Friday, September 26, 2008

थाना प्रभारी अजय वर्मा ने मात्र 2 घंटे में हत्या की गुत्थी सुलझाई, हत्यारे की पत्नि ने मचाया खूब गदर, मृतक के पुत्र के अति उत्साह के कारण था संदेह

सीहोर 25 सितम्बर (नि.सं.)। कोतवाली थाना अन्तर्गत एक व्यक्ति की रात 10 बजे के करीब पेट फटी लाश जिला चिकित्सालय में आई थी। मृतक के साथ उसका पुत्र और पत्नि भी आये थे जो रो-रोकर कोहराम मचा रहे थे लेकिन आंसू थे कि उनके निकल ही नहीं पा रहे थे। पत्नि के साथ ही उसका भाई और भाभी भी थे, जो पुलिस पर अपनी नाराजगी जता रहे थे। एक लाश के साथ आये इन चार लोगों के रोने-पीटने-चिल्लाने ने अस्पताल में हुजूम लगा लिया था। पुलिस बल भी मौजूद था जो स्थिति नियंत्रित करने और बातचीत कर समझाईश देने का प्रयास कर रहा था। लेकिन किसी को कुछ समझ नहीं आ रही थी कि आखिर मामला क्या है ? कुछ ही देर में अनुभवी थाना प्रभारी अजय वर्मा जिला चिकित्सालय पहुँचे और आते ही उन्होने मृतक के लड़के की बातचीत करने के अंदाज को भांपते हुए उसे अस्पताल में ही एक तरफ ले गये। थोड़ी ही देर में उसकी उलझी हुई बातों ने श्री वर्मा को शक पैदा किया। उन्होने रात को ही घटना स्थल का निरीक्षण करा और रात 12 बजे तक हत्या की पूरी गुत्थी ऐसी सुलझाई कि खुद हत्यारे अपना जुर्म कबूलने लगे।
कल देवनगर कालोनी ब्रह्मपुरी के आगे रहने वाले कमल उर्फ चंदर मालवीय को मृत अवस्था में रात 10 बजे उसका बेटा अस्पताल लाया था।
पुलिस के पूछताछ करने पर यह बता रहा था कि मैं जब घर जा रहा था तो रास्ते में पापा पडे हुए मिले, वह खून से लथपथ थे, मैने उन्हे उठाया, अस्पताल लाने के लिये मोटर साईकिल का सहारा लिया और यहाँ अस्पताल ले आया।
लेकिन इसकी माँ यहीं खड़ी रहकर रोती रही और पुलिस से बात करने पर बार-बार लड़के को मना करती रही, चिल्लाती रही, रोने लगती, हल्ला करने लगती पर लड़के को बात नहीं करने देती। इसके साथ ही मृतक का साला जिसका नाम लाड़सिंह था अपनी पत्नि के साथ आया हुआ था, इसकी पत्नि ने अस्पताल को सिर पर उठा लिया था, और पुलिस पर आरोप लगाये जा रही थी। उसका कहना था कि मृतक के साथ 2-3 दिन पूर्व कुछ लोगों ने लड़ाई करी थी आज उसे मार दिया लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया।
इसी दौरान जिला चिकित्सालय में कोतवाली थाना प्रभारी अजय वर्मा आये और उन्होने चंद मिनिटों में मामले को समझते हुए मृतक कमल चंदर मालवीय के पुत्र को एक तरफ ले जाकर बातचीत की। लड़का हड़बड़ा गया। उसने कहा कि संभवत: कुछ लोगों से पापा का झगड़ा था उन्होने मार डाला है, लेकिन रात को इस प्रकार झगड़े और मार डालने की बात श्री वर्मा को हजम नहीं हुई। उन्होने मृतक के लड़के संजू से कुछ और पूछा तो वह कहने लगा कि मेरी माँ बतायेगी फिर कहने लगा कि मेरा मामा सब बतायेगा। जबकि यही लड़का पहले खुद कुछ बता रहा था। मृतक के पुत्र संजू मालवीय की हड़बड़ाहट अनुभवी थाना प्रभारी अजय वर्मा समझ गये और उन्होने कहा कि तू अपने पिता को कहाँ से उठाकर लाया है वहाँ हमें ले चल। जब पुलिस घटना स्थल पहुँची तो वह स्थल लड़के के बताये स्थल से भिन्न था। लड़का पुलिस को खुद के घर पर ही ले गया था और उसने घर के सामने ही पिता को पड़े होने की बात कही। इस पुलिस का संदेश और बढ ग़या।
जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के निर्देशन में जब कोतवाली पुलिस ने मृतक के घर ही पर छानबीन की तो मृतक के पुत्र संजू ने जो पहले कह रहा था कि पापा को घायल अवस्था में घर के पीछे पड़े थे, उनका खून घर के सामने ही जमीन पड़ा नजर आया। पुलिस ने जैसे ही कहा कि खून तो घर के सामने पड़ा है तो इस पर मृतक की पत्नि पैर से खून मिटाने लगी और कहने लगी हमने लाकर उन्हे यहाँ पटक दिया था। पुलिस समझ गई की दाल में कुछ काला है। यहीं पड़ी मिली चूड़ी के कुछ टुकड़ों ने भी पुलिस के संदेह को पुख्ता कर दिया । यहाँ पुलिस ने रात 12 बजे के लगभग आसपास के मोहल्ले वालों से पूछताछ शुरु की तो लोगों ने कहा कि दोनो पति-पत्नि दिनभर से नशे में लड़ रहे हैं मारपीट भी कर रहे हैं। और रात तक यहीं थी। जबकि मृतक की पत्नि और बेटे का कहना था कि पापा लड़कर कहीं चले गये थे। पुलिस ने घटना स्थल पर संजू को बातों में उलझाया तो संजू ने घबराकर सबकुछ बात उगल दी।
संजू ने बताया कि जब मेरी माँ और पिता की लड़ाई यादा होने लगी तो मैं पड़ोस ही रहने वाले मेरे मामा लाड़सिंह को बुलाने चला गया। मामा हाथ में चाकू लेकर आये और यहाँ आते ही मेरे पिता के पेट में घोंप दिया जिससे उनकी आंते ही बाहर आ गई। पुलिस ने तत्काल आरोपी लाड़ सिंह जो अस्पताल में मोजूद था को ढूंढा तो पता चला कि वह मौके का फायदा उठाकर फरार हो गया है। पुलिस ने उसकी तलाश शुरु कर दी है। मामले में आरोपी के खिलाफ धारा 302 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।