सीहोर 23 नवम्बर (नि.सं.)। लम्बे समय से कोई व्यक्ति यदि किसी पार्टी में हो तो धीरे-धीरे पार्टी को वह आत्मसात कर चुका होता है। अभी एक जुम्मा भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता रहे जसपाल सिंह अरोरा को भारतीय जनता पार्टी में आये नहीं हुआ है, भाजपा में आते ही उनके समर्थकों का हुजूम भी भाजपा में खड़ा हो गया है। आये दिन वह भाजपा के प्रचार के लिये कार्य भी कर रहे हैं। कल जब उन्होने एक बढ़िया रोड-शो नगर में निकाला तो उनके बीच बच्चों की टोली और बड़ी संख्या नययुवकों का हुजूम चल रहा था। नये-नये भाजपाई बने अरोरा के साथ जो युवक चल रहे थे उन्होने अचानक नारा लगा दिया...
''कांग्रेस के बूढ़े बैल, खा गये शक्कर पी गये तेल''।
यह नारा लगना था कि अचानक अरोरा सख्ते में आ गये...उन्हे लगा कि बच्चे हरकत कर रहे हैं...फिर वह नाराज हुए...इतनी देर में तो कांग्रेस के बूंढे बैल वाला नारा कई बार लग गया। अरोरा कुछ समझ नहीं पाये और उन्होने समर्थकों से कहा कि अरे यह क्या बोल रहे हो कुछ नाराजी भी जता दी।
बच्चे चूंकि भाजपाई थे इसलिये उन्हे कुछ समझ नहीं आया....अरोरा संभवत: यह भूल कर गये कि वह भी भाजपाई दमदार नेता बन चुके हैं....इसके बाद दूसरा नारा लगाया गया....
''जसपाल अरोरा संत है, कांग्रेस का अंत है''।
इस नारे पर अरोरा भी प्रसन्न थे और जुलूस में शामिल सारे लोग खुश।