हवा थी इतनी कम कि सारे पैदल ले गये, हल्की
किस्म की साईकिल देखते रह गये कोटवार.....
किस्म की साईकिल देखते रह गये कोटवार.....
सीहोर 8 मार्च (फुरसत)। आज मध्य प्रदेश शासन की और से जिले भर के कोटवारों को बड़े स्तर पर नई साईकिलों का वितरण किया गया। नई साईकिल देखकर पहले तो कोटवार खासे खुश हुए लेकिन जब बाहर निकले तो पता चला कि उनमें तो हवा तक नहीं भरी है। साईकिल इतनी लुंज-पुंज थीं कि कोटवारों की खुली एक ही टिप्पणी थी कि भैया ये गांव के गड्डे में कैसे चल पायेगी।
करना धरना कुछ नहीं नाम दरोगा धर दो, वाली कहावत में यहाँ प्रशासन ने कोटवारों को आज साईकिल वितरित की, लेकिन साईकिल ऐसी दी गई कि बस नाम को ही साईकिल है, लेकिन मजबूती उसमें अपेक्षा से बहुत कम है।
सामान्य साईकिलों के वजन से लगभग आधे वजन की साईकिल को आज कोटवारों को बांटा गया। साईकिल में पहले पहल तो देखने पर पाया गया कि अधिकांश में हवा ही नहीं भरी थी। जब खोज हुई तो यह युक्ति समझ आई कि हवा इसलिये कम कि कोटवार यहाँ से जब जायें तो खुशी-खुशी जायें अगर हवा होगी तो बैठकर जायेंगे और बैठ गये तो कमजोर साईकिलें कहीं इधर-उधर न हो जाये इसलिये हवा कम थी। पूरे प्रदेश में करोड़ रुपये के लगभग की साईकिलें कोटवारों को बांटी गई हैं। हर साईकिल पर कम्पनी द्वारा लिखवा दिया गया है मध्य प्रदेश शासन को सप्लाई। इस प्रकार की साईकिले लेकर तहसील कार्यालय से बाहर निकले कोटवारों से जब फुरसत के प्रतिनिधि ने बात की तो उनका एक ही कहना था कि ऐसी साईकिल पर गांव में क्या काम होगा। गड्डो में कूदेगी तो चैस-कमानी कहां जायेगी पता ही नहीं चलेगा। साईकिल के कम वजन होने पर भी वह नाराज थे और एक हाथ से उठा-उठाकर बता रहे थे कि देखो इतने कम वजन की साईकिल में क्या खाक मजबूती होगी। लेकिन जब फ्री में मिल रही है तो ले तो जायें।
करना धरना कुछ नहीं नाम दरोगा धर दो, वाली कहावत में यहाँ प्रशासन ने कोटवारों को आज साईकिल वितरित की, लेकिन साईकिल ऐसी दी गई कि बस नाम को ही साईकिल है, लेकिन मजबूती उसमें अपेक्षा से बहुत कम है।
सामान्य साईकिलों के वजन से लगभग आधे वजन की साईकिल को आज कोटवारों को बांटा गया। साईकिल में पहले पहल तो देखने पर पाया गया कि अधिकांश में हवा ही नहीं भरी थी। जब खोज हुई तो यह युक्ति समझ आई कि हवा इसलिये कम कि कोटवार यहाँ से जब जायें तो खुशी-खुशी जायें अगर हवा होगी तो बैठकर जायेंगे और बैठ गये तो कमजोर साईकिलें कहीं इधर-उधर न हो जाये इसलिये हवा कम थी। पूरे प्रदेश में करोड़ रुपये के लगभग की साईकिलें कोटवारों को बांटी गई हैं। हर साईकिल पर कम्पनी द्वारा लिखवा दिया गया है मध्य प्रदेश शासन को सप्लाई। इस प्रकार की साईकिले लेकर तहसील कार्यालय से बाहर निकले कोटवारों से जब फुरसत के प्रतिनिधि ने बात की तो उनका एक ही कहना था कि ऐसी साईकिल पर गांव में क्या काम होगा। गड्डो में कूदेगी तो चैस-कमानी कहां जायेगी पता ही नहीं चलेगा। साईकिल के कम वजन होने पर भी वह नाराज थे और एक हाथ से उठा-उठाकर बता रहे थे कि देखो इतने कम वजन की साईकिल में क्या खाक मजबूती होगी। लेकिन जब फ्री में मिल रही है तो ले तो जायें।