Thursday, July 24, 2008

असमंजस की स्थिति : हिन्दु उत्सव समिति की पैनल भी अब मैदान में?

हिन्दु उत्सव समिति का गुप्त एजेण्डा हिन्दुओं के नाम राजनीति का फण्डा
सीहोर 23 जुलाई (नि.सं.) सीहोर नागरिक सहकारी बैंक चुनाव को लेकर प्रकाश व्यास की पैनल के अलावा जहाँ जातिवाद के साथ ब्राह्मण पैनल को मैदान में लाने के प्रयास हुए वहीं अब हिन्दु उत्सव समिति के गुप्त एजेण्डे के रुप में 5 नाम प्रस्तुत किये जाने की खबर ने, कल बैंक राजनीतिक सरगर्मियों में नया मोड़ ला दिया। किसी भी क्षेत्र की हिन्दु उत्सव समिति द्वारा किसी भी राजनीतिक घटनाक्रम में हस्तक्षेप की उम्मीद नहीं की जानी चाहिये लेकिन अक्सर सीहोर की हिन्दु उत्सव समिति राजनीतिक घटनाक्रमों में विवाद में आती रही है। इस बार हिउस की पैनल के चर्चे चौराहों पर गये हैं। हालांकि स्वतंत्र उम्मीद्वारों की संख्या भी 8 ही है और 8 ही प्रत्याशियों के लिये चुनाव भी होना है इस दृष्टि से कई जोड़-तोड़ लग रहे हैं। प्रकाश व्यास की पैनल ने आज छावनी में भ्रमण किया जबकि अन्य उम्मीद्वारों ने आज स्वतंत्र प्रचार किया। परिणाम अभी स्पष्ट कहना नामुमकिन है। कयास हजारों लगाये जा रहे हैं। यास अंतिम क्षण तक लगते रहेंगे। इन कयासों को हम आप तक लगातार पहुँचायेंगे। देखते हैं कौन-सा फिट बैठता है।
सीहोर नागरिक सहकारी बैंक के प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में अभी शेष 16 उम्मीद्वार अपनी पूरी ताकत झोंक कर चुनाव मैदान में उतरे हुए हैं। इनमें से 8 उम्मीद्वारों के चयन लिये बैंक के मतदाताओं को 8 मतदान करने हैं। 8 लोग इन्हे अपनी पसंद के चुनना होंगे जिन 8 लोगों को सर्वाधिक मत मिलेंगे वह स्वयं ही विजय श्री का वरण कर लेंगे।
कुछ ने यह भिड़ाई गणित
कुछ उम्मीद्वार नागरिक बैंक के कुल 1700 सौ से अधिक मतदाताओं को अहमियत देने को तैयार नहीं हैं। वह सबके पैर पढ़ने के लिये भी राजी नहीं हैं न सबके घर जाने को तैयार हैं। उन्होने अपनी गणित और हिसाब लगाया हुआ है। वह आंकड़ों के हिसाब से विजयश्री का वरण चाहते हैं। राजनीति इसे ही कहते हैं यह कुछ उम्मीद्वार बखूवी समझ रहे हैं कि राजनीतिक उठापटक कैसे की जाती है। उन्होने कुल मतदाताओं की सूची में से अपने परिचितों के नाम छांट लिये हैं और वह उन 400-500 मतदाताओं के बीच बारम्बार चक्कर काटने में लगे हैं। इनकी गणित कहती है कि यदि इतने लोगों ने उन्हे मत कर दिया तो स्वयं ही वह विजय हो जायेंगे और बाकी मतदाता भले ही कुछ भी करते रह जायें लेकिन इनकी विजय हो जायेगी।
और दूसरी कला यह भी है...
कुछ उम्मीद्वारों की गणित सबसे भिन्न हैं। आंकड़ों को नया स्वरुप देने में यह लोग जुटे हैं। इन्होने और भी कम मतदाता तय किये हैं मात्र 100-150 ऐसे मतदाता जो इनके अनुसार चल सकें और इनका कहना मान सकें। ऐसे मतदाताओं से इनका एक ही निवेदन है कि आप जब मतदान करें तो सिर्फ एक मत मुझे डालें बाकी किसी को भी मत नहीं दे। इससे स्वयं ही यह उम्मीद्वार अन्य प्रत्याशियों से सीधे-सीधे 100 से 150 घर अधिक हो जायेगा और जीत का अंतर पूरा हो जायेगा। यह भी एक तरीका निकाला गया है।
हालांकि नागरिक बैंक के मतदाता गंभीर प्रकृति व समझदार व्यक्ति माना जा रहा है। समझदार मतदाता होने के नाते प्रत्याशी भी यह बखूवी समझ रहे हैं कि किसी भी तरह से मतदाता को रिझाया नहीं जा सकता सिर्फ उसे अपनी अहमियत ही समझाई जा सकती है। इसलिये प्रत्याशी मतदाताओं के पास जब जाते हैं तो अपने गुणों का बखान करते हैं, बैंक को लेकर उनकी भावी योजनाओं को बताते हैं।
स्वतंत्र प्रत्याशियों का प्रभाव ज्‍यादा
जहाँ एक मात्र घोषित काका पैनल के समस्त प्रत्याशी जब सामुहिक रुप से प्रचार करने निकलते हैं तो सिर्फ भीड़ लग जाती है, सारे हाथ जोड़कर निवेदन करते हैं, पम्पलेट पकड़ाते हैं और आगे बढ़ जाते हैं वहीं स्वतंत्र उम्मीद्वार सिर्फ हाथ जोड़ कर आगे नहीं बढ़ते बल्कि किसी के साथ जाते हैं संबंधित मतदाता के घर बैठते हैं, बातचीत करते हैं फिर मतदान के लिये आग्रह करते हैं तब आगे बढ़ते हैं। इस दृष्ठि से देखा जाये तो स्वतंत्र उम्मीद्वारों का प्रचार-प्रसार का तरीका यादा प्रभावी है।
