आष्टा 8 मार्च (फुरसत)। बड़े ही पुण्यों से आज जो यह जीवन मिला है यह राग के लिए नही वैराग्य के लिए है । सभी तीर्थकरों ने फरमाया है कि 8 वर्ष की उम्र में दीक्षा ग्रहण करना चाहिये । भगवान के कुछ कर्म ऐसे थे इसलिये उन्होंने शादी की लेकिन शादी के वक्त भी उनके भाव भोग के नही वैराग्य के थे । भगवान ने जो बताया को करने जैसी बात है । भगवान ने जो किया वो सभी करें यह जरूरी नही ।
उक्त उद्गार प्रतिष्ठा महोत्सव के सातवें दिन श्री नेमिनाथ श्वैताम्बर जैन मंदिर परिसर में पूज्य आचार्य देव श्रीमद् विजय जयवर्धनन सू.म.सा. ने भगवानके लग् एवं राज्याभिषेक दिवस के अवसर धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहे । आचार्य श्री ने आगे कहा कि राग की प्रवृत्ति के समय भी भगवान के मन में जो भाव थे वो राग के नही वैराग्य के थे । सभी का यह पुण्योदय है कि उन्हें भगवान के पांचों कल्याणक प्रत्यक्ष देखने को मिल रहे हैं। संसार के रूप को आकर्षक तो होता ही है, लेकिन रूप देखकर स्वरूप बढ़ना चाहिये । आचार्य श्री ने कहा कि संसार में छ: प्रकार की आत्मा दिखा ही है , ये है अधमाधम, अधम, विमध्यम, मध्यम, उत्तम, और उत्तमोत्तम, आचार्य श्री ने उक्त छ: आत्मा के बारे में विस्तार से बताया, उन्होंने कहा कि समय मिला है धर्म करो ताकि आपका अगला भव सुधर जाये । आचार्य श्री ने कहा की वैराग्य, विद्या और विवेक से विरती और विरती से मुक्ति मिल जाती है। पूज्य पन्यास प्रवर श्री हर्षतिलक विजय जी म.सा. ने भी अपने विचार रखे । आज प्रात: प्रतिष्ठा महोत्सव में मंदिर जी में गुरूमूर्ति के अभिषेक, लग् महोत्सव, मामेरा, पार्श्वनाथ महापूजन, भगवान का राज्याभिषेक एवं नवलोकांतिक देवों की विनती आदि के कार्यक्रम संपन्न हुए । भरी राज्यसभा में राजकन्या द्वारा राजकुमार पार्श्वकुमार का तिलक किया । राज्याभिषेक की विधि संपन्न होने के बाद कलाकार मोहनभाई द्वारा सिर पर गागर के ऊपर एक नन्हें बालक को बिठाकर नृत्य प्रस्तुत किया । आष्टा के मण्डल द्वारा भी विशेष वेशभूषा धारण कर जय-जय नन्दा, जय-जय भद्दा, के साथ नृत्य प्रस्तुत किया । मुम्बई श्रीपाल नगर निवासी अरूणाबेन कुमार पाल भाई झवेरी परिवार द्वारा मामेरा किया गया । वहीं भगवान के माता-पिता ने मामेरे में आये सभी लोगों का बहुमान किया। आज कई बोलियां भी लगाई गई वही आज शुभमुहूर्त में भगवान श्री नेमिनाथ जी की प्रतिष्ठा का चढ़ावा की शुरूआत हुई। आज नवकारसी का लाभ लेने वाले लाभार्थी गोरधन लाल, बसन्तीलाल, बडें ग़ांव वालों का बहुमान राजमल, छगनमल संचेती परिवार के नवनीत संचेती ने किया । पूजन का लाभ लेने वाले लाभार्थी श्रीमति हीराबेन, राजेश भाई, बाबूभाई मोदी परिवार, मुम्बई का बहुमान योगेश भाई, जयंत भाई मेहता द्वारा किया गया । आज वाराणसी नगरी पर भगवान का विवाह, मामेरा, राज्याभिषेक आदि के कार्यक्रम की उपस्थित नागरिकों ने जमकर अनुमोदना की। 9 मार्च को प्रात: 8.30 बजे भगवान की दीक्षाकल्याणक का ऐतिहासिक वरघोड़ा किला मंदिर जी से प्रांरभ होगा, जिसको लेकर श्रीसंघ एवं प्रतिष्ठा महोत्सव समिति ने भव्य तैयारियां की है। सभी धर्मप्रेमी जनता से श्रीसंघ ने भगवान के वरघोड़े में शामिल होने की अपील की है ।
