आष्टा 16 अप्रैल (नि.प्र.)। आष्टा मंडी के इतिहास में कल का काला दिन क्षैत्र का कोई भी नागरिक, व्यापारी, किसान, हम्माल, एवं प्रशासन नही भूल सकता है । कल हम्मालो के कारण मंडी में आक्रोशित हुए किसान ने जो कुछ किया आज भी मंडी के प्रांगण में उसकी काली छाया नजर आई । कल की घटना के बाद आष्टा मंडी पूरे देश में छाई रही । कल के बाद आज भी एसडीएम जी.व्ही.रश्मि, तहसीलदार बिहारी सिंह, मंडी सचिव छोटू खान लगातार हम्माल संघ से चर्चा करते रहे की हम्माली की दर पर व्यापारी और हम्मालो में समझौता हो जाये लेकिन ऐसा नही हो पाया था । कल मंडी में किसानों, हम्मालो ने जो कुछ किया और मंडी की सम्पत्ति, व्यापारियों के प्रतिष्ठानों, तोलकांटो, गेहूं साफ करने की मशीनों, दुपहिया, चुपहिया वाहनों को जिस प्रकार तोड़ा-फोड़ा गया उसकी रात्रि में मंडी सचिव ने आष्टा थाने में रिपोर्ट लिखित में कर पुलिस से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है । कल की घटना के बाद लग रहा था कि आज क्या होगा क्या कल जैसा तनाव रहेगा अगर किसानों की उपज आयेगी और जो आज की बची है । उसकी नीलामी हो पायेगी और वो कैसे तुलेगी लेकिन आज सब शंका निराधार साबिह हुई क्योंकि आज मंडी में लगभग 14-15 ट्रेक्टर कृषि जिन्स लेकर पहुंचे , व्यापारी नीलामी में भी पहुंचे माल नीलाम हुआ, कृषक हम्मालो ने माल तौला भी और सब कुछ मंडी में तनाव पूर्ण माहौल शांत रहा लेकिन आज केवल डेढ़ से 2 हजार बोरे थे इसलिए काम काज निपट गया लेकिन अगर कल आवक बढ़ी तो क्या मंडी प्रशासन आई आवक की व्यवस्था करने को तैयार है इसको लेकर जरूर शंका नजर आई है । आज फुरसत को मंडी सचिव छोटूखान ने बताया कि आज भी पीछले 13-14 दिनों की तरह हम्मालो से चर्चा जारी रही उन्होंने बताया कि हमने शुजालपुर-सीहोर मंडी से हम्माली की दर मगाई तो पाया आष्टा में पहले से ही वहां से ज्यादा दर दी जा रही है । फिर भी हमने प्रयास किये तो व्यापारी लगभग 20 से 25 प्रतिशत दर बढाने को तैयार हो गये है । कल जो घटना घटी उससे वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया । आज न.पा. की गैंग लगाकर मंडी में पडे पत्थर टूटे कांच आदि को साफ करवा दिया । आज न.पा. के सीएमओ दीपक राय भी मंडी में नजर आये । छोटू खान ने बताया कि कल कलेक्टर श्री सिंह के निर्देश पर हम्माल संघ के भगवान दास कुशवाह, रामसिंह कुशवाह, राजू मालवीय, मनोज कुशवाह, कमलसिंह मेहरा, करण कुशवाह, मोहन मेवाड़ा के लाइसेंस निरस्त कर दिये गये । ये सभी हम्माल संघ के पदाधिकारी बताये जाते है । कल जब घटना घटी तब जान-माल की रक्षा के लिए व्यापारी सुरक्षित स्थानों पर चले गये थे। लेकिन आज जब उन्हें जानकारी लगी कि कल उनकी दुकानों में जो तोड-फोड हुई उनके वाहन तोलकांटे, मशीनो को नष्टा किया उसमें किसान कम थे और अन्य लोग आगे थे । ये अन्य कौन थे इनकी खोजवीन की जा रही है कि किसानो की आड़ में यह सब कुछ किसने