चुनाव की गर्मी और
मौसम भी गर्मागर्म
विगत तीन दिनों में पूरा नगर एक तरह से जहाँ सीहोर नागरिक सहकारी बैंक के चुनाव को लेकर सरगर्म हो गया है। वहीं प्रकृति का कोप भी सीहोर वासियों पर पड़ रहा है और जबर्जस्त गर्मी का मौसम बना हुआ है। एक तरफ चुनाव की गर्मी है तो दूसरी तरफ मौसम की गर्मी है। दोनो गर्मी कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं जबकि बैंक के प्रत्याशी चाहते हैं कि ऊपर की गर्मी कुछ कम हो तो प्रचार में मजा आये लेकिन गर्मी है कि किसी की भी कम होने को तैयार नहीं है। दोनो तरफ से जोर आजमाईश जारी है। कौन यादा गर्मी दिखाता है 27 तक स्पष्ट हो जायेगा।
एकला चलो रे....
स्वभावत: जिस सीहोर नागरिक सहकारी बैंक के चुनाव होने जा रहे हैं वहाँ चुने हुए प्रत्याशियों और अध्यक्ष का प्रभाव बैंक के कर्मचारियों पर भी रहता है। यह भी सही है कि बैंक के कर्मचारियों की भी कुछ इच्छाएं रहती हैं कि कौन विजयश्री का वरण करें और कौन यहाँ प्रत्याशी बन कर आये ताकि बैंक का उन्नति हो और वह एक अच्छी सम्पन्न प्रतिष्ठित बैंक का कर्मचारी हो। नागरिक बैंक के कर्मचारी सीहोर नगर की जनता से सीधे सम्पर्क में रहने के बावजूद चुनाव के समय मौन धारण कर लेते हैं और चुपचाप तमाशा देखते हैं। न वह इशारा करते हैं न कुछ कमेंट्स। लेकिन इस बार एक कर्मचारी ने बीड़ा उठाया है कि वह एक निर्दलीय प्रत्याशी को विजयश्री का वरण दिलाकर ही मानेंगे। वह इसके लिये बाजार में घूमते हुए भी नजर आ रहे हैं अनेक मतदाताओं से यह जो बात करते हैं वह मतदाता तत्काल अपने मित्रों से और बैंक के कर्मचारियों से कह देता है कि भाई आपका वो एक कर्मचारी जाने क्या-क्या बोलकर गया है उसे क्या हो गया है हमसे चाहता है कि बस उसका उम्मीद्वार विजय हो जाये...अब मजे की बात यह भी है कि कुछ लोग पहले से ही इस कर्मचारी की जहाँ-जहाँ जाने की संभावना है उन लोगों से कहकर आ रहे हैं कि साहब वो हमारा कर्मचारी आयेगा और कुछ बोले तो चुपचाप सुन लेना उसे कुछ हो गया है। इस प्रकार इस कर्मचारी के लिये यह वाक्य निकल पड़ा है....एकला चलो रे....।
काका पैनल, ब्राह्मण पैनल के बाद अब 5 सदस्यीय हिन्दु उत्सव समिति की पैनल भी बाजार में आ जाने की चर्चाएं चौराहों पर छा गई हैं। दो दिन पूर्व हिन्दु उत्सव समिति की एक बैठक में अचानक नागरिक बैंक चुनाव से जुड़े उम्मीद्वारों की प्रभावी उपस्थिति और अंदर की बातों ने चौराहों पर मुखर रुप ले लिया है। हिन्दुओं के नाम पर बनी समिति क्या वाकई अपनी 5 सदस्यीय अनाधिकृत पैनल उतार चुकी है यह स्पष्ट नहीं कहा जा सकता लेकिन इतना अवश्य है कि दो दिन पूर्व श्रावण मास में निकलने वाली पालकी यात्रा की बैठक लीक से हटकर अचानक समाजसेवी राजेन्द्र वर्मा (जो नागरिक बैंक चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी हैं) की अध्यक्षता में सम्पन्न की गई है। इनके अलावा अनिल मिश्रा पूर्व पार्षद भी बैठक में थे यह भी चुनाव में प्रत्याशी हैं। प्रदीप गौतम पार्षद भी यहाँ उपस्थित थे। जिन्हे संभवत: विशेष रुप से बुलाया गया था। इन तीन के अलावा स्वभावत: राजेन्द्र शर्मा की श्रीमति जी श्रीमति अर्चना वर्मा और पंकज खत्री भी इस पैनल में शामिल बताये जा रहे हैं। इस प्रकार अनौपचारिक रुप से हिन्दु उत्सव समिति की 5 सदस्यीय पैनल मैदान में आ गई है जिसके लिये समिति के सदस्य अपने-अपने स्तर पर चुनाव में प्रभाव जमाना भी शुरु कर चुके हैं। हालांकि अभी तक हिन्दु उत्सव समिति ने खुलकर कुछ नहीं कहा है लेकिन पूरे नगर में हिन्दु उत्सव समिति की पैनल के चर्चे चौराहो पर हैं। अब देखते हैं कि हिन्दु उत्सव समिति इस का बात खण्डन करती हैं या नहीं....।


हमारा ईपता - fursatma@gmail.com यदि आप कुछ कहना चाहे तो यहां अपना पत्र भेजें ।