अभिभाषक मण्डल राज्यपाल व मुख्यमंत्री से मिला
सीहोर 12 मार्च (फुरसत)। आज अभिभाषक संघ ने एक दिवसीय काम बंद रखा, साथ ही अनेक प्रस्ताव भी पास किये गये। जिस प्रकार नियमों के विपरीत दमनात्मक कार्यवाही की गई है उससे सभी अभिभाषक नाराज दिखे। आज मध्य प्रदेश राय अभिभाषक संघ के अध्यक्ष पूर्व सांसद वरिष्ठ नेता रामेश्वर नीखरा भी सीहोर आये उन्होने दमनात्मक कार्यवाही का स्थल देखा और दुख व्यक्त किया।
आज अभिभाषक संघ ने जिला न्यायालय परिसर के बाहर एक टेंट लगाकर बकायदा धरना दिया। यहाँ सारे वरिष्ठ अभिभाषक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
आज आये पूर्व सांसद व मध्य प्रदेश राय अभिभाषक संघ के अध्यक्ष रामेश्वर नीखरा ने यहाँ दमनात्मक कार्यवाही का स्थल देखा और वहाँ जिस प्रकार सारी दुकान अंदर तक तोड़ दी गई उस पर काफी नाराजगी व्यक्त की। इस संबंध में उन्होने अभिभाषकों से बातचीत करते हुए कहा कि यह किसी भी पद का दुरुपयोग है। वकीलों से लड़ना संबंधित प्रशासन और अधिकारियों को महंगा पड़ेगा। यह हिटलर शाही है। श्री नीखरा ने कहा कि यह कृत्य की जितनी निंदा की जाये उतनी कम है। हम न्याय के पुजारी हैं और न्याय के मंदिर में गुहार लगायेंगे जहाँ हमारी ही जीत भी अवश्य होगी। श्री नीखरा ने घटनास्थल पर अंदर तक जाकर तोड़ा गया सामान देखकर नाराजगी व्यक्त की।
इसके बाद शाम 4 बजे के बाद प्रदेश अध्यक्ष श्री रामेश्वर नीखरा पूर्व सांसद के नेतृत्व में 11 सदस्यीय सीहोर अभिभाषक संघ का प्रतिनिधि मण्डल भोपाल माननीय रायपाल जी से मिला, जहाँ श्री नीखरा ने रायपाल को बताया कि किस प्रकार प्रशासन दमनात्मक कार्यवाही लगातार जारी किये हुए है। यहाँ माननीय श्री रायपाल महोदय काफी नाराज भी हुए और उन्होने इस संबंध में खुद मुख्यमंत्री से भी बातचीत की। इतना ही नहीं मामले में नाराज माननीय रायपाल महोदय ने मुख्य सचिव से भी बातचीत कर लताड़ा और कहा कि क्या सीहोर में रावण राज है या कंस राज चल रहा है। क्या मैं खुद वहाँ जाकर अब निरीक्षण करुं।
उन्होने कहा कि क्या विधानसभा से लेकर प्रदेश के मंत्रियों से भी बढ़कर हो गये हैं सीहोर के कलेक्टर और एसपी। उल्लेखनीय है कि कल विधानसभा में विधायक सजन वर्मा ने इस मामले में ध्यानाकर्षण लगाया था जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी ने विशेष रुप से गृहमंत्री को आगामी समस्त कार्यवाही रोकने को कहा था लेकिन इसके बावजूद लगातार कार्यवाही जारी है।
इसके बाद यही प्रतिनिधि मण्डल मुख्यमंत्री से एरोड्रम पर मिला और उन्हे बताया कि किस प्रकार पूरे जिले में उन्ही के क्षेत्र में वातावरण दूषित हो रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि मैं मामले में वाकई गंभीर हूं और मैने जांच अधिकारी संभाग आयुक्त को नियुक्त किया है। तब अभिभाषकों ने मुख्यमंत्री का ध्यान दिलाया कि आपके क्षेत्र में छवि धूमिल हो रही है, जांच अधिकारी नियुक्त करने से नहीं कार्यवाही करने से बात बन पायेगी। श्री सिंह ने कहा दो दिन में मामला निपटाता हूँ।
