सीहोर 27 मार्च (नि.सं.)। अधिवक्ता, पत्रकार रामनारायण ताम्रकार के साथ जिला प्रशासन द्वारा की गई दमनात्मक कार्यवाही के मामले में अब मानव अधिकार आयोग ने जांच शुरु कर दी। आयोग ने दो मामले कायम कर पुलिस महानिरीक्षक भोपाल रेंज से तीन दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिये हैं।
जिला अभिभाषक संघ संघर्ष समिति के प्रवक्ता के.यू.कुरैशी ने बताया कि संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधि मंडल अध्यक्ष मेहरबान सिंह बलभद्र के नेतृत्व में मानव अधिकार आयोग पहुँचा था।
जहाँ संघर्ष समिति ने तथा सुमन ताम्रकार ने 10 मार्च को बस स्टेंड स्थित संस्थान पर कलेक्टर राघवेन्द्र सिंह के आदेश पर सी.एम.मिश्रा, राजेश शाही, धीरेन्द्र श्रीवास्तव, नरेन्द्र चौहान, राजीव सक्सेना के साथ नगर पालिका, पुलिस प्रशासन, लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों ने अमानवीय तरह से ताम्रकार परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट कर उनकी निजी स्वामित्व की भूमि पर बने संस्थानों, अभिभाषकीय कार्यालय को पूरी तरह ध्वस्त कर 25 लाख रुपया से अधिक की क्षति पहुँचाई। उससे सीधे-सीधे मानवीय अधिकारों का हनन हुआ है।
मानव अधिकार आयोग की एक सदस्यीय बेंच ने सम्पूर्ण मामले को सुना, अभिलेख तथा छायाचित्रों का अवलोकन कर प्रकरण प्रथम दृष्टी में गंभीर मानवीय प्रताड़ना का पाकर दर्ज करने के निर्देश दिये।
आयोग के सदस्य नारायण सिंह आजाद ने शिकायत की प्रति पुलिस महानिरीक्षक भोपाल रेंज को भेजकर निर्देशित किया कि वह दोनो मामलों में 28 मार्च तक अपनी रिपोर्ट दें। इस प्रतिनिधि मण्डल में श्री बलभद्र के अलावा वरिष्ठ सदस्य के.यू.कुरैशी, एन.पी.उपाध्याय, वी.के. श्रीवास्तव शामिल थे।