Wednesday, September 10, 2008

डोल ग्यारस है तो हुआ करे, भाजपा‍ को क्‍या, मुख्‍यमंत्री का मंच तो बीच सड़क पर ही बनेगा, सत्‍ता भाजपा की है जो चाहेंगे वही होगा

बड़ा बाजार में गाड़ा तंबू, देव जुलूस का मार्ग किया अवरुध्द
सीहोर 8 सितम्बर (आनन्द भैया)। पूरे सीहोर की आस्था के केन्द्र नगर के लगभग तीन दर्जन से अधिक मंदिरों के डोल अपनी प्राचीन व पारम्परिक परम्परा के अनुसार इस वर्ष भी निकलेंगे। गुरुवार को डोल ग्यारस का बड़ा त्यौहार सीहोर में मनेगा और पूरी छावनी में इसका मेला लगेगा। लेकिन भाजपा के जन आधारविहीन नेता व पदाधिकारियों ने इसमें बाधा डालते हुए जुलूस के मार्ग पर मुख्यमंत्री के स्वागत का तंबू ठोंक दिया है। तंबू बीच सड़क में लगा दिया और भाजपा जिलाध्यक्ष ने इस संबंध में कहा है कि हमने जुलूस निकालने के लिये 10 फुट जगह छोड़ दी है। पूरे नगर में दर्जन भर से अधिक मैदानों को छोड़कर भाजपा को बड़ा बाजार ही क्यों रास आ रहा है यह बात कोई नहीं समझा सका।
धर्म की राजनीति करने वाली भाजपा और भाजपा के मुख्यमंत्री ने विगत साढ़े चार साल में मुख्यत: सीहोर से जितने बदले ले सकते थे जीभर कर लिये। शिवराज सिंह चौहान सिर्फ नगर पालिका चुनाव के दौरान भाजपा का प्रचार करने के लिये सीहोर आये थे और जब भाजपा हार गई तब से सीहोर में कोई सार्वजनिक सभा या रैली में वह नहीं आये, हमेशा बचते रहे, इस दौरान सीहोर की किसी भी समस्या, मांग तो दूर विकास के संबंध में भी उन्होने एक नहीं सुनी, हर दिन बुदनी में आकर बुदनी को सीहोर का जिला बना दिया, राघवेन्द्र सिंह जैसा कलेक्टर सीहोर में बैठाये रखा । जिनका भारी विरोध रहा और अव्यवस्थाएं बढ़ती रही, शिवराज मौन रहे, उनकी बला से सीहोर के सारे के सारे भाजपा नेता मुख्यमंत्री के नाम दुखी रहे लेकिन उन्हे सीहोर से मतलब कभी नहीं रहा और आज जब चुनाव होने वाले हैं एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सीहोर के उसी बड़ा बाजार में भाषण देने आ रहे हैं, जहाँ से उन्हे मुँह की खानी पड़ी थी।
लेकिन इस बार भाजपा के स्थानीय नेता भी सीहोर की संस्कृति के विरुध्द, परम्परा पर कुठाराघात करते हुए बड़ा बाजार में अपना तंबू गाड़ने पर अमादा हो गये। यहाँ डोल ग्यारस के दिन सीहोर की परम्परा के अनुसार मेला भी भरायेगा और बड़ा बाजार से करीब तीन दर्जन से अधिक डोल इस बार नामदेव समाज का एक डोल बढ़ भी रहा है, निकलेंगे। इनके साथ बड़ी संख्या में भक्तजन रहेंगे और अखाड़े भी शामिल रहेंगे। लेकिन बड़ा बाजार में बीच सडक़ पर तंबू गाड़ने के लिये लोहे के पाईप खड़े कर दिये गये हैं।
इस संबंध में भाजपा जिलाध्यक्ष ललित नागौरी ने फुरसत से कहा कि हमने 10 फुट की जगह छोड़ दी है, इतनी जगह से आराम से निकल सकते हैं। जब उनसे पूछा कि क्या भाजपा पूरे जुलूस में विघ्न करने की अपेक्षा बाल विहार मैदान या अन्य स्थान पर सभा नहीं कर सकती हैं तो उन्होने इसका कारण बताया कि पानी गिरने की समस्या रहेगी, बाल बिहार में कीचड़ मचा है, रात पानी आ गया तो हम क्या करेंगे। फुरसत ने पूछा तो इसलिये क्या परम्परा में विघ्न डालेंगे। ललित नागौरी ने कहा कि मैं स्वयं एक धार्मिक व्यक्ति हूं हमारे सारे कार्यकर्ता उस दिन भगवान के डोल का स्वागत करेंगे। उन्होने कहा कि हमें मालूम है कि डोल शाम तक निकल जायेंगे इसके बाद हमारा कार्यक्रम होगा। मंच के संबंध में कहा कि हम तो तखत लगाकर मंच बनायेंगे, मंच छोटा रहेगा।
इनमें से कोई मैदान पसंद कर लो
ज्ञातव्य है कि बाल विहार मैदान में यदि आज तीन दिन पूर्व से ही पानी रोकने के तंबू गाड़ दिये जाते तो निश्चित ही गुरुवार की रात 11 बजे तक यहाँ जमीन सूखी ही मिलती। दूसरी बात यहाँ अभी भी कीचड़ नहीं है। इसके अलावा न सिर्फ बाल बिहार मैदान बल्कि क्या गंज का तिलक पार्क के सामने वाला मैदान, गंज के दशहरा मैदान दुर्गादास राठौर उद्यान जहाँ आडवाणी जी ने भाषण दिया था वहाँ, अथवा सुभाष स्कूल का मैदान, आवासीय स्कूल का मैदान, महाविद्यालय प्रांगण का मैदान, चर्च मैदान, मण्डी का कोई मैदान पर क्या भाजपा की सभा नहीं हो सकती ?
रात को 11-12 बजे जब मुख्यमंत्री आयेंगे तब क्या सीहोर की जनता को संबोधित करेंगे या भाजपा के सिर्फ कार्यकर्ता ही बचेंगे? स्पष्ट है कि भाजपा कार्यकर्ताओं के लिये बड़ा बाजार को घेर लिया गया है और डोल ग्यारस पर्व में विघ् खड़ा कर दिया गया है।
व्यापारी व नागरिक है नाराज
आज जैसे ही बड़ा बाजार में तंबू गड़ना प्रारंभ हुआ तब से ही सीहोर के व्यापारियों और नागरिकों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है, लगातार फुरसत को फोन कर लोग अपना विरोध जता रहे हैं? अधिकांश की मान्यता है कि भगवान किसी मुख्यमंत्री के तंबू के नीचे से क्यों निकलेंगे। क्या भाजपा वालों को सभा करने के लिये दूसरा स्थान नहीं है।
हिन्दु के नाम पर चल रही हिन्दु उत्सव समिति क्या विरोध करने की शक्ति रखती है?
हिन्दुओं के नाम हिन्दु उत्सव समिति जिसके कार्यक्रम में आज ही भाजपा के मंत्री आये थे, क्या वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यक्रम स्थल को लेकर कोई बयान जारी कर पायेगी ? क्या वह खुलकर कहेगी कि डोल ग्यारस का जुलूस जिसे और भव्य बनाया जाना है उसकी भव्यता में ऐसे रोडे नहीं डालने दिये जायेंगे ? क्या वह मांग कर सकती है कि भाजपा कहीं और मंच बनाकर अपने मुख्यमंत्री के भाषण सुन ले। देखते हैं...।
डरते हैं कि मुख्यमंत्री नाराज हो जायेंगे इसलिये त्यौहार को
बिगाड़ने पर हैं अमादा

