आष्टा 29 मई (नि.प्र.)। पाले से प्रभावित किसानों की गेहूं-चने की नष्ट हुई फसलो का निरीक्षण करने पहुचें पटवारियों ने किसानों को अपनी मनमानी का शिकार बनाकर आर्थिक नुकसान पहुचाने की पोल अब जब प्रभावितों को चैक मिल रहे है तब खुल रही है । मैना के कृषक मिश्रीलाल खाती ने तो तहसीलदार आष्टा को अपने हल्के के पटवारी की शिकायत की है।
मिश्रीलाल खाती ने फुरसत को बताया कि उनके 15 एकड़ के चने जल गये पटवारी सर्वे करने आया तो उसने मौके पर ही 80प्रतिशत नुकसान होना पेन्सिल से लिखा लेकिन अब जब चैक मिला तो 15 एकड़ में नष्ट हुई फसल का मात्र 9 हजार रुपये मुआवजा दिया जब पटवारी से बात की तो काफी असभ्यता से पेश आया और कहने लगा कि मै क्या करू कम्प्यूटर की गलती है । मिश्रीलाल खाती का कहना है कि अनकी 80 प्रतिशत से अधिक फसल नष्ट हुई शासन के मापदंड से उन्हें कम से कम 40 से 45 हजार का मुआवजा मिलना चाहिये था । यह तो एक किसान का मामला है ऐसे सैकड़ो किसान तहसील के चक्कर लगा रहे है । जिनका सर्वे के दौरान कुछ लिखा और मुआवजा कम मिला । आष्टा क्षैत्र में पटवारियों की इस हरकत से किसानों को काफी कम मुआवजा मिला है। जो किसानों में रोष का कारण बना हुआ है।