सीहोर 16 अक्टूबर (नि.सं.)। जिला चिकित्सालय सीहोर में अक्सर आने वाले मरीजों के परिजनों की दादागिरी ने सीहोर अस्पताल को बदनाम कर रखा है। दो दिन पूर्व गहन चिकित्सा कक्ष आईसीयू में एक मरीज की मृत्यु के बाद इसके परिजन ने यहाँ उत्पाच मचाते हुए पूरे कांच आदि तोड़ दिये। उसने इतना गदर मचाया कि मारे डर के यहाँ भर्ती समस्त मरीज रात को ही अपने-अपने घर रवाना हो गये। जबकि यहाँ अति गंभीर बीमार मरीज ही भर्ती होते हैं। आज दूसरे दिन भी यहाँ मरीज वापस नहीं आये हैं। जिला चिकित्सालय में आये होने वाले इस तरह की घटनाक्रमों पर रोक लगना अब आवश्यक महसूस होने लगा है।
दो दिन पूर्व जिला चिकित्सालय में गहन चिकित्सा इकाई में रात एक गंभीर भर्ती मरीज का देहावसान हो गया। मरीज के परिजनों का आक्रोश यहाँ जिला चिकित्सालय पर निकलने लगा और उसने यहाँ आईसीयू के सारे कांच आदि फोड़ना शुरु कर दिये। सामान उठा कर फेंकना शुरु कर दिया। स्थिति इतनी बिगड़ी की यहाँ भीड़ एकत्र हो गई। पुलिस भी यहाँ आ गई लेकिन यादा कुछ ना कर पाई। इस दौरान यहाँ भर्ती अन्य गंभीर मरीज बुरी तरह घबरा गये। जिस तरह से यहाँ घटनाक्रम घटा था उससे कमजोर दिल के भर्ती मरीज व उनके परिजनों ने घबराहट में यहाँ से जाना ही उचित समझा। और रात ही आईसीयू के सारे मरीज अपने-अपने घर को रवाना हो गये। पूरा वार्ड खाली हो गया। जबकि इनमें सभी मरीज गंभीर बीमारी के कारण यहाँ भर्ती हुए थे।
ज्ञातव्य है कि आये दिन अस्पताल में तोड़ फोड़ करने वाले लोग दिल खोलकर घटना को अंजाम देते हैं। यहाँ हालांकि पूर्ववर्ती जिला पुलिस अधीक्षक ए.के. सिंह के समय से एक पुलिस चौकी भी विद्यमान है लेकिन चौकी के होते हुए भी एक छोटी-सा भवन पुलिस सुरक्षित नहीं रख पाती। रात पुलिस सोती है और लोग वारदात करके चले जाते हैं।