आष्टा 18 जुलाई (नि.प्र.)। कभी भारत माता की जय नहीं बुलवाने कभी स्कूल बेग को लेकर कभी राष्ट्रगान को लेकर चर्चाओं में रहे स्थानीय पुष्प विद्यालय अब गत दिवस विद्यालय में आयोजित असेंबली में एक नाटक मंचन में हिन्दुओं के आराध्य देव भगवान श्रीराम सीताजी, द्रोपदी जी को इस प्रकार प्रस्तुत करना जिससे यह स्पष्ट लग रहा था की उक्त नाटक मंचन के माध्यम से उनका उपहास उडाकर उनकी गरिमा मान मर्यादा को कम किये जाने का प्रयास है इसको लेकर आष्टा के हिन्दु संगठनों में भारी रोष व्याप्त है वहीं चर्चा यहाँ तक है कि उक्त क्रिया के बदले कहीं ना कहीं कोई कड़ी प्रतिक्रिया भी हुई है।
कल संदीप जैन एवं गोपाल दास राठी के हस्ताक्षर से स्थानीय प्रेस को एक विज्ञप्ति जारी की गई जिस पर राजेन्द्र सोलंकी, उमेश शर्मा, दिलीप महांकाल, मनोहर साहू, सतीश रावत, दिनेश सोनी, देवानंद भोजवानी, गोलू सोनी, सुरेन्द्र भाटी, श्याम सिलोदिया, जगदीश खत्री, मनोज यादव, सतीश राठी आदि ने निंदा की है।
जारी उक्त विज्ञप्ति में पुष्प विद्यालय प्रबंधकों को हिन्दु संगठनों की और से खुली चेतावनी दी है कि गत दिवस विद्यालय से असेंबली के दौरान रामायण-महाभारत के दृश्यों का मंचन जो किया गया जो फूहड़ और भद्दे ढंग से किया गया। दृश्य मंचन में श्रीराम जी, सीताजी, द्रोपदी जी को इस ढंग से प्रस्तुत किया जिससे ऐसा लग रहा था कि इनकी गरिमा को कम करने की कोशिश की गई है। आष्टा नगर के सभी हिन्दु संगठनों ने इसको लेकर निंदा कर पुष्प विद्यालय प्रबंधकों को चेतावनी दी है कि विद्यालय इसे अपनी पहली और आखरी गलती माने इसके बाद कभी भी विद्यालय ने बहुसंख्यक समाज के किसी भी देवी देवता को लेकर कोई भी आपत्तिजनक कार्य किया करवाया तथा भारतीय संस्कृति पर किसी भी प्रकार की चोंट पहुँचाने का प्रयास किया तो सहन नहीं किया जायेगा।
वैसे इस संबंध में फुरसत को अभी तक विद्यालय प्रबंधन की और से उनका कोई मत या प्रेस नोट प्राप्त नहीं हुआ है लेकिन खबर है कि विद्यालय प्रमुख ने इस संबंध में कुछ ना कुछ कहा जरुर है फुरसत को विद्यालय प्रमुख के मत का इंतजार है।
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