सीहोर 6 सितम्बर (घुमक्कड़)। प्राचीन श्री सिध्द चिंतामन गणेश मंदिर के अंदर विगत वर्ष एक वातानुकुलित यंत्र गर्भगृह में लगा हुआ था। यह यंत्र कितने लगवाया था और किस मद से यह लगा था इसकी कोई नाम पट्टिका नहीं लगवाई गई थी लेकिन जैसे ही नये पंडित श्री पृथ्वीबल्लभ दुबे परिवार के हाथों में मंदिर की बागडोर आई तब से यह वातानुकुलित यंत्र नजर नहीं आ रहा है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व वर्ष में यहाँ व्यास परिवार के प्रभार में न्यायालयीन आदेश के तहत प्राचीन श्री सिध्द गणेश मंदिर की बागडोर थी। इसी दौरान यहाँ एक वातानुकुलित यंत्र लगा हुआ सभी भक्त जन देखा करते थे। वह यंत्र ऐसा माना जाता था कि किसी भक्त द्वारा गणेश जी की सेवा में लगाया गया है। लेकिन जब यहाँ श्री दुबे पंडित जी ने कार्यभार संभाला तो यहाँ वातानुकुलित यंत्र नहीं बल्कि उसके लगे होने के निशान मात्र शेष मिले। मतलब व्यास परिवार के कार्यकाल में वातानुकुलित यंत्र ऐसी निकाल लिया गया था। यहाँ भक्तों में चर्चा है कि क्या वह ऐसी व्यास परिवार खुद अपने रुपयों से खरीद कर लाया था या फिर किस भक्त ने मंदिर में दान किया था ? या फिर वह ऐसी व्यास परिवार को दिया था और उन्होने यहाँ मंदिर लगा लिया था और अब जब वह अपने घर रवाना हो गये हैं तो उसे निकालकर भी ले गये। ऐसा विश्वास व्यक्त किया जाता है कि मंदिर में लगी यह सामग्री निश्चित ही मंदिर के लिये दान में आई होगी ? लेकिन जो भी इस संबंध में अभी कोई स्थिति स्पष्ट नहीं है। सिर्फ चर्चाओं का दौर जारी है क्योंकि पूरा सीहोर प्राचीन श्री सिध्द गणेश मंदिर के भक्त है और यहाँ लगभग सभी ने ऐसी देखा है अब जब ऐसी गायब रहता है तो लोग पूछते हैं कि आखिर यंत्र कहाँ गया तो पता चलता है कि साहब वो तो पूर्ववर्ती व्यास पंडित कार्यकाल में निकाल लिया गया है। जो भी हो श्री चिंतामन गणेश स्वयं सिध्द हैं और यदि उनको किसी भक्त ने कुछ चढ़ाया है मंदिर में दान दिया है और वह यदि कुछ इधर-उधर हो जाता है तो निश्चित ही यह दुखद घटना होगी।