उक्त उद्गार प्रतिष्ठा महोत्सव के सातवें दिन श्री नेमिनाथ श्वैताम्बर जैन मंदिर परिसर में पूज्य आचार्य देव श्रीमद् विजय जयवर्धनन सू.म.सा. ने भगवानके लग् एवं राज्याभिषेक दिवस के अवसर धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहे । आचार्य श्री ने आगे कहा कि राग की प्रवृत्ति के समय भी भगवान के मन में जो भाव थे वो राग के नही वैराग्य के थे । सभी का यह पुण्योदय है कि उन्हें भगवान के पांचों कल्याणक प्रत्यक्ष देखने को मिल रहे हैं। संसार के रूप को आकर्षक तो होता ही है, लेकिन रूप देखकर स्वरूप बढ़ना चाहिये । आचार्य श्री ने कहा कि संसार में छ: प्रकार की आत्मा दिखा ही है , ये है अधमाधम, अधम, विमध्यम, मध्यम, उत्तम, और उत्तमोत्तम, आचार्य श्री ने उक्त छ: आत्मा के बारे में विस्तार से बताया, उन्होंने कहा कि समय मिला है धर्म करो ताकि आपका अगला भव सुधर जाये । आचार्य श्री ने कहा की वैराग्य, विद्या और विवेक से विरती और विरती से मुक्ति मिल जाती है। पूज्य पन्यास प्रवर श्री हर्षतिलक विजय जी म.सा. ने भी अपने विचार रखे । आज प्रात: प्रतिष्ठा महोत्सव में मंदिर जी में गुरूमूर्ति के अभिषेक, लग् महोत्सव, मामेरा, पार्श्वनाथ महापूजन, भगवान का राज्याभिषेक एवं नवलोकांतिक देवों की विनती आदि के कार्यक्रम संपन्न हुए । भरी राज्यसभा में राजकन्या द्वारा राजकुमार पार्श्वकुमार का तिलक किया । राज्याभिषेक की विधि संपन्न होने के बाद कलाकार मोहनभाई द्वारा सिर पर गागर के ऊपर एक नन्हें बालक को बिठाकर नृत्य प्रस्तुत किया । आष्टा के मण्डल द्वारा भी विशेष वेशभूषा धारण कर जय-जय नन्दा, जय-जय भद्दा, के साथ नृत्य प्रस्तुत किया । मुम्बई श्रीपाल नगर निवासी अरूणाबेन कुमार पाल भाई झवेरी परिवार द्वारा मामेरा किया गया । वहीं भगवान के माता-पिता ने मामेरे में आये सभी लोगों का बहुमान किया। आज कई बोलियां भी लगाई गई वही आज शुभमुहूर्त में भगवान श्री नेमिनाथ जी की प्रतिष्ठा का चढ़ावा की शुरूआत हुई। आज नवकारसी का लाभ लेने वाले लाभार्थी गोरधन लाल, बसन्तीलाल, बडें ग़ांव वालों का बहुमान राजमल, छगनमल संचेती परिवार के नवनीत संचेती ने किया । पूजन का लाभ लेने वाले लाभार्थी श्रीमति हीराबेन, राजेश भाई, बाबूभाई मोदी परिवार, मुम्बई का बहुमान योगेश भाई, जयंत भाई मेहता द्वारा किया गया । आज वाराणसी नगरी पर भगवान का विवाह, मामेरा, राज्याभिषेक आदि के कार्यक्रम की उपस्थित नागरिकों ने जमकर अनुमोदना की। 9 मार्च को प्रात: 8.30 बजे भगवान की दीक्षाकल्याणक का ऐतिहासिक वरघोड़ा किला मंदिर जी से प्रांरभ होगा, जिसको लेकर श्रीसंघ एवं प्रतिष्ठा महोत्सव समिति ने भव्य तैयारियां की है। सभी धर्मप्रेमी जनता से श्रीसंघ ने भगवान के वरघोड़े में शामिल होने की अपील की है ।