सीहोर 6 सितम्बर (नि.सं.)। सांसद राज्य सभा श्री लक्ष्मीनारायण शर्मा द्वारा आष्टा और सीहोर विधान सभा क्षेत्र में अनुशंसित पांच निर्माण कार्यों के लिए 10 लाख रूपयों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। इस सिलसिले में कलेक्टर श्री डी.पी. आहूजा द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं।
जारी आदेश के मुताबिक आष्टा जनपद पंचायत के ग्राम एवं पंचायत दरखेड़ा में पेयजल व्यवस्था हेतु पानी की पाईप लाईन एवं टंकी निर्माण के लिए एक लाख, सरस्वती शिशु मंदिर जावर के भवन निर्माण कार्य के लिए 3 लाख, ग्राम एवं ग्राम पंचायत कजलास में सीमेन्ट कांक्रीट रोड निर्माण हेतु 2 लाख तथा सरस्वती शिशु मंदिर मुरावर के भवन निर्माण के लिए 2 लाख रूपयों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। निर्माण कार्य के लिए सीईओ जनपद पंचायत आष्टा को क्रियान्वयन एजेन्सी बनाया गया है और 7 लाख 20 हजार की राशि प्रथम किश्त के रूप में उपलब्ध कराई गई है। इसी तरह सीहोर नगर में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 2 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी कर कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सीहोर को क्रियान्वयन एजेन्सी बनाकर 1 लाख 80 हजार रूपयों की राशि उपलब्ध कराई गई है। निर्माण कार्य के संबंध में जारी शर्तों के मुताबिक इस कार्य के अंतर्गत निर्मित परिसम्पत्तियों के रिकार्ड संधारण और रखरखाव का दायित्व संबंधित स्थानीय निकाय संस्था का होगा। योजनांतर्गत किसी भी प्रकार के ठेकेदारसप्लायरों से अग्रिम राशि का भुगतान करना निषिध्द रहेगा। जहां भी विभागीय मार्गदर्शिक नियम ठेकदारों प्रायोजकों को काम में लगाने की अनुमति नहीं देते वहां ठेकेदारों प्रायोजकों को काम देना निषिध्द है। निर्माण कार्य संबंधी मस्टररोल, एम.बी.अन्य पावतियां इत्यादि क्रियान्वयन एजेन्सी द्वारा संधारित की जाएगी जो आडिट या अन्य किसी भी जांच के लिए मांगे जाने पर जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय को उपलब्ध करायी जांयगी। प्रशासकीय स्वीकृति की निर्धारित राशि में ही कार्य पूर्ण किया जाएगा। समयावघि में कार्य पूर्ण न होने की दशा में हुई मूल्य वृध्दि के आधार पर कोई अतिरिक्त राशि नहीं दी जावेगी। निर्माण स्थल पर एक बोर्ड लगाना होगा जिस पर सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना सहित सांसद का नाम, निर्माण कार्य का विवरण तथा नाम, स्वीकृति दिनांक, पूर्ण होने की अनुमानित अवधि, निर्मित होने वाले मानव दिवस की संख्या व निर्माण एजेन्सी का नाम दिया जायेगा। आदेश की प्राप्ति के 7 दिवस के अंदर निर्माण कार्य प्रारंभ कराना होगा। कार्य की गुणवत्ता बनाए रखने का दायित्व यिान्वयन एजेन्सी का होगा।
कार्य पूर्ण होने पर उसका पूर्णता प्रमाण पत्र तथा उपलब्ध कराई गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र क्रियान्वयन विभाग द्वारा जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय को उपलब्ध कराया जायगा। इस योजना के अंतर्गत धार्मिक तथा पूजा के स्थलों का कार्य कराने की मनाही रहेगी।