Sunday, November 23, 2008

प्रतिष्ठा का प्रश्न बना आष्टा विधानसभा क्षेत्र

आष्टा 22 नवम्बर (नि.प्र.) मुख्यमंत्री के गृह जिले के आष्टा विधान सभा क्षेत्र में यह विधानसभा चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्‍न बनता नजर आ रहा हैं। इस प्रतिष्ठपूर्ण सीट पर प्रमुख राजनैतिक दल कांग्रेस और भाजपा के जिलाध्यक्षों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हैं,वही कांटे का मुकाबला होने की उम्मीद हैं।

      आष्टा विधानसभा सीट कांग्रेस ने इंजीनियर गोपाल सिंह चौहान को और भाजपा ने पूर्व विधायक रंजीत सिंह गुणवान, बसपा ने बापूलाल मालवीय, और भाजश ने चुन्नीलाल मालवीय को मैदान में उतारा हैं। श्री चौहान तो दो तीन माह से क्षेत्र के ग्रामीण आंचलों में संपर्क भी कर रहे हैं। आष्टा विधानसभा सीट पर चुनाव इसबार रोचकता के साथ प्रतिष्ठापूर्ण होगा। इस प्रदेश भर के नेताओं की नजरें रहेंगी। भाजपा के पूर्व विधायक रंजीत सिंह गुणवान को पिछले चुनाव में टिकिंट देने के बाद वापिस लेने पर चुप्पी साधने के साथ उनकी स्वच्छ छवि सभी समुदाय में गहरी पेठ को देखते हुए वर्ष 2008 के चुनाव में टिकिट दिया हैं।

       जिला भाजपा अध्यक्ष ललित नागौरी,जिला सहकारी संघ अध्यक्ष देवीसिंह परमार, ग्रामीण नगर भाजपा अध्यक्ष धरमसिंह आर्य, संतोष झंवर, कृपालसिंह ठाकुर, मुकेश बड़जात्या, भटोनीलाल खण्डेलवाल आदि गुणवान का मोर्चा संभाले हुए हैं। गुणवान अपनी लोकप्रियता की दम के साथ मतदाताओं कार्यकर्ताओं के स्नेह पर पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में हैं।

      कांग्रेस के गोपाल इंजीनियर के लिए जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश परमार अपनी टीम के साथ मौर्चा संभाले हुए हैं। उन्हें वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी की सामना भी करना पड़ रहा है,फिर भी वे गंभीरता से इस चुनावी जंग को जीतना चाहते हैं। गांवो मे पूरी ताकत श्री परमार लगा रहे हैं।

      जीतने की दमदारी के साथ टिकिट दिलाकर लाऐं है उतनी ही दमदारी से विजय दिलाने हेतु जुटें हुए हैं कांग्रेस छोड़कर बसपा का दामन थामने वाले बापूलाल मालवीय को जातिगत समीकरण का लाभ मिलने की संभावना है उनकी भी ग्रामीण क्षेत्रों मे अच्छी पकड़ हैं।

      प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलसिंह चौहान अपने भाई दिवंगत फूलसिंह चौहान की छवि को भुनाने का लुभाने का प्रयास कर रहें हैं।