सीहोर 1 अक्टूबर (नि.सं.)। आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर खींचा-तानी और टिकिट की मारा-मारी के बीच ही माँ दुर्गा के सिध्द नवरात्र भी आ गये हैं इसका पूरा-पूरा लाभ उठाकर कुछ उम्मीद्वार तांत्रिक प्रयोग में जुट गये हैं, कुछ सर्वार्थसिध्दी मनोरथ, कुछ मनोवांछित फल की प्राप्ति और कुछ अपने दुश्मनों को निपटाने के प्रयोजन के तहत पूजन-पाठ, हवन, यज्ञ, अनुष्ठान के साथ ही साधनारत हैं। विभिन्न बाबाओं के चक्कर काटने के अलावा कुछ ने अपने घरों पर सिध्द साधुओं को बुलाना शुरु कर दिया है। पंडितों से पूजन-पाठ भी शुरू हो गई। मारण, मोहन, स्तंभन, उच्चाटन, कीलन, वशीकरण, आकर्षण से लेकर तरह-तरह के प्रयोग जारी हैं। नवरात्र में इस बार यादा धार्मिक कर्म हो रहे हैं।
यूँ तो हर साल नवरात्री आती है पर इस साल की नवरात्री कुछ विशेष है क्योंकि आगामी कुछ ही दिनों के अंदर जहाँ कांग्रेस और भाजपा पार्टी के विभिन्न दावेदारों की दावेदारी पक्की होने वाली है, पार्टियों द्वारा अपनी-अपनी पार्टी के उम्मीद्वार का चयन करके उसकी घोषणा की जानी है वहीं इन दोनो ही प्रमुख पार्टियों में काफी विवाद और असमंजस की स्थिति भी बनी हुई है।
धार्मिक नगरी सीहोर में जहाँ सिध्द चौसठ योगिनी मंदिर भी है और पीताम्बरा धाम भी मौजूद है, जहाँ तांत्रिक प्रयोगों में तथा देवी भागवत में उल्लेखित दसम महाविद्या काली, तारा, छिन्नमस्ता, बगलामुखी,षोडशी कमला, भुवनेश्वरी तक के मंदिर मौजूद हैं। जहाँ मानव निर्मित पहला शक्तिपीठ माँ ललिता त्रिपुरसुन्दरी विराजित हैं, जहाँ सिध्द सिध्दिदात्री मंदिर मौजूद हैं जहाँ वर्षों से अखण्ड योति जल रही है, ऐसी सिध्द भूमि के आमजन सहित खास लोग जो जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं वह भी देवी भक्ती में लीन रहते हैं।
नगर में ऐसे अधिकांश उम्मीद्वार जो कांग्रेस व भाजपा से लड़ने के इच्छुक हैं वह धार्मिक प्रवृत्ति के हैं और हनुमान जी के साथ ही साथ देवी के अनन्य भक्त भी हैं। ऐसे में नवरात्र की शुरुआत के साथ ही यह लोग भक्ति में लीन हो गये हैं। नवरात्र में देवी जाग्रत अवस्था में रहती हैं साथ ही यह नौ दिन तांत्रिक प्रयोगों के लिये सिध्द माने गये हैं। ऐसे में सभी प्रकार के मनोरथों की सिध्दि के लिये कुछ उम्मीद्वार पूजन-पाठ में लग गये हैं।
एक के यहाँ तो सिध्द महांकाल की नगरी और तांत्रिकों के गढ़ उजैनी से कुछ पंडितजन पधारे हैं वह लगातार हवन, अनुष्ठान करा रहे हैं। उम्मीद्वार ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सूर्योपासना के साथ ही साथ दिनभर विभिन्न स्त्रोतों के जाप में संलग् हैं। दूसरे जो अक्सर प्रसिध्द बगलामुखी देवी धाम दतिया जाते रहते हैं वह भी माता की पूजन में तत्पर हैं। दिनभर साधना करने में व्यस्त हैं। घर पर ही माँ की आराधना और मंत्र जाप में लगे हुए हैं। ऐसे साधक उम्मीद्वार माँ को किसी भी तरह मनाने के लिये कठोर साधना करते हुए उपवास भी रख रहे हैं।
एक भाजपाई उम्मीद्वार अभी एक देवी धाम से होकर लौट आये हैं और वह अनुष्ठान आदि कराकर आने की जानकारी व चर्चाएं चल रही हैं। टिकिट पाने की होड़ में ही यह धार्मिक आयोजन इन्होने किया है।
इसके अलावा कुछ अन्य उम्मीद्वार जो स्वयं पर भरोसा ना करते हुए अपने गुरुओं व सिध्द पुरुषो पर भरोसा करते हैं वह इस दौरान लगातार किसी ना किसी बाबा, सिध्द व्यक्ति, गणितज्ञ, योतिषी अथवा ऐसे स्थानों पर जा रहे हैं जहाँ कोई हवा आदि आती है। ऐसे स्थानों पर पहुँचकर यह उम्मीद्वार अपने भाग्य की जानकारी लेते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। लगभग हर दिन किसी ना किसी स्थान पर एकांत में या रात के समय अथवा छुपकर ऐसे उम्मीद्वार सिध्द लोगों से मिल रहे हैं और उनसे चर्चा कर अपने टिकिट की बात पूछ रहे हैं। दूरस्थ अंचलों में, शहरों में जहाँ भी इन्हे पता चल रहा है यह जाने में संकोच नहीं कर रहे।
कुछ सिध्द पंडितजन इस नवरात्र में अपनी पसंद के उम्मीद्वारों के लिये स्वयं के स्तर पर भी अनुष्ठान आदि जप साधना में लगे हैं ताकि नौ दिन की साधना के पश्चात वह अपने प्रिय के लिये देवी से कुछ मांग सकें।
इधर रक्षा कवच के लिये भी तरह-तरह के प्रयोगों से उम्मीद्वार अछूते नहीं हैं। आगामी दिनों में अथवा नवरात्र के दौरान इन पर कोई प्रयोग आदि ना हो सके इसके लिये जहाँ हनुमान जी का आशीर्वाद यह लगाकर ले रहे हैं वह श्रीराम रक्षा स्तोत्र से लेकर अन्य रक्षा के मंत्र, कवच का पाठ भी उम्मीद्वारों द्वारा नियमित किया जा रहा है।