सीहोर 6 सितम्बर (नि.सं.)। नगर पालिका क्षेत्र में चाहे जो चाहे जैसे निर्माण कार्य करा रहा है, परिषद के पार्षद अपनी मनमर्जी से कहीं भी भूमि पूजन करा लेते हैं और फिर निर्माण कार्य शुरु कर देते हैं ना तो नगर पालिका के इंजीनियरों से पूछा जाता है ना ही संबंधित कार्य की आवश्यकता और उसकी गुणवत्ता की तरफ ध्यान दिया जाता है बस मन पड़े वहाँ काम शुरु हो जाता है। यह क्रम लम्बे समय से चल रहा है। जिसको लेकर आज पहली बार तेजतर्रार मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने सख्त लहजे में हिदायत दे दी है अब जो भी ऐसे कार्य करायेगा उस पर कार्यवाही होगी।
आज मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री डीएस परिहार ने अपने एक आदेश क्रमांक एफसूचनासा.प्र.नगर पालिका083291 के तहत यह आदेश जारी किया है कि नगर में विभिन्न स्थानों पर संविदाकारों के द्वारा बिना तकनीकी सलाह लिये एवं अधिकृत कर्मचारी से ले-आउट कराये बिना निर्माण कार्य स्वयं मर्जी से प्रारंभ कर दिये जा रहे हैं। इस संबंध में संबंधित जन को सूचित किया जाता है कि बिना प्रक्रिया का पालन किये हुए नगर पालिका की सम्पत्ति पर किसी प्रकार का निर्माण कार्य अथवा सम्पत्ति में किसी प्रकार की हानि पहुँचाई जाती है तो उनके विरुध्द संवैधानिक कार्यवाही की जायेगी। सीसी निर्माण कार्यों पर शासन के द्वारा आज दिनाँक तक प्रतिबंध नहीं हटाया गया है, इसलिये सीसी कार्य प्रतिबंधित रहेंगे। संबंधित सूचित हों।
ज्ञातव्य है कि नगर पालिका के कुछ पार्षद अपने-अपने क्षेत्रों में कुछ भी निर्माण कार्य कराकर लम्बे चौड़े बिल बनाने की जुगत रहते हैं। आये दिन कहीं भी भूमि पूजन हो जाता है और निर्माण कर लिया जाता है उसके बाद फाईल बनाकर उसके भुगतान के लिये तरह-तरह से दबाव डाला जाता है। इस प्रक्रिया पर लगाम कसते हुए आज मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने उक्त आदेश जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि नगर में अनेक स्थानों पर अपनी मनमर्जी से निर्माण कार्यों का दौर विगत दिनों से चल पड़ा था। जिसकी चर्चाएं नगर पालिका के गलियारों में गूंजती रहती थी। कई बार निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जाता था और उसके बाद परिषद की स्वीकृति के बिना ही एक फाईल बनाकर लगा दी जाती थी और उसके बाद भुगतान कराने के लिये सारी चालें चली जाती थी। इस प्रक्रिया में नगर पालिका से जुड़े अनेक जिम्मेदार लोग भी शामिल थे। ऐसे में फिर किस प्रकार ऐसी गड़बड़ी पर रोक लगती?
लेकिन आज मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने अपने आदेश में ऐसे लोगों को स्पष्ट कर दिया है कि काम सोच समझकर नियमानुसार करायें, वरना भुगतान में दिक्कत तो आयेगी ही बल्कि नगर पालिका की सम्पत्ति पर हुए कार्यों के चलते कार्यवाही भी की जायेगी।