गांजा प्रेमी कस्बा चौकी के पास सम्पर्क करें, पता मिल जायेगा, पीने वालों को मिलेगा पूरा संरक्षण
सीहोर 1 जुलाई (आनन्द)। जी हाँ खुले आम कस्बा पुलिस चौकी के विशेष संरक्षण और कोतवाली पुलिस के आशीर्वाद से आपको हर समय हर पल खुलकर गांजा मिल सकता है। गांजे की इस वर्ष दूसरी फसल कस्बा चौकी वालों के पास तैयार हो चुकी है यदि आप गांजा पीने के शौकीन हैं तो शीघ्र ही यहाँ पहुँच जाईये, कुछ खास पुलिस वालों से आपसी अंतरंग पहचान तो वह भी पता बता सकता है बल्कि आपको ले जाकर गांजा बेचने वाले से दिलवा भी सकता है। अथवा यहाँ किसी भी गंजेड़ी से आप पता कर सकते हैं कि वो गांजे उगाने वाला कौन है आपको पता चल जायेगा कि वो किस मंदिर के पास रहता है। किस प्रकार एक पूर्व कोतवाली थाना प्रभारी के संरक्षण का फायदा उठाकर यहाँ गांजे की फसल घर के अंदर तैयार की जाने लगी पढ़िये एक खोज खबर।
कस्बा क्षेत्र में यूँ तो एक विशेष पुलिस अधिकारी की लम्बी सांठ-गांठ और उसकी अधिकारियों से अच्छी सेटिंग के कारण गांजा, अफीम, ब्राउन शुगर के लिये मशहूर है ही। जहाँ ब्राउन शुगर बनाने की कला जानने वालों से लेकर बेचने वाले सर्वसुलभ हैं वहीं अब सरे आम गांजा उगाने की सुविधाएं भी पुलिस प्रशासन ने मुहैया करवा दी है। इसके लिये आपको बहुत कम रुपये देकर भी आसानी से पुलिस का संरक्षण प्राप्त हो सकता है और उसके बाद चाहे जितना गांजा बेचें आपको कोई कहने, सुनने, टोकने वाला नहीं मिलेगा।
असल में पूर्व थाना प्रभारी कोतवाली को एक नहीं दो नहीं बल्कि 3-3 बार नगर के कुछ सम्मानीय लोगों ने इस तरह खुले आम गांजा उगाने वालें की जानकारी दी थी और मकान का नक्शा तक वह लोग समझाकर आये कि किस जगह पर गांजा उग रहा है लेकिन उस्ताद थाना प्रभारी ने बड़ी ही चालाकी से इन लोगों को टाल दिया और अपराधों के संरक्षक इस थाना प्रभारी ने इस गांजा बेचने वाले का संरक्षण बढ़ा दिया। तीसरे ही दिन गांजा बेचने के यहाँ कोतवाली के दो सिपाही आये और उन्होने साहब से सेटिंग करने की जानकारी दी और अपना हिसाब-किताब निपटाकर चलते बने। तब से लगातार गांजा बेचने वाले को संरक्षण पुलिस द्वारा दिया जा रहा है।
हालांकि अभी नये थाना प्रभारी आये हैं संभवत: उन्हे इस प्रक्रिया की कोई जानकारी नहीं है लेकिन इस बीच अब गांजा बेचने वाले से कस्बा पुलिस अपनी सेटिंग कर रही है।
गांजा बेचने वाले ने अपने घर में ढेर सारे गांजे के पेड़ उगा रखे हैं। यूँ गांजा जब फलता फूलता है तब ही इसकी खूशबू फैलती है वरना आराम से पत्तियाँ उपयोग की जाती रहती हैं। दिनभर इसके घर से यह खुद गांजे की पत्तियाँ उपलब्ध कराता रहता है। कस्बा पुलिस चौकी के पास चल रहे इस गोरख धंधे से और पुलिस से गांजे वाले की तगड़ी सेटिंग के चलते जहाँ गांजा पीने वालों को भी कोई परेशानी नहीं आती क्योंकि वह खुले आम खरीद सकते हैं और पी सकते हैं वहीं अब गांजे की दूसरी ताजा फसल तैयार हो गई हैं। पिछले वर्ष जो इसने पौधे उगाये थे उनके स्थान पर अब नये पौधे उगाये हैं जो अच्छे फल-फूल रहे हैं और काम भी आने लगे हैं।
तो फिर नगर के अनेक गंजेड़ी अब चाहें तो कस्बा पुलिस चौकी के पास इस गांजा बेचने वाले के यहाँ से ताजा माल प्राप्त कर सकते हैं। यह सबसे सुरक्षित स्थान है, माल का दाम भी उचित रहता है और पुलिस का संरक्षण भी मिलता है। अब गांजा पीने वालों को इधर-उधर भटकने की जरुरत नहीं है। शायद पुलिस का संरक्षण यही संदेश भी देना चाहता है।
कस्बा चौकी चौराहे पर खुले आम चलने वाली इस चर्चा से यदि पुलिस इत्तेफाक नहीं रखती तो फिर देखते हैं कि क्या वह गांजा उगाने वालों को धर दबोचती है क्योंकि यह परम सत्य है कि चौकी के पास ही इस गांजा उगाने वाले ने गांजा उगा रखा है और दिन रात वह धंधा कर रहा है क्या यह संभव है कि 2 साल से कस्बा चौकी को इसकी जानकारी न हो ? और फिर वो पुलिस वाले जो आये दिन इसके घर पर इससे बातचीत करते दिखते हैं वह भी क्या अनभिज्ञ हैं तो इस अपराधी के यहाँ क्यों आते रहते हैं ? और क्यों अक्सर कुछ रुपये लेकर चले जाते हैं। पुलिस चौकी चौराहे पर हर किसी को मालूम हैं गंजेड़ी का यह घर कस्बा चौकी के पास किस मंदिर से लगा हुआ है।