खास बात एक और है कि सिमी की ही शाहीन फोर्स जिसमें 10 वीं तक के बच्चें शामिल किये जाते हैं उसका भी खुलासा होना बाकी है। इस बात की भी पुलिस जांच कर रही है कि शफदर नागौरी और कमरुद्दीन कितने बार सीहोर आये और कहाँ-कहाँ उन्होने बैठकें ली। शफदर नागौरी के सीहोर आने के और कुछ दिन रुकने सबूत भी पुलिस को हाथ लगे हैं। आज की कार्यवाही में यह भी खुलासा हुआ है कि शफदर नागौरी सिमी का महासचिव है जबकि उसके अन्य पदाधिकारी कौन-कौन है यह बात सामने आना बाकी है। हैरत अंगेज तथ्य यह है कि सीहोर पुलिस चिल्ला-चिल्लाकर यह बात कह रही है कि अनेक जिलों का नाम उसे मिले हैं लेकिन सीहोर का ही नाम उसमें नहीं है। क्या यह संभव है कि प्रदेश भर में सिमी की जानकारी रखने वाले सिमी के गुर्गे सीहोर में अपने संगठन को खड़ा नहीं कर सके थे या फिर उन्होने पुलिस को ही चकमा दे डाला है। अभी यह जांच का विषय है कि सीहोर में कितने और 2-4 या दर्जन भर कार्यकर्ता सिमी के मौजूद हैं ?
सिमी के दस्तावेजों में इस बात का उल्लेख है कि यह संगठन वर्तमान व्यवस्था को ध्वस्त मानता है कि सभी इस्लाम पर चलें। बावरी मस्जिद की शहादत के बाद को लेकर भी पम्पलेटों में उल्लेख है। सबसे गंभीर पहलु यह है कि 1999 में भी करीम पुलिस के चंगुल में फंस गया था लेकिन पम्पलेट किसी के द्वारा दे दिये जाने की बात कहकर वह बच निकला था इस बार पुलिस बारीकी से हर पहलू पर जांच कर रही है।