बड़ा बाजार व छावनी में चर्चा है कि भाजपा इन दिनों भीड़ एकत्र करने में सक्षम नहीं है, विश्वास सारंग जब पिछले दिनों रैली लेकर आये थे तो बड़ा बाजार भरना मुश्किल हो गया था, अब जब मुख्यमंत्री आ रहे हैं तो भी कुछ ऐसी ही स्थिति का आभास स्थानीय नेताओं को पहले से है। इसी भय के कारण बड़ा बाजार में जहाँ कम जनता भी भरी-भरी नजर आती है वहाँ सभा की जा रही है, क्योंकि किसी भी मैदान में यदि सभा हुई तो मैदान को भरना भाजपा के पदाधिकारियों के बूते की तो बात नहीं है और खुद की इजत बचाने के चक्कर में सीहोर की परम्परा और बड़े त्यौहार के बीच रोड़ा बनकर यह खड़े होने से भी बाज नहीं आ रहे। इस संबंध में भाजपा महामंत्री रमाकांत समाधिया ने फुरसत से कहा कि कृपया इस विषय पर हमारे वरिष्ठजनों से ही चर्चा की जाये। आज कुछ ऐसे मंदिरों के पुजारियों ने भी फुरसत से इस बड़ा बाजार के विघ्न के संबंध में बातचीत करते हुए कहा कि यह अच्छी बात नहीं है, जुलूस में दिक्कत आयेगी। पुजारी जन भी इस व्यवस्था से नाराज दिखे।

विधायक ने कहा कि जुलूस जहाँ से निकलता है वहीं से निकलेगा
सीहोर। लोकप्रिय विधायक रमेश सक्सेना ने आज इस संबंध में अपने प्रवक्ता के माध्यम से फुरसत से कहा कि यह सुनने में आ रहा है कि लोग यह अफवाह फैल रही है कि डोल ग्यारस का मार्ग बदला जायेगा। उन्होने कहा कि डोल हमारे पूयनीय हैं, मुख्यमंत्री भी डोल की पूजा करते हैं, इसलिये डोल निकलने के समय और उसके मार्ग में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं होगा। धार्मिक जन आश्वस्त रहे। विधायक जी ने बड़ा बाजार में सभा स्थल क्यों रखा गया है? अथवा अन्य किसी विषय पर कोई वक्तव्य नहीं दिया।

ललित नागौरी ने कहा कि बाल बिहार मैदान में कीचड़ है...
सीहोर । बाल बिहार मैदान मे जहाँ कीचड़ होते हुए भी एक बार प्रभारी मंत्री रुस्तम सिंह का जनसमस्या निवारण शिविर विशेष तंबू के साथ लगवाया गया था, क्या अब ऐसी व्यवस्था बाल विहार में नहीं हो सकती ? क्या यहाँ मंगलवार से ही या इसके पहले से तंबू लग जाता तो यहाँ धरती नहीं सूख जाती ? और जिस बाल बिहार में कीचड़ बताया जा रहा है वहाँ सीहोर के नागरिक भी अवश्य जाकर देखें कि क्या वहाँ यादा कीचड़ है ? क्या सभा हो ही नहीं सकती ?
स्पष्ट है कि भीड़ जुटाने में असमर्थ भाजपा बड़ा बाजार में सभा करके परेशानी खड़ा करना चाहती है?