Friday, September 19, 2008

मेहरवाली माता भी लूटेरों को नहीं बचा पाई क्योंकि वो झूठ बोलकर माता के नाम पर बचना चाहते थे...

आष्टा 18 सितम्बर (सुशील संचेती)। सत्य के साथ सब रहते है असत्य का कोई साथी नहीं होता है यह सत्य गत रात्री में उस वक्त चरितनार्थ हुआ जब आष्टा सीहोर रोड पर कीले गाड़कर उन्होंने वाहनों को पंचर किया और फिर लूट-पाठ कर भाग रहे इन लुटेरों को मेहतवाड़ा के पास रिकांडो जोड पर पुलिस के हाथों कोई नहीं बचा सका वैसे इन लुटेरों ने मैयर वाली माता का नाम बता कर बचने की कोशिश की लेकिन असत्य का कोई साथी नहीं होता है यह साबित हुआ।
फुरसत को मिली जानकारी के अनुसार उस रात्री में लूट कर भागे उक्त लुटेरों के वाहन का चालक जो मानाखेड़ी का था उसने इन लूटेरों को बताया दिया था कि अब जहां भी पुलिस रोके पूछे तो बताना है की मैयर वाली माता के दर्शन कर लौट रहे है जब ये भागे तो आष्टा में पुलिस से बचकर निकले रिकार्डो पर चैकिंग चल रही थी यहां पर मेहतवाड़ा चौकी में पदस्थ सैनिक जगदीश परमार ने इन लूटेरों के वाहन को रोका और पूछा कहां से आ रहे हो तब एक ने बताया मैयर से आ रहे है सैनिक माता का नाम सुनकर खुश हुआ बोला मैया माता जी का प्रसाद खिला दो तब लूटेरों ने कहा प्रसाद तो खत्म हो गया है तब सैनिक ने कहा वहां से माता जी के फोटो लाये होंगे दर्शन करा दो तब लूटेरों ने कहा फोटो नहीं लाये तो सैनिक को शंका हुई ।
उसने पूछा कहां जा रहे हो तब लुटेरे ने कहा चन्दनपुर इंदौर यह सुनकर सैनिक समझ गया दाल में काला है क्योंकि इंदौर में चन्दनपुर कहीं नहीं है चन्दननगर जरूर है तब उसने एक को पकड़ा गाड़ी से नीचे उतारा तब दूसरों के भी हाथ पाव फूल गये और भंडा फूट गया खबर है कि आष्टा टी.आई. एच.एस. राजपूत ने सैनिक जगदीश परमार, सदरू खां एवं आरक्षक सत्येनद्रसिंह को 50-50 रुपये का इनाम भी दिया। लुटेरे मैयर वाली माता का नाम लेकर भागना चाहते थे लेकिन माता ने इन झूठों का साथ नहीं दिया और पुलिस के हवाले हो गये।