Thursday, July 24, 2008

काकी, बाबु और अनिल ने मथरी बाई को ऐसे दुनिया से बिदा किया, गहनों के लालच में की हत्या का पर्दाफाश

आष्टा 23 जुलाई (नि.प्र.)। 2 माह के लम्बे इंतजार के बाद कल अंतत: आष्टा पुलिस को आष्टा नगर के पुराना दशहरा मैदान क्षेत्र में अपने दामाद एवं बेटी के घर रहने वाली 80 वर्ष की वृध्द महिला मथरी बाई के हत्यारों को पकड़ने में सफलता मिली। जैसे फुरसत ने दो माह पूर्व जिस दिन मथरी बाई की हत्या की गई थी तब लिखा था कि मथरी को जेवर पहनने का शोक और पहने जेवर ही उसकी मौत का कारण बने, आज उक्त हत्या का पर्दाफाश हो गया हौर हत्यारों ने बताया कि उनके द्वारा महिला की हत्या उसके जेवर के कारण की गई।
इस पूरे मामले में मथरी बाई की हत्या तो आष्टा तहसील के ग्राम लसूड़िया खास निवासी शातिर अपराधी बाबु पिता हरी बलाई एवं कोठरी निवासी प्रेम सुतार का लड़का अनिल ने की लेकिन इस हत्या में अनिल की माँ जिसे पूरे क्षेत्र में कोठरी की काकी के नाम से जाना जाता है उर्फ संतोष बाई पत्नि प्रेम सुतार भी पूरी तरह से शामिल पाई गई है। उक्त हत्या के दो माह बाद भी हत्यारों तक पुलिस के नहीं पहुँचने से पुलिस को काफी कुछ सुनना पढ़ना, सहना पड़ा था लेकिन आज पुलिस के चेहरे पर रौकन है क्योंकि उसने अपने साथियों के सहयोग से दिन रात कड़ी मेहनत कर उक्त हत्या की गुत्थी सुलझा ली है।
पुलिस हत्यारों तक कैसे पहुँची- यूँ तो पुलिस उक्त हत्या के आरोपियों तक पहुँचने के लिये कई तीर अंधेरे में इधर-उधर चला रही थी जो उसे सफलता से दूर किये हुए थे लेकिन उक्त हत्या हत्यारों ने जिस कारण से की थी वो कारण जेवर थे। हत्या के बाद हत्यारे जो जेवर ले गये थे वो कीमति थे हतरे उक्त कीमति जेवरों को बांटना चाहते थे बंटवारे में जब विवाद हुआ और वो विवाद पुलिस के कानों तक जा पहुँचा बस फिर क्या था पुलिस ने जाल बिछाया और हत्यारों तक जा पहुँची अगर बंटवारे में विवाद नहीं होता तो पुलिस अभी तक अंधेरे में तीर मारा करती लेकिन अपराधी कितना ही शातिर हो वो कुछ ना कुद गलती कर जाता है और ऐसा यहाँ भी हुआ।
कैसे पड़ी हत्यारों की जेवरों पर निगाह- कोठरी की काकी जो आष्टा में दशहरा मैदान क्षेत्र में एक महिला के मकान में आती थी। हत्या के 1-2 दिन पूर्व जब काकी और बाबु दशहरा मैदान में उसी महिला के मकान पर पहुँचे तो यहाँ पर मथरी बाई बैठी थी उसके शरीर पर हमेशा की तरह सभी जेवर लदे थे जेवरों से लदी उक्त महिला को देखकर काकी ने मकान मालकिन से पूछा की उक्त महिला कौन है। तो मकान मालकिन ने बताया कि यह सामने रहती है जेवर देखकर काकी के मन उनकी लालसा पैदा हो गई थी । मथरी बाई तो चली गई लेकिन उसके जेवर काकी और बाबु की निगाह में घूमते रहे इन लोगों ने मथरी बाई के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित कर