Wednesday, June 11, 2008

सीहोर की हाकी का ध्यानचंद नहीं रहा

सीहोर 10 जून (नि.सं.)। करीब 45 वर्ष से भी अधिक समय तक निरन्तर एक ही धुन सुबह सूर्योदय के पूर्व ही उठकर तैयार हो जाना और चल पड़ना हॉकी खेलने के लिये, बचपन से लेकर पचपन तक एक-सा जोश, एक-सी उमंग और एक-सा उत्साह...आश्चर्य पैदा करने की जबा लिये एक शख्सियत जिसे सीहोर की हॉकी का ध्यानचंद कहें तो इसे हर एक स्वीकार कर लेगा। ऐसे हॉकी को समर्पित व्यक्तित्व दादा शिवलाल चौहान का कल दुखद निधन हो गया। आपने अपनी जिंदगी का हर दिन हॉकी को समर्पित कर दिया था। सुबह और शाम हॉकी के मैदान प्रशिक्षण देते और खेलते आप हमेशा नजर आते थे। कई लोगों आपने प्रशिक्षण दिया, हर क्षण एक ही स्वप् संजोते थे कि मेरे सीहोर के हॉकी खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर नाम रोशन करें और यही जबा शायद आपकी अप्रतिम उत्साह का सर्जक था। दादा शिवलाल चौहान को उनके बचपन के खिलाड़ी साथी वरिष्ठ कांग्रेस नेता नारायण कासट ने भी बड़ी श्रध्दा के साथ श्रध्दांजली दी।
जिले में हॉकी के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान रखने वाले स्व. शिवलाल चौहान उर्फ दादा भाई के दुखद निधन होने पर जिला महिला हाकी संघ ने अपने खिलाड़ी मित्रों के साथ श्रध्दांजली अर्पित की। हॉकी संघ अध्यक्ष ने बताया कि हॉकी खेल का जब-जब नाम लिया जायेगा शिवलाल दादा भाई के बिना यह अधूरा रहेगा। वो हमेशा ही अपनी और से यह कोशिश करते थे कि जिले की हॉकी प्रतिभा राय एवं देश में अपना नाम रोशन करे। उन्हे श्रध्दांजली देने वालों में डॉ. अनीस खान, राजेश आजाद, जलील अहमद चौधरी, पापा मियां, मिंदी अरोरा, अजहर सईद, चंदू मम्मा, एहमान उल्ला, जुबेदा बेग, अरुणा पारे, प्रमिला जैकब, पूजा, ललिता, मनोज कन्नौजिया, रफतउल्ला, हबीब लाला, शंभु बाथम, एन.बी.साहू, मुमताज खान, अनिल चौहान, देवदास, नरेन्द्र डागर, परसाई गुरु आदि थे।