इछावर 7 अगस्त (नि.सं.)। विज्ञान के आधुनिक युग में कायम है एक परम्परा जिसके चलते मांझी समाज के लोग हरियाली अमावस्या पर लोगों को अपने-अपने तरीके से वर्ष भर सुख समृध्दि और स्वस्थ्य रहने की न केवल दुआ देते हैं। बल्कि सालभर खेरियत से रहें इसके लिये वे निस्वार्थ भाव से बल्लैया भी लेते हैं। हरियाली अमावस्या किसी के लिये महत्वपूर्ण हो या न हो किन्तु कीर कहार केवट समाज के लोग घर-घर में जाकर मछली पकड़ने का जाल डालकर वर्ष भर स्वास्थ्य लाभ और आनंद की दुआएं देते हैं। इ संबंध में देवी सिंह जाट ने बताया कि जिस तरह इन दिनों नदी पानी से लबालब भरी रहती है ठीक इसी प्रकार आज के दिन जला ओढ़ने से परिवार धान धान्य से युक्त रहता है और उन्हे सालभर किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं सताती । उन्होने बताया कि हमारा यह मछली पकड़ने का जल व्यक्ति के सभी दुख क्लेश सभी नष्ट कर देता है। पिछले 40 वर्षों से लोगों के जाल ओढ़ते आ रही है।
एसपी त्यागी का कहना था कि हरियाली अमावस्या आने पर लोग हमें बुलाते हैं और परिवार का मुखिया पूरे विधि-विधान से सभी बच्चों पर मछली का जाल ओढ़ाते हैं। कई लोग मछुआर समाज की इस परम्परा में सम्मिलित हैं उनका कहना है कि यह लोग हमारे यहाँ भी आकर हमारे बच्चों और हमें मछली का जाल उढ़ाते हैं व दुआएं देते हैं जो हमें फलीभूत भी होती हैं।