किया , मंडी सचिव ने बताया कि कल उपद्रवियो ने लगभग इलैक्ट्रानिक तौल कांटे क्षतिग्रस्त किये, कई कांटो की बैटरी निकालकर ले गये । सुरक्षा की दृष्टि से आज मंडी प्रांगण में सशस्त्र बल, ब्रज वाहन, फायर बिग्रेड आदि तैनात नजर आये । पुलिस थाने में आई विभिन्न रिपोर्ट की जांच भी मंडी में कर रही है । वही मंडी द्वारा कल उपद्रव में कितना नुक सान हुआ इसका आकंलन करने में जुटा हुआ है । अनुमान है कि नुकसान लाखो मे हुआ है ।
मंडी में जों कुछ तांडव हुआ उसके पीछे आदृश्य चेहरे भी है यह व्यापारियों ने बैठक में अधिकारीयों से कहकर ऐसे चेहरो की पहचान करने की बात कही । मंडी में व्यापारियो की दुकानों पर जमकर नुकसान किया व्यापारियों ने कहा कि किसानो के साथ इस कार्य में हम्माल भी है इन्हें खोजा जाये । मंडी मे विवाद के बाद कई किसान अपनी कृषि उपज को नीलाम कराये बिना घर ले गये । जिन किसानों की उपज पलटकर व्यापारियों के बोरो में भरा गई थी किसान बोरे सहित अपनी उपज ले गये । उपद्रवियो ने मंडी का इलेक्ट्रानिक तोल कांटे का कक्ष एंव सूचना केन्द्र के कांच फोड डाले । कलेक्टर ने हम्माल संघ अध्यक्ष से विनम्र निवेदन तक कर डाला था । कि इस वक्त किसानो को आप सब की आवश्यकता है मान जाये । व्यापारियों का कहना था कि आज हमे बिना गुनाह की सजा दुकानो में तोड-फोड नुकसान करके दी गई है । व्यापारी संघ के पूर्व अध्यक्ष संतोष झंवर, मुकेश बड़जात्या, सुनील जैन ने कलेक्टर से कहा कि ऐसा अन्याय हम कब तक सहेंगे क्या हमे अपना मान-सम्मान खोकर व्यापार करना पड़ेगा । आज विवाद मंडी के स्तम्बो का था लेकिन कई नेता वहां भी नेतागिरी करने में नही चुके । समझौता नही हो पाया। इसके पीछे कुछ लोग एक कारण इसे भी मान रहे है । कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि अगर हम्माल संघ नही मानता है तो व्यापारी अन्य व्यवस्था के बारे में सोचना शुरू कर दे । किसानों को परेशान नही होने दिया जायेगा । मंडी में आज किसान बलबहादूर, विजेन्द्र सिंह, हरपाल ठाकूर, सौभाल सिंह, कुमेरसिंह, भी मध्यता करते रहे । कई किसानों ने खुलकर कहा कि व्यापारियों के यहां तोड फोड में कई हम्माल आगे थे । आष्टा मंडी के इतिहास में कल का दिन इतिहास के पन्नों में लिखा गया क्योंकि जो कुछ कल हुआ मंडी के इतिहास में आज तक नही हुआ । कल यह भी बात खुलकर आई की हम्माल संघ के कई सदस्य समझौता कर कार्य कार्य करना चाह रहे थे लेकिन उन्हें जबरन रोका गया । इसमें किसका हित स्वार्थ था यह भी एक विषय था । कल की घटना के बाद मंडी प्रशासन व्यापारियों का उबरने के लिए काफी समय लगेगा वही जो कटूता एक -दूसरे में आ गई है वो कैसे दूर होगी इसकी और प्रशासन को ध्यान देना होगा । कल की घटना के बाद मंडी प्रशासन की कई लापरवाही सामने आई वही यह भी चर्चा उठी कि आष्टा को एक दबग अधिकारी की आवश्यकता है कलेक्टर सीहोर को इस और गंभीरता से ध्यान देना चाहिये ।