आष्टा 8 अक्टूबर (नि.प्र.) कांग्रेस से किसी टिकिट मिलेगा को लेकर अभी भी अनिश्चिता के बादल छाये हुए है जो दावेदार है वो एक ही बात कह रहा है मेरा तो नाम पैनल में है अगर इन दावेदारों की मान भी ले तो क्या आष्टा की जो पैनल बनी है वो 10-15 नामों की है। वास्तव में सही स्थिति यह है कि आष्टा के नाम पर अभी तक दिल्ली में टिकिटों को लेकर जितनी भी बैठक हुई है विचार ही नहीं हुआ है अभी तक आष्टा से कोई दावेदार दिल्ली जाकर अपनी जेब हल्की करके आ गये है लेकिन नतीजा शून्य ही नजर आ रहा है।
फुरसत ने आज अपने सूत्रों से कांग्रेस में क्या चल रहा है के बारे में जब चर्चा की तो फुरसत को जो जानकारी मिली उसके अनुसार आष्टा को लेकर अभी भोपाल से लेकर दिल्ली तक कोई चर्चा नहीं है कांग्रेस में जितने गुर है उन सभी गुट के वरिष्ठ नेताओं ने अपने-अपने समर्थकों के नाम पर जिस वक्त विचार होगा दबाव बनायेंगे इस हिसाब से आष्टा से केवल 4-5 नामों पर ही विचार की स्थिति बन सकती है क्योंकि यहा दावेदार तो कई है लेकिन उसमें से कई दावेदार विभिन्न कारणों, तथा जो लाइन पार्टी ने तय की है उसके कारण कर सकते है।
फुरसत को अभी तक जो जानकारी मिली है उसके अनुसार भोपाल में जो सूची तैयार हुई है उसमें केवल 4 नाम है यूं तो नाम पांच थे लेकिन 1 नाम को कारणों से उडा दिया गया है जो चार नाम है वे चारों गुटों की ओर से है। कई दावेदारों ने जिन्हें अपनी ताकत अब लगाना भी वे पहले ही जा-जाकर बारूद खत्म कर आये है कई दावेदार तो समय के पहले ही जेब फुस्स हो गये है कुछ अभी दम लगाये हुए है वही कुछ अपने नेता के इसारे का इंतजार कर रहे है लेकिन जैसा नजारा नजर आ रहा है उससे लगता है कि कांग्रेस ने आष्टा का टिकिट फायनल होना उतना आसान नहीं जितना समझा जा रहा है लेकिन ऐसा आभास लग रहा है कि इस बार कांग्रेस नये चेहरे को उतार सकती है अगर नया चेहरा आया तो पुराने चेहरे और विरोधी क्या इसे पचा पायेंगे यह सब ऐसे प्रश् है जो टिकिट फायनल के पहले ही कांग्रेस के भोपाल वाले नेताओं को परेशान किये हुए है कि उनके प्रयास सार्थक नहीं होगे तो वे नया गणित बैठाने में जुट गये है इन दिनों नगर में कई नये-नये गणित कांग्रेस में देखने सुनने को मिल रहे है।