Sunday, November 23, 2008

दो सौ मीटर दूर होगा पर्ची बांटने वाला बूथ

सीहोर 22 नवम्बर (नि.सं.)। मतदान वाले दिन मतदाताओं को  मतदाता सूची में मांक बताने के लिए बनाए जाने वाला बूथ मतदान केन्द्र से दो सौ मीटर दूर होगा। जिला निर्वाचन अधिकारी डी.पी. आहूजा ने निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों का हवाला देते हुए बताया है  कि इस चुनाव में मतदान के दिन मतदाताओं को मतदाता सूची में  उनका मांक बताने के लिए बनाए जाने वाला बूथ मतदान केन्द्र से 200 मीटर की दूरी पर ही बनाया जा सकेगा।

      बूथ में केवल एक टेबिल और दो कर्सियां रखने की ही इजाजत होगी। बूथ को किसी भी सूरत में कवर्ड नहीं किया जायेगा। किसी एक भवन में एक से ज्यादा मतदान केन्द्र होने की दशा में भी केवल एक बूथ ही बनाया जा सकेगा।

केवल सफेद पर्ची ही दी जायगी

      जिला निर्वाचन अधिकारी डी.पी.आहूजा ने यह ताकीद की है कि मतदान केन्द्र की 200 मीटर परिधि से दूर बनाए गए इन बूथों पर मतदाताओं को जो पर्ची दी जायगी वह केवल सफेद कागज की होगी। उस पर केवल मतदाता का मांक लिखा होगा। पर्ची पर अन्य कोई नाम या चिन्ह लिखा होने की सूरत में दण्डात्मक कार्यवाही की जायगी।

बूथ पर जमावडा नहीं होगा

      जिला निर्वाचन अधिकारी डी. पी.आहूजा ने यह साफ तौर पर कहा है कि बूथों पर किसी भी सूरत में भीड़ इकट्ठी नहीं होगी। मतदान करने के बाद कोई भी मतदाता इन बूथों पर जमा नहीं होंगे। निर्वाचन आयोग के निर्देशों का सख्ती से पालन कराया जायगा। इसके बाबजूद यदि किसी व्यक्ति द्वारा निर्देशों की अवहेलना की जाती है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायगी। इस तरह की कार्यवाही के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट, जोनल अधिकारी और पुलिस के अधिकारी समक्ष होंगे।

पीठासीन अधिकारी का अधिकार क्षेत्र

      जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आहूजा ने कहा है कि मतदान के दिन मतदान केन्द्र की 100 मीटर परिधि पीठासीन अधिकारी का अधिकार क्षेत्र कहलायगी। इस परिधि में मोबाइल फोन, कार्डलेस और वायरलेस आदि ले जाने की सख्त मनाही रहेगी। कानून व्यवस्था में लगे अधिकारी, मतदान केन्द्र पर तैनात पुलिस अधिकारी  कर्मचारी, भारत निर्वाचन आयोग के प्रेक्षक, सेक्टर मजिस्ट्रेट और जोनल अधिकारी को छोड़ कोई भी व्यक्ति इस परिधि में मोबाइल, सेलफोन, वायरलेस या अन्य किसी भी तरह का सामान लेकर नही जा सकेगा।

 

 

 

 

दूसरे राज्‍यों के नेताओं को सुरक्षा

      सीहोर 22 नवम्बर (नि.सं.)। चुनाव आयोग ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रचार के सिलसिले में आने वाले अन्य राज्यों के नेताओं की सुरक्षा को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों के मुताबिक इन राजनैतिक पदाधिकारियों के निजी सुरक्षा वाहन और गार्डों को साथ लेकर यहाँ दौरा करने की इजाजत नहीं होगी। उन्हें अपनी पूर्व निर्धारित सुरक्षा श्रेणी के हिसाब से सुरक्षा कर्मी दिए जाएंगे। इन्हें प्रदेश में पहुंचने के तीन दिन पहले बाकायदा इसकी सूचना देनी होगी। ऐसे पदाधिकारियों के सभी दौरों की वीडियोग्राफी की जाएगी।

      कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री डी.पी.आहूजा ने निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के हवाले से बताया है कि किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति को किस तरह की सुरक्षा दी जाए यह निर्णय तयशुदा प्रक्रिया को अपनाते हुए केन्द्र और राज्य सरकार करती हैं। इसलिए ऐसे नेता जिन्हें जेड प्लस, एसपीजी की सुरक्षा मिली है उनके लिए तय मौजूदा विशेष दिशा निर्देश ही लागू रहेंगे।

      कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्री आहूजा ने कहा है कि जहाँ तक अन्य सभी नेताओं की सुरक्षा की बात है तो उन्हें अपनी पूर्व निर्धारित और मौजूदा सुरक्षा श्रेणी के मुताबिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी। यह भी साफ किया गया है कि भ्रमण करने वाले नेताओं को उनकी एक्स, वाय और जेड श्रेणी की सुरक्षा श्रेणी के मुताबिक अपने साथ सरकारी तौर पर मिले उनके पर्सनल सिक्यूरिटी आफिसर (पीएसओ) को लाने की इजाजत होगी। लेकिन निजी सुरक्षा वाहन या सुरक्षा गार्ड वे साथ नहीं ला सकेंगे।

      कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डी.पी.आहूजा ने निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के हवाले से बताया है कि चुनाव प्रचार के उद्देश्य से भ्रमण पर आने वाले नेताओं को इसकी सूचना तीन दिन पहले प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी और पुलिस अधीक्षक को देनी होगी।

      आयोग ने यह भी साफ किया है कि यदि भ्रमण पर आने वाले राजनैतिक पदाधिकारी स्टार प्रचारक हैं और उनकी सूचना संबंधित दलों द्वारा पहले ही दे दी गई है तो इस सिलसिले में उन पर होने वाला खर्च उस दल के खाते में जुड़ेगा। यदि ऐसा नहीं है तो फिर नेताओं का पूरा खर्च संबंधित उम्मीदवार के चुनावी खर्च में जुड़ेगा जिसके लिए प्रचार किया गया है। यदि ऐसे उम्मीदवारों की तादाद एक से ज्यादा है तो फिर यह खर्च उनमें बराबर बांट दिया जाएगा। आयोग ने ऐसे सभी नेताओं के हर दौरे की वीडियोग्राफी कराने के निर्देश अफसरों को दिए हैं।

              इस सिलसिले में सभी राजनैतिक दलों, उम्मीदवारों और फील्ड में पहुँच चुके प्रेक्षकों को भी जानकारी दे दी गई है।