Saturday, September 27, 2008

भोपाल पुलिस का विरोध किया तो व्यापारी को हो गया नुकसान

सीहोर 26 सितम्बर (नि.सं.)। कुछ कंजरनी बेड़नियों को कल भोपाल टीटी नगर थाना की पुलिस सीहोर लाई थी। इन्हे चोरी के आरोप में भोपाल पुलिस ने पकड़ा था और उन्होने कहा था कि हमने जो माल चुराया था वह सीहोर में बेचा है। भोपाल पुलिस इन आरोपी महिलाओं को जब सर्राफा बाजार में घुमा कर पूछ रही थी कि कौन-सी दुकान पर बेचा तो उन्होने सब जगह इंकार कर दिया और जब बड़ा बाजार लाये तो वहाँ खुली एक मात्र दुकान को देखकर कहने लगी यही बेचा था ? इनका यह कहना था कि भोपाल पुलिस उतरी और यहाँ दुकानदार को भोपाल ले जाने के प्रयास में जुट गई।
इसी दौरान अचानक यहाँ भीड़ लग गई। यहाँ दो स्थानीय समाजसेवी व पत्रकारगणों ने पुलिस को खरे शब्दों में समझाईश दे दी कि आप सीधे-सादे व्यापारी को सीधे भोपाल कैसे ले जा रहे हैं। पहले पूछताछ कीजिये ? और जिनके कहने पर आप शक कर रहे हैं हमे तो उन्ही चोर महिलाओं पर शक है। पुलिस ने काफी प्रयास किये लेकिन यहाँ स्थानीय समाजसेवियों के आगे किसी की नहीं चली। इनके कारण यहाँ काफी भीड़ भी एकत्र हो गई। पत्रकार ओम मोदी ने यहाँ पुलिस से स्पष्ट कहा किसी भी व्यक्ति के ऊपर आरोप लगाने के पहले सोचिये-समझिये फिर हाथ डालिये। उन्होने कहा कि पहले सीहोर पुलिस लेकर आईये उसके बाद हम आपके साथ उपरोक्त व्यापारी को जाने देंगे।
जरा-सी देर में यहाँ इतना गदर हो गया कि पुलिस कुछ समझ ही नहीं पाई। भीड़ बहुत अधिक बड़ गई। तब मजबूरन स्थानीय पुलिस को बुलाया गया और स्थानीय पुलिस के सहारे संबंधित व्यापारी को भोपाल ले जाया गया।
उधर भोपाल पुलिस ने सीहोर में हुई उसकी भद और अभद्रता की खुन्नस निकालते हुए उपरोक्त व्यापारी को लम्बे मामले में उलझा दिया है। करीब 13-14 तोला सोना उसके द्वारा खरीदा जाना बताया गया है इसकी जप्ती तो पुलिस चाहती ही है बल्कि तरह-तरह की पूछताछ और जाने क्या-क्या वह कर रही है।
अब स्थानीय व्यापारियों का मानना है कि कल जो घटनाक्रम घटा उसके स्थान पर यदि सर्राफा व्यापारी अपने स्तर पर निपट लेते और कुछ दे-लेकर मामला शांत कर लेते तो सस्ते में काम निपट जाता। कुल मिलाकर व्यापारी असंतुष्ट है और दुखी भी हैं। लेकिन क्या करें कुछ कर नहीं सकते।