सूत्रों का कहना है कि अभिभाषक संघ आगामी तीन दिन तक रेवेन्यू कोर्ट का भी बहिष्कार करेगा।
आज अभिभाषक संघ ने जिला न्यायालय परिसर के बाहर एक टेंट लगाकर बकायदा धरना दिया। यहाँ सारे वरिष्ठ अभिभाषक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
आज आये पूर्व सांसद व मध्य प्रदेश राय अभिभाषक संघ के अध्यक्ष रामेश्वर नीखरा ने यहाँ दमनात्मक कार्यवाही का स्थल देखा और वहाँ जिस प्रकार सारी दुकान अंदर तक तोड़ दी गई उस पर काफी नाराजगी व्यक्त की। इस संबंध में उन्होने अभिभाषकों से बातचीत करते हुए कहा कि यह किसी भी पद का दुरुपयोग है। वकीलों से लड़ना संबंधित प्रशासन और अधिकारियों को महंगा पड़ेगा। यह हिटलर शाही है। श्री नीखरा ने कहा कि यह कृत्य की जितनी निंदा की जाये उतनी कम है। हम न्याय के पुजारी हैं और न्याय के मंदिर में गुहार लगायेंगे जहाँ हमारी ही जीत भी अवश्य होगी। श्री नीखरा ने घटनास्थल पर अंदर तक जाकर तोड़ा गया सामान देखकर नाराजगी व्यक्त की।
इसके बाद शाम 4 बजे के बाद प्रदेश अध्यक्ष श्री रामेश्वर नीखरा पूर्व सांसद के नेतृत्व में 11 सदस्यीय सीहोर अभिभाषक संघ का प्रतिनिधि मण्डल भोपाल माननीय रायपाल जी से मिला, जहाँ श्री नीखरा ने रायपाल को बताया कि किस प्रकार प्रशासन दमनात्मक कार्यवाही लगातार जारी किये हुए है। यहाँ माननीय श्री रायपाल महोदय काफी नाराज भी हुए और उन्होने इस संबंध में खुद मुख्यमंत्री से भी बातचीत की। इतना ही नहीं मामले में नाराज माननीय रायपाल महोदय ने मुख्य सचिव से भी बातचीत कर लताड़ा और कहा कि क्या सीहोर में रावण राज है या कंस राज चल रहा है। क्या मैं खुद वहाँ जाकर अब निरीक्षण करुं।
उन्होने कहा कि क्या विधानसभा से लेकर प्रदेश के मंत्रियों से भी बढ़कर हो गये हैं सीहोर के कलेक्टर और एसपी। उल्लेखनीय है कि कल विधानसभा में विधायक सजन वर्मा ने इस मामले में ध्यानाकर्षण लगाया था जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी ने विशेष रुप से गृहमंत्री को आगामी समस्त कार्यवाही रोकने को कहा था लेकिन इसके बावजूद लगातार कार्यवाही जारी है।
इसके बाद यही प्रतिनिधि मण्डल मुख्यमंत्री से एरोड्रम पर मिला और उन्हे बताया कि किस प्रकार पूरे जिले में उन्ही के क्षेत्र में वातावरण दूषित हो रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि मैं मामले में वाकई गंभीर हूं और मैने जांच अधिकारी संभाग आयुक्त को नियुक्त किया है। तब अभिभाषकों ने मुख्यमंत्री का ध्यान दिलाया कि आपके क्षेत्र में छवि धूमिल हो रही है, जांच अधिकारी नियुक्त करने से नहीं कार्यवाही करने से बात बन पायेगी। श्री सिंह ने कहा दो दिन में मामला निपटाता हूँ।
सूत्रों का कहना है कि अभिभाषक संघ आगामी तीन दिन तक रेवेन्यू कोर्ट का भी बहिष्कार करेगा।