सीहोर 21 अप्रैल (नि.सं.)। नगर के चौराहों पर एक और चर्चा अब आम होती जा रही है कि पालिका में एक नेताजी ने कुएं की मुंडेर से अपने हाथ खर्च निकालने का नया प्रयोग शुरु कर रखा है वह चाहे जब कुएं की मुंडेर बनाई जाने की फर्जी फाईल बनाता है, और वाहन खर्च डीजल-पेट्रोल निकाल लेता है। आये दिन इनके वार्ड के कुंओं की नकली फर्जी फाईलें नगर पालिका के गलियारों से चौराहों तक चर्चा का विषय बन जाती है।
नगर पालिका में क्या-क्या चल रहा है इसको लेकर छोटे-से नगर में अनेक चर्चाएं आये दिन होती रहती हैं। तरह-तरह की फाईलों के किस्से, पार्षदों द्वारा अध्यक्ष पर बनाये जाने वाले दबाव, कभी नलकूप खनन, कभी पानी के टैंकर के किस्से, कभी कुछ चैक तो कभी कुछ और कहानी-किस्से चौराहों पर आ जाते हैं।
इन दिनों एक और किस्सा चौराहों पर चर्चा में है। विशेष कर नगर पालिका में ठेकेदारी करने वाले ठेकेदारों के बीच इसको लेकर चर्चा यादा है कि एक नेताजी अपने वार्ड में जो कुछेक कुएं हैं उनके नाम से नकली फाईल बना लेते हैं, इन कुंओं पर न तो कुछ काम होता है ना ही कुछ काम करने की गुंजाईश लेकिन इन कुंओं की बाउण्ड्री दीवार बनाये जाने के काम की यह नकली फाईलें बना लेते हैं। यह फाईलें कम से 40 से 45 हजार रुपये की होती हैं।
जिनमें दर्शाया जाता है कि कु एं की मजबूत सीमा दीवार बनाई गई। यह फाईलें भी सेटिंग करके पूरी करवा ली जाती है और फिर आराम से इसका भुगतान कराया जाता है। अब इन मुँह लगे नेताजी की फाईलें यहाँ नगर पालिका के कुछ ठेकेदारों को खासी अखरने लगी हैं क्योंकि नेताजी एक बिना बात की दादागिरी करते हैं और इस प्रकार नकली फाईलों से सूख रुपये ले उड़ते हैं। नेताजी भी तरक्की पर हैं, आज कल पूरी किट में नजर आते हैं, गाड़ी-घोड़े की भी कमी नहीं है, अब तो इनके जेब खर्च और डीजल-पेट्रोल का खर्च भी इसी से निकलता है। नगर पालिका में आये दिन ऐसी नकली फाईलें बनाने में महारथ रखने वाला एक युवक जो नगर पालिका में ही कार्य करता है को पिछले दिनों कुछ कार्यों से हटा भी दिया गया है लेकिन इसके बावजूद यह अपनी कला का भरपूर लाभ उठाकर कई लोगों की नकली फाईलें बनाने में जुटा हुआ है। चौराहों पर होने वाली इस तरह चर्चाओं पर यदि यकीन किया जाये तो लगता है कि नगर पालिका सीहोर में जितनी असली फाईलें भुगतान के लिये लंबित नहीे है उससे यादा नकली फाईलें यहाँ लंबित है। आखिरकार नगर पालिका के कर्ताधर्ताओं को इस तरह की अफवाहों को रोकने के कारगर उपाय करने चाहिये। ताकि जनता को भी कुछ विश्वास हो सके।