सीहोर 8 अक्टूबर (नि.सं.)। सीहोर सांस्कृतिक मंच द्वारा जारी पूर्व घोषणा के अनुसार शहर में विराजित माँ दुर्गा प्रतिमा और श्रेष्ठ दुर्गा पंडालों को पुरस्कृत किया गया। मंच द्वारा चयनित श्रेष्ठ दुर्गा प्रतिमा का पुरुस्कार गंज स्थित माँ भवानी दुर्गा उत्सव समिति को दिया गया व श्रेष्ठ पंडाला का पुरुस्कार सिंधी कालोनी में झूलेलाल दुर्गा उत्सव समिति को दिया गया।
सीहोर सांस्कृतिक मंच द्वारा आयोजित पुरुस्कार कार्यक्रम में एसडीएम चन्द्र मोहन मिश्रा व डिप्टी कलेक्टर इच्छित गड़पाले मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित थे। कार्यक्रम के विशेष अतिथि वरिष्ठ पत्रकार पुरुषोत्तम कुईया थे व कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी राजकुमार गुप्ता ने की। कार्यक्रम के पूर्व मंच के अध्यक्ष आशीष गुप्ता व संयोजक अमित कुईया ने सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि चन्द्रमोहन मिश्रा एसडीएम सीहोर ने मंच द्वारा चयनित श्रेष्ठ पंडाल के लिये सिंधी कालोनी स्थित झूलेलाल दुर्गा उत्सव समिति के अध्यक्ष और सदस्यों को शील्ड प्रदान कर पुरुस्कृत किया। श्रेष्ठ प्रतिमा का पुरुस्कार मंच द्वारा चयनित गंज स्थित माँ भवानी दुर्गा उत्सव समिति को मुख्य अतिथि श्री मिश्रा व डिप्टी कलेक्टर श्री गड़पाले ने प्रदान किये। पुरुस्कार कार्यक्रम के पूर्व मंच पर उपस्थित अतिथियों द्वारा माँ दुर्गा की पूजा की गई व मुख्य अतिथि एसडीएम चन्द्र मोहन ने सीहोर सांस्कृतिक मंच के इस आयोजन की सराहना की। श्री मिश्रा ने कहा कि शहर में सांस्कृतिक गतिविधियों व पारम्परिक उत्सवों को बढ़ावा देने के लिये मंच द्वारा जो प्रयास किये जा रहे हैं यह प्रशंसनीय है। डिप्टी कलेक्टर इच्छित गड़पाले, पुरुषोत्तम कुईया व राजकुमार गुप्ता ने भी मंच के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि मंच भारतीय संस्कृति के उत्सवों को उत्साह एवं उमंग के साथ मनाने में आने वाले दिनों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करे। कार्यक्रम में मंच के अध्यक्ष आशीष गुप्ता ने सीहोर सांस्कृतिक मंच की गतिविधियों पर विस्तार से जानकारी दी। अंत में मंच के संयोजक अमित कुईया ने समिति सदस्यों को बधाई देते हुए उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में मुख्य रुप से भूपेन्द्र आहूजा, सन्नी ललवानी, संजय धीमान, अमित कटारिया, दिनेश कटारिया, ओमी पंचवानी, संजय जाधवानी, मंजीत जाधवानी, ओमी आहूजा, विनीत राठौर, जितेन्द्र राठौर, बिल्लू समाधिया, सूर्यमणि शुक्ल उपस्थित थे।