Thursday, September 11, 2008

अंतत: भाजपा ने पांडाल हटाया प्रांतीय भाजपा नेताओं की पहल पर देर रात हटे टेंट के पाईप......

सीहोर 10 सितम्बर। आज दिनभर में भाजपा की अनेक बार विभिन्न विषयों पर छोटी-बडी बैठकों का दौर चलता रहा। बड़ा बाजार सभा स्थल को लेकर विवाद की स्थिति बनी रही। अंतत: रात 9 बजे से मुख्यमंत्री का सभा मंडप के लिये लगाये गये सारे ताम-झाम हटना शुरु हो गये हैं। अभी तक सूत्रों का कहना है कि सभा यहीं होगी लेकिन अब मण्डप नहीं लगेगा। जिससे पारम्परिक डोल ग्यारस उत्सव का मार्ग भी प्रभावित नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि डोल ग्यारस के विशाल चल समारोह बड़ा बाजार से होता निकलता है, बड़ा बाजार में ही भाजपा ने अपने तंबू कल मंगलवार से गाड़ दिये थे, जिसको लेकर नागरिकों का विरोध था कि क्या भगवान के डोल अब भाजपा के टेंट के नीचे से निकलेंगे और सड़क पर गड़े पाईपों के कारण पूरा जुलूस व भगवान के डोल प्रभावित होंगे। लेकिन यह बात भाजपा के स्थानीय नेताओं को समझ में नहीं आ पा रही थी। भाजपा के स्थानीय नेताओं का कहना था कि डोल आराम से निकल जायेंगे जबकि पूरे बाजार में इसको लेकर भारी विरोध था।
इस विरोध को कुचलने के लिये आज पुलिस का सहारा लेते हुए सुबह पुलिस नियंत्रण कक्ष में एक बैठक बुलाकर समस्त डोल निकालने वाले पुजारियों को बुलाया गया और उनसे पूछा गया कि क्या किसी शास्त्र में लिखा है कि डोल किसी टेंट के नीचे से नहीं निकलते ?
पुजारियों को जब पुलिस ने अपनी भाषा में समझाने का प्रयास किया तो सबने कहा कि हमें भाजपा के कार्यक्रम से कोई दिक्कत नहीं है, और यदि सड़क के एक तरफ जगह है तो हम वहाँ से निकल जायेंगे। तब जाकर पुलिस को बांछे व स्थानीय नेताओं के चेहरे पर प्रसन्नता के भाव उभरे नजरआये।
लेकिन दोपहर बाद जब भाजपा के प्रादेशिक नेताओं का सीहोर में आगमन हुआ और उन्होने सभा स्थल का निरीक्षण किया तो वह दंग रह गये? सबसे पहले तो उन्होने स्थल चयन पर ही आपत्ति ली कहा कि 10000 लोग कहाँ समायेंगे इतनी सी जगह में तब स्थानीय नेताओं ने समझाया कि साहब यहाँ आ जाते हैं। बड़े नेता नाराज हुए उन्होने कहा कि हम भोपाल में दिनरात यही किया करते हैं हमें मत समझाईये कितने लोग यहाँ आ सकते हैं ? उन्होने भी कहा कि क्या कोई दूसरा स्थान नहीं था इस पर सब चुप रहे। इधर कुछ लोगों उन्हे स्थानीय विरोध की जानकारी व स्थानीय अखबार में प्रकाशित खबर से परिचित कराया कि कल डोल ग्यारस का मार्ग भी यही है। इस पर तो प्रांतीय नेताओं ने तत्काल निर्णय दे दिया कि यदि अब स्थान नहीं बदल सकते तो फिर विवाद से तो मुख्यमंत्री को बचाओ। उन्होने कहा कि अब कोई पाण्डाल नहीं लगेगा और यदि मंच बनाना है तो छोटा-सा मंच बनाना।
कुल मिलाकर आज जिस बात को फुरसत ने प्रमुखता से उठाया था कि पांडाला बनाया जाना गलत है तथा मार्ग में लोहे के पाईप गाड़ना गलत है। उसको मानते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अंतत: रात 9 बजे अपने तंबू उखड़वाना शुरु कर दिये हैं। यहाँ बड़ा बाजार में भाजपा के वरिष्ठ नेतागण स्वयं खड़े होकर अपने तंबू उखड़वा रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि कल गुरुवार को डोल ग्यारस के दिन भाजपा की सभा तो होगी लेकिन अब सभा मण्डप नहीं बनेगा, देर रात को सभा होगी जिसके लिये सिर्फ मुख्यमंत्री का मंच बनेगा, कोई टेंट आदि नहीं लगेंगे, सड़क पर किसी प्रकार के खंबे, पाईप नहीं गड़े मिलेंगे। शाम डोल निकल जाने के बाद फिर भाजपा जो चाहे वह करेगी इससे सीहोर की परम्परा में किसी प्रकार का विघ्न भी उत्पन्न नहीं होगा।


हमारा ईपता - fursatma@gmail.com यदि आप कुछ कहना चाहे तो यहां अपना पत्र भेजें ।