सीहोर 17 अगस्त (नि.सं.)। वाह साहब लोग देखते रह गये, ऐसा दृश्य था जिसने देखा कभी नहीं भूलेगा...आज कलेक्टर साहब डीपी आहूजा और पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद साईकिल पर एक साथ एक गांव के लिये निकल पड़े थे। दोनो चूंकि जिम्मेदार अधिकारी हैं इसलिये आगे-पीछे वाहनों के काफिले से लेकर सुरक्षा गार्ड व अन्य लोग शामिल रहे। करीब 10 किलो मीटर तक दोनो ही अधिकारियों ने न सिर्फ साईकिल चलाई बल्कि पूरे उत्साह के साथ इसका मनोरंजन किया।
आज अचानक सुबह जब जिलाधीश डी.पी.आहूजा अपने निवास पर जिला पुलिस अधीक्षक के साथ साईकिल यात्रा करने की तैयारी कर रहे थे तब यहाँ उनके अधीनस्थ अधिकारियों व कर्मचारियों में इसको लेकर खासा उत्साह था। हालांकि एस.पी. साहब सीहोर में लम्बे समय से हैं इसलिये उनकी कार्यशैली व शारीरिक स्थिति से अधिकांश लोग बाकिफ हैं लेकिन श्री आहूजा नये-नये आये हैं और उनका काम के पीछे उत्साह भी देखते ही बन रहा है। अक्सर उनका पैदल घूमते हुए देखे जाने का दृष्य भी सबकी निगाहों में बारम्बार घूम रहा था। लग रहा था कि बरखेड़ी तक का सफर वह भी साईकिल से मुश्किल है....लेकिन दोनो ही सफर तय जरुर कर लेंगे ऐसा विश्वास भी था।
सूत्रों के अनुसार आज सुबह से भोपाल पूर्व संभागायुक्त श्री सत्यप्रकाश जी के साथ 25 से अधिक साईकिल चालकों का एक दल पर्यावरण सुरक्षा व अन्य संदेश के साथ भोपाल से सीहोर आ रहा था जिसमें शामिल होने के लिये आज सीहोर जिलाधीश व एसपी स्वयं सीहोर कार्यालय से बरखेड़ी तक पहुँचने वाले थे।
सुबह जैसे ही श्री आहूजा व श्री प्रसाद की साईकिल यात्रा शुरु हुई इनके आगे-पीछे वाहनों के काफिले भी चल पड़े। कलेक्टर साहब के चेहरे पर मंद मुस्कान थी जबकि कुछ दूरी पर जाकर एस.पी. साहब के चेहरे पर कुछ चिंता की लकीरे । हालांकि दोनो ही उत्साह में थे। कौन-आगे, कौन-पीछे रहेगा की बात तो थी नहीं लेकिन फिर भी मशक्कत खूब हुई। कुछ पसीना भी निकला, एस.पी. साहब कुछ थके हुए प्रतीत हुए। फिर भी उत्साह चरम पर नजर आया। आपस में बातचीत करते हुए कुछ हांफते हुए यह अंतत: मंजिल तक पहुँच ही गये। दोनो में से एक अधिकारी की रास्ते में साईकिल की चैन भी टूट गई थी.... कल जनसम्पर्क की विस्तृत खबर प्रकाशित होगी।
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