Thursday, September 18, 2008

मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में प्रादेशिक महिला नेत्रियों से अभद्रता क्यों हुई?

सीहोर 18 सितम्बर (नि.सं.)। एक तरफ तो भाजपा महिलाओं के लिये तरह-तरह की बात करती है, उन्हे आरक्षण से लेकर उनके विकास की बात करती है और दूसरी तरफ भाजपा संगठन में महिला नेत्रियों की क्या स्थिति यह सार्वजनिक मंच पर ही नजर आ जाता है। संगठन के कुछेक पुरुष पदाधिकारी महिला पदाधिकारियों को पचा नहीं पाते, उनके तेजस्विता को हजम नहीं कर पाते और खीज में हरकतें तक कर बैठते हैं। गत दिवस जब नगर में मुख्यमंत्री व भाजपा के स्टार प्रचारक शिवराज सिंह चौहान भाजपा का प्रचार करने के लिये आये थे तो यहाँ भाजपा संगठन की पदाधिकारी महिलाओं के साथ जो घटनाएं घटी वह आश्चर्य से कम नहीं है। यहाँ अव्वल तो भोपाल से आई कुछ प्रादेशिक नेत्रियाँ भी मौजूद थीं जो यहाँ मंच को संभाले हुए थीं और चूंकि मुख्यमंत्री काफी देर से आये थे इसलिये यहाँ भोपाल की महिला नेत्रियों ने जोरदार भाषण देकर पूरा वातावरण भाजपामय कर दिया था।

विशेषकर जिस वक्त सरिता देशपाण्डे ने यहाँ मंच संभाला और रामसेतु के मुद्दे को उछालते हुए भाषण दिया तो सामने सभी को एक बहुत दमदार भाजपा नेत्री की छवि दिखने लगी थी। दूर माईक पर लग रहा था कि जैसे उमाश्री भारती की आवाज की कैसेट चल रही हो, इस चक्कर में आसपास एकत्र भीड़ बड़ा बाजार की तरफ तेजी से बढ़ने लगी थी। सरिता जी के भाषण में ओज था, इनके अलावा भी भोपाल से आई अन्य नेत्रियों ने ओजस्वी भाषण दिये।

इधर सीहोर में प्रादेशिक नेत्रियाँ और भाजपा महिला नेत्री भी मंच पर विराजित थीं।

लेकिन जैसे-जैसे शिवराज सिंह चौहान के सीहोर आने की घड़ी नजदीक आने लगी वैसे-वैसे यहाँ मंच से इन महिला नेत्रियों को किसी तरह उतारने का षड़यंत्र रचा जाने लगा। भाजपा के स्थानीय नेताओं ने इतनी हिम्मत तो नहीं जुटाई कि वह इन्हे किसी तरह उतार देते उन्होने पुलिस का सहारा लेकर यहाँ दो नाम लिखकर दे दिये और कहा कि सिर्फ यही दो नेत्रियाँ मंच पर रहे बाकी सबको उतार दिया जाये।

मंच पर सिर्फ भाजपा महिला मण्डल जिलाध्यक्ष और भोपाल से आई एक अन्य नेत्री को मंच पर रहने देना चाहते थे। यहाँ दर्जा रायमंत्री प्राप्त अनीता भंडेरिया हों अथवा भोपाल की तेजतर्रार छवि की नेत्री सरिता देशपाण्डे हो सबको मंच से उतारने का प्रयास किया गया।

सूत्रों का कहना है कि तब मजबूरन कुछ नेत्रियों ने इस पर आपत्ति लेते हुए खूब खरी-खोटी सुनाई, उन्होने संगठन के स्थानीय पदाधिकारियों को समझाईश दे दी, अपने पद की अहमियत बताई। तब मंच पर से उन्हे उतारने की हिम्मत करने वाले उल्टे पांव लौट आये। एक महिला नेत्री से तो कुछ ने अभद्र व्यवहार भी किया जिसकी चर्चाएं भाजपा महिला मण्डल में व्याप्त है।