Sunday, August 17, 2008

बिना परमिट के चल रहे वाहन वाले यात्रियों को जीभर कर लूट रहे

आष्टा 16 अगस्त (नि.प्र.)। रक्षा बंधन पर इस बार आष्टा से बहनों का जाना और आना मंहगा सौदा साबित हो रहा है इसके पीछे कारण है आष्टा से चलने वाले वो वाहन है जो आष्टा से सैकड़ो की तादात में रोजाना इन्दौर-भोपाल सीहोर बिना परमिट के सरपट दौड रहे हैं। रक्षाबंधन का त्यौहार होने के कारण तथा इस बार एक साथ तीन दिन का अवकाश आने के कारण कुछ अधिक ही बहने आष्टा आई और आष्टा से गई।
14 अगस्त से वाहनों में यात्रियों का अत्याधिक दबाव होने के कारण आष्टा से बिना परमिट की सरपट दौड़ने वाली गाड़ियों ने आष्टा से इन्दौर का निर्धारित किराया 55 के स्थान पर 75 से 100 रुपये वसूले आष्टा से भोपाल का किराया 43 के स्थान पर 60 से 75 रुपये वसूले तथा आष्टा से सीहोर को किराया 23 के स्थान पर 30 से 35 रुपये वसूले और इसके बाद भी इन वाहनों में इन्हे ठूंस-ठूंस कर भरा और उन्होने अगर नियम की बात कही तो इन वाहनों के चालकों ने इन माता-बहनों भाईयों के साथ अभद्र व्यवहार किया।
आष्टा में यह सब उस स्थान पर हुआ जहाँ 24 घंटे यातायात पुलिस तैनात रहती है। इन वाहन वालों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि ये बस स्टेण्ड के अंदर आकर यातायात पुलिस की उपस्थिति में यात्रियों को अवैधानिक तरीके से पहले तो विनम्र होकर बैठाते हैं फिर रुपयों के चक्कर में ठूंस-ठूंस कर सवारियाँ भरते हैं और बैठाकर थोड़ी देर वाहन ले जाकर इनसे मनमाना किराया मांगते हैं जब वे आनाकानी करते हैं तो उन्हे उतारने की धमकी देते हैं बेचारा यात्री चाहे वा महिला हो या पुरुष बीच रास्ते में कैसे उतरे और मजबूरी में थक हाकर वाहन वालों को मनमाना किराया देने को मजबूर हो जाता है। 15 अगस्त के दिन इसी मुद्दे पर बस स्टेण्ड पर रात्री में बड़ा विवाद टल गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 अगस्त को शाम 5 बजे एक टू वाय-टू बस इन्दौर में यात्रियों कको क्षमता से अधिक सवारियाँ भरकर रवाना हुई जिसमें अधिकांश महिलाएं थी जो 16 अगस्त को रक्षा बंधन का पर्व मनाने भाई के यहाँ जा रही थीं बस वाले का पेट ही नहीं भरा रहा था जो सवारी मिल रही थी उसे बैठाये जा रहा था 55 सवारी की बस में लगभग 100 से अधिक यात्रियो को इसने ठूंस-ठूंस क र भरा । दो जगह यह टकराते हुए बीच इस बस के परिचालक ने इन्दौर में आष्टा आ रही बहनों से निश्चित से दुगना किराया वसूला। बताया गया कि बस वाले ने 55 के स्थान पर 100-100 रुपये वसूले। आष्टा जब बस पहुँची तो बहनों के भाई जो बहनों आष्टा आने का इंतजार कर रहे थे को बहनों ने आप बीती और मनमाना किराया वसूलने की बात बताई तो फिर क्या था। जो हमेशा होता आया वो हुआ। पुलिस भी मौके पर पहुँची और जैसे-तैसे मामला शांत कराया नहीं तो आज फिर बस स्टेण्ड पर अप्रिय स्थिति बन जाती। इस संबंध में टीआई अतीक अहमद खान ने फुरसत को बताया कि उक्त बस में जो की इन्दौर-भोपाल की थी में आष्टा के यात्रियाें से बस वाले ने इन्दौर में आष्टा तक का किराये के बदले मनमानी कर इन्दौर से भोपाल तक का किराया वसूला था तब यात्रियों की शिकायत पर उन्हे अधिक लिया किराया वापस कराया और चेतावनी देकर उसे रवाना किया है। यही हाल आष्टा से जो ट्रेक्टर, मारुती, जीप क्वालिस या अन्य बिना परमिट के वाहन चलते हैं वे अवैधानिक तरीके से बस स्टेण्ड से सवारियाँ भरकर उनसे त्यौहारों पर मन, माना किराया वसूलते हैं। नवागत एसडीओपी ओंकार सिंह कलेश को इस गंभीर समस्या को देखना चाहिये क्योंकि यह मुद्दा आम जन से जुड़ा है। श्री कलेश को चाहिये कि वे यातायात पुलिस को भी कड़े निर्देश दें कि ऐसे बिना परमिट के चलने वाले वाहनों पर कार्यवाही कर अधिक किराया वसूलने वालों पर ठोस कार्यवाही की जाये। इसी प्रकार से ग्रामीण क्षेत्र के लिये जो निजी बसें चलती हैं उसमें भी यात्रियों से निर्धारित से अधिक किराये वसूलने की शिकायत मिल रही है।


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