एक दिन जेवर चुराने के उद्देश्य से पूरी योजना बनाकर आष्टा आ गये योजना को मूर्त रुपु देने के दिन घर में मथरी बाई अकेली थी दामाद-बेटी कहीं शादी में गये थे। घटना के दिन काकी उर्फ संतोष बाई उसका लड़का अनिल और बाबु आष्टा आ गये और रात का इंतजार करने लगे। पहले ये लोग समय काटने के लिये अस्पताल में घूमते रहे उसके बाद इन्होने आष्टा में पिक्चर देखी और होटल में खाना खाया तथा बाबु ने शराब ली और ये तीनों अंधेरे में दशहरा मैदान होते हुए खेड़ापति तालाब पर जा पहुँचे। यहाँ पर इनकी नींद लग गई सुबह-सुबह 3 से 4 के बीच इनकी नींद खुली और ये पीछे के रास्ते से मथरी बाई के मकान के पीछे पहुँचे और पीछे से छत पर बाबु और अनिल चढ़ गये काकी नीचं निगाह रखे हुए थी छत पर पहुँचकर इन्होने मथरी बाई के जेवर उतारे तो वो जाग गई जागते ही मथरी बाई ने इन दोनो को देखा तो पहचान लिया कि तुम तो उस दिन वहाँ आये थे और मथरी बाई ने विरोध करना शुरु किया तो इन दोनो ने छत पर पड़ी ईंट से तीन चार बार मथरी बाई के मुँह सिर आदि पर किये वृध्द और कमजोर होने के कारण वो यादा सहन नहीं कर सकी और मर गई। एक पैर के कड़े जब नहीं खुले तो इन दोनो ने उसका पैर काटा और कड़े निकाल सभी जेवर लेकर उतरे तालाब में पहुँचे हाथ पैर धोए और ये दशहरा मैदान से इन्दौर भोपाल रोड पर आ गये यहाँ ट्रक को हाथ दिया और कोठरी पहँच गये। इन्होने कोठरी पहुँर कर मथरी बाई के शरीर से उतारे जेवर एक अन्य ग्राम में एक गड्डु में छुपा दिये। लेकिन हत्यारा बाबु रोजाना उक्त जेवरों को बेचकर हिस्सा देने को कहता लेकिन काकी यह कहकर टाल देती थी कि अगर जेवर बेचने गये तो पकड़े जायेंगे। एक दिन तो ये लो इन्दौर जेवर बेचने पहुँचे भी लेकिन बेच नहीं पाये। एक दिन बाबु को जब पैसों की अधिक आवश्यकता पड़ी उस दिन बंटवारे को लेकर विवाद हुआ बाबु ने नशे में कहीं उक्त बातें कर दी और वो पुलिस तक पहुँच गई और पुलिस ने इन्हे दबोच लिया। पुलिस ने घटना के दिन पहने कपड़े, जिस हथियार से पैर काटा वो, 1 जोड़ चाँदी के कड़े, हाथ की चार चूड़ी आदि तो बरामद कर लिये लेकिन गलसरी और कान की टोंटी बरामद नहीं हुई प्रयास किया जा रहा है।
काकी के पास ट्राली भी है- काकी कौन है क्या स्थिति है गांव में उसके प्रति क्या विचार है के बारे में जब कोठरी के कुछ लोगों से जानकारी ली तो बताया कि काकी यहाँ की चर्चित महिला है कोठरी वालों ने बताया कि काकी इतनी पैसे वाली हो गई है कि उसके पास 10 पहियों वाला ट्राला है। घटना की जानकारी थाना प्रभारी अतीक अहमद खान ने फुरसत को विस्तृत दी।
काकी गई जेल, दो रिमांड पर
तीन आरोपियों को आज न्यायालय में पेश किया गया यहाँ से काकी को जेल भेजा गया तथा दो अन्य आरोपी को 26 तक रिमांड पर दिया गया है।


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