सीहोर 29 मई (नि.सं.)। नगर पालिका में इन दिनों किराये पर ली गई टाटा सूमों चर्चा में है। यह जहाँ अधिकारियों के लिये ऐश का साधन बन गई है वहीं इसकी लम्बी-लम्बी यात्राएं भी चर्चा में है जबकि आये दिन इसकी दूसरे विभाग के लोगों को की जा रही सप्लाई भी चर्चा में रहती है। हालांकि जितने किराये पर यह आई है उससे दुगने के इसके बिल बन रहे हैं लेकिन इतना भ्रष्टाचार को नगर पालिका में आम बात है, इतनी बात के लिये जांच करने का मन तो नगर पालिका अध्यक्ष का भी नहीं होता.....लेकिन खास चर्चा यह है कि यह कोटा तक गई थी तो कौन-से जल स्त्रोतों का भ्रमण करने गई थी....।
पहले गड़बड़ झाले की बात कर लें मसलन नगर पालिका में एक टाटा सूमों जो चर्चाओं में बनी हुई है उसे कब से किराये पर लिया गया है और किस कार्य के लिये उसे किराये पर लाये हैं। असल में जरा-से जल वितरण कार्य के लिये इस टाटा सूमों को नगर पालिका ने किराये पर लिया है ताकि नगर में पेयजल व्यवस्था का लगातार निरीक्षण किया जा सके। सिर्फ इतने कार्य के लिये इस सूमो वाहन को किराये पर लगाया गया है।
अब जांच का विषय यह है कि 1 अप्रैल से नगर पालिका ने जल वितरण के लिये नये सिरे कार्य शुरु किया है, और 1 अप्रैल से ही सारे टेंकर आदि शुरु हुए हैं, लेकिन इस टाटा सूमों के लिये 17 मार्च से ही बिल कटना शुरु होने की जानकारी है। तो फिर करीब 13 दिन पहले यह कैसे किराये पर लगा ली गई है इसकी जांच की जाना चाहिये।
अंदर की गणित जो नगर पालिका के कर्मचारियों के बीच चर्चाओं में है वह यह है कि एक निजी ट्रेवल्स से इसे 300 रुपये प्रतिदिन के किराये पर लिया जाकर इसका प्रतिदिन 550 रुपये का बिल बनाया जा रहा है। यह चर्चा फैलती जा रही है इसकी जांच की जाने की आवश्यकता है। क्या ट्रेवल्स वाले ने वाकई 550 रुपये रोज पर किराये पर दी है या कम पर दी है या कुछ और ही बात है क्योंकि इसमें पूरा डीजल भी नगर पालिका का डलता है।
जल कार्य के लिये लगाई गई टाटा सूमों अब तक नगर पालिका के कितने जल स्त्रोतों का भ्रमण करने गई है यह तो राम ही जाने लेकिन विदिशा, भोपाल से लेकर कोटा तक यह किन कामों से गई थी? इसमें कितना डीजल जलाया गया था ? इसकी भी जांच की आवश्यकता है? क्या नगर पालिका के जिले के बाहर भी जल स्त्रोत है जहाँ इस टाटा सूमों का जाना जरुरी था....?
खास बात यह है कि नगर पालिका के अलावा एक दूसरे विभाग के अधिकारी को खुश करने के लिये यह टाटा सूमो सप्लाई की जाती है क्या यह सच है इसकी जांच की जाने की आवश्यकता है। नगर पालिका में एक टाटा सूमों क्या आई है बस चर्चाओं में बनी हुई है। टाटा सूमों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं रहती हैं। देखते हैं इस टाटा सूमों में डल रहे डीजल और हो रहे काम तथा किराये पर नगर पालिका अध्यक्ष राकेश राय कब तक नजर डालते हैं......।