सीहोर आष्टा 16 अगस्त (नि.सं.)। रक्षा बंधन के अवसर पर आज उत्साह का संचार दिखा। नगर की बहन-बेटियाँ आज अपने-अपने मायके आई हुई थीं, वहीं बहुएं अपने-अपने मायके चली गई थीं।
सुबह से चूंकि भद्रा लगी हुई थी इसलिये राखी बड़ी संख्या में लोगों ने नहीं बंधवाई थी। लेकिन जैसे-जैसे दोपहर हुई वैसे-वैसे बाजार की चहल-पहल कम होने लगी और घरों-घर राखी की तैयारियाँ शुरु हो गई। यहाँ दोपहर बाद अधिकांश लोगों ने अपने-अपने प्रतिष्ठान मंगल कर लिये और राखी का त्यौहार पूर्ण उत्साह, उमंग के साथ मनाने, अपनी बहनों, बुआओं के साथ त्यौहार मनाने के लिये लोग घर पहुँचने लगे। दोपहर 2 से 4 बजे के बीच राखी बंधवाने वालों की संख्या आज अधिक थी। हालांकि त्यौहार पर्व पर सूतक का प्रभाव यादा मान्य नहीं माना जाता फिर भी दूरदर्शन वाहिनियों पर समाचार के साथ लगातार योतिषियों के ज्ञान देने अधिकांश लोगों ने समय का ध्यान रखा। पारम्परिक उत्साह उमंग के साथ राखी का पर्व आज मना। मंदिरों में, घर में, यंत्रों पर भी लोगों ने राखी बांधी और पूजन की। जबकि भाई-बहन के मधुर संबंधों में राखी के धागे ने फिर एक नई तरंग, नई उमंग, नया संचार, नया उत्साह भर दिया। भाई-बहन का प्रेम और बढ़ा दिया।
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