस भी ले लिया था बस तभी से आडवाणी नाराज थे और फिर बाद में मुझे टिकिट भी नहीं दिया। आज मेरे कार्यो को लेकर पूरा क्षेत्र मुझे याद करता है काम को आज भी याद किया जाता है लेकिन पार्टी ने मेरे साथ उस वक्त टिकिट ना देकर अच्छा नहीं किया और मेरे अनुभवों का फायदा नहीं उठाया। श्री वर्मा ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को अच्छा इंसान बताया आडवाणी एक चतुर राजनीतिज्ञ है। श्री वर्मा ने कहा आज व्यर्थ के खर्च का सरकार नहीं देखती है जब मैं कलेक्टर था तो सरकार गाडी से वल्लभ भवन नहीं जाते थे अगर मुख्य सचिव देख लेते तो परेशानी होती भी आज के आई.ए.एस. अन्य अधिकारियों के पास वाहनों की फौज रहती है यह खर्चे रोके जाने चाहिये मंहगाई बहुत बड़ गई है उन्होंने बताया कि 1965 में मैंने भोपाल में मेरा जो बंगला बनाया वो 65 हजार में बना था उस वक्त महिला मजदूर की मजदूरी 76 पैसे पुरुष मजदूर की मजदूरी 1 रुपया तथा अच्छे सिलावट की मजदूरी 5 रुपये रोज भी सीमेन्ट 7 रुपये बोरी लोहा 16-1700 कुंटल था आज राजनीति के स्तर में काफी गिरारवट आई है। कोई भी अधिकारी कर्मचारी नेता काम नहीं करना चाहता है उस वक्त अधिकारी कर्मचारी नेता कार्य के प्रति समर्पित रहते थे काम खोलते थे करते थे भाजपा पुन: म.प्र. में विजय होगी उन्होंने कहा कि 25 सितम्बर को भोपाल में जो कार्यकर्ताओं की रैली हुई रैली में कार्यकर्ता लाये नहीं गये थे आये थे यही पुन: सरकार बनने का कारण है जो भीड़ आई अगर वो सरकार से नाराज होते तो नहीं आते वे आज मतलब सरकार से नाराज नहीं है। श्री वर्मा ने चर्चा में अपनी पीड़ा व्यक्त की मुझे पुन: टिकिट नहीं दिया लेकिन उसके बाद पार्टी ने आज तक मुझे पूछा नहीं ना ही राज्यपाल बनाया इसका मुझे मलाल है और रहेगा।