Tuesday, August 19, 2008

बहुचर्चित जलाभिषेक के भुगतान की परिषद ने दी मंजूरी,

इसी सप्ताह फिर आये हैं डीएस परिहार और आज लग गई जलाभिषेक भुगतान पर मोहर, विरोधी भी पक्ष में नजरआये
सीहोर 18 अगस्त (नि.सं.)। अंतत: करोड़ रुपये के बहुचर्चित जलाभिषेक अभियान के नाम से हुए कामों के भुगतान पर आज नगर पालिका परिषद ने मोहर लगा ही दी। तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री परिहार ने एक बार फिर सीहोर आकर इसी सप्ताह नगर पालिका का पद्भार संभाला है। उनके पदभार संभालते ही सबसे पहला कार्य जलाभिषेक का भुगतान के रुप में हुआ है। आज परिषद की बैठक में कल तक जो पार्षद जलाभिषेक का विरोध करते थे वही इसके पक्ष में नजर आये। जबकि 50 नये सफाई कर्मचारियों की भर्ती की अनुशंसा भी आज हो गई। इसके अलावा करीब 3 करोड़ रुपये से अधिक के कार्यों की अंधाधुंध स्वीकृति भी होने की खबरें हैं। बैठक में कुछ नोंक-झाेंक के साथ पार्षद शमीम के बयान चर्चा में रहे।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में जब नगर पालिका परिषद के मुख्य अधिकारी डी.एस. परिहार थे तब उन्होने शासन के जलाभिषेक अभियान का लाभ उठाते हुए भाजपाई पक्ष के ठेकेदारों से डेढ़ करोड़ से यादा के जल संरक्षण व संवर्धन के कार्य कराये थे। ऐसा मानते हुए ही और कार्यो में हुई भारी अनियमितता की बात कहते हुए परिषद व स्वयं नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय ने इसका भुगतान नहीं करने का मन बना लिया था और वह सार्वजनिक रुप से भी इसके भुगतान की मनाही करते रहे थे। पार्षद शमीम इस मामले को न्यायालय तक ले गये थे और अनियमितता की जांच कराने को कहा गया था। मामला इतना तूल पकड़ चुका था कि इसका भुगतान सारे प्रयासों के बाद भी डीएस परिहार नहीं करवा पाये थे। जिसके बाद से ही परिषद में पार्षदों में आपसी मतभेद और मनमुटाव बहुत बड़े स्तर पर सामने आ गया था। डीएस परिहार इस मामले में पूरे नगर में चर्चा में आ गये थे। फुरसत ने भी इस संदिग्ध मामले के कई पहलुओं को पूरी प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया था।
इसके बाद डीएस परिहार का स्थानान्तरण डूडा संस्था में हो गया था और फिर कुछ समय बाद वह अन्यत्र चले गये थे लेकिन विगत महिने भर से उनके फिर आने की खबरों ने जलाभिषेक के ठेकेदारों के चेहरों की रौनक लौटा दी थी। अंतत: इस सप्ताह श्री परिहार ने बकायदा मंदिरों में दर्शन कर पूरे ताम-झाम के साथ पद्भार ग्रहण कर लिया। आज परिषद की बैठक में जलाभिषेक के नाम हुए समस्त कार्यों की परिषद ने उनकी उपस्थिति में मंजूरी भी दे दी है। आज जलाभिषेक से जुड़े पार्षदों की खुशी समाये नहीं समा रही थी। वह एक दूसरे को बधाई दे रहे थे। आज जहाँ नीरु पवन राठौर ने ठेकेदारों का भुगतान हो जाना चाहिये यह कहा, वहीं हृदेश राठौर, भोजराज यादव, रंजीत वर्मा ने पार्षदों से जलाभिषेक पास करने की बात कही। कुछ कांग्रेसी पार्षद भी आज जलाभिषेक के पक्ष में नजर आये जबकि शमीम अहमद जिन्होने पूर्व वर्ती बैठकों में जलाभिषेक का पुरजोर तरीके से विरोध किया था और मामला न्यायालय तक ले गये थे आज उनका यह वक्तव्य की हमने भुगतान के लिये मना नहीं किया है हमारा तो कार्यप्रणाली से विरोध था, यह सर्वाधिक चर्चा में रहा। दिनेश भैरवे भी आज इस मामले के भुगतान में पक्ष में दिखे।
आज दूसरे बड़ी उपलब्धि बैठक की यह रही कि 50 सफाई कामगारों को रखने की अनुशंसा भी हो गई है लेकिन इसमें कुछ पार्षद चाहते थे कि उनकी अनुशंसा से कर्मचारी रखे जायें जिसकी स्वीकृति नहीं हुई। ग्रीष्म ऋतु में हुए अंधाधुंध नलकूप खनन का मामला भी यहाँ बैठक में चर्चा में आया जिसके भुगतान होने के पूर्व सभी नलकूपों की जांच कराने का प्रस्ताव उपाध्यक्ष अशोक सिसोदिया ने रखा और कहा कि जब तक जांच हो तब तक भुगतान ना किया जाये।
लेकिन आज का सबसे बड़ा उपहार नगर की जनता को यह मिला है कि करीब 3 से 5 करोड़ रुपये के कार्यों की स्वीकृति भी आज हुई है। हर एक वार्ड में 15-15 लाख रुपये तक के कार्यों का होना तय कर लिया गया, हर वार्ड में विकास और रुपयों की गंगा बहाने की व्यवस्था हो गई है। जो कार्य वार्ड पार्षदों की मांग से नहीं हो पा रहे हैं वैसे आवश्यक कार्य जैसे कोतवाली चौराहा से तहसील चौराहा तक डामरीकरण, रेल्वे स्टेशन से स्वामी नारायण मंदिर तक डामरीकरण सहित अनेक महत्वपूर्ण सड़कों का निर्माण भी होगा। आज शाम तक अनेकानेक कार्यों की निविदाएं भी सभी प्रमुख अखबारों में भेज दी गई हैं जिसके चलते करोड़ो रुपये के कार्य हो सकेंगे। आज परिषद की बैठक में पार्षदों की बीच नोंक-झोंक भी खूब हुई। कुछ ने कहा कि हमारे वार्ड में काम नहीं हो रहे हैं, कुछ इस पर आपत्ति ली। पिछले दिनों हुए नलकू प खनन को लेकर काफी पार्षदों ने आज बोला।


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