Wednesday, June 4, 2008

भाजपा नेता के वफादार और वो घोर विरोधी दोनो मिल गये.......

सीहोर 3 जून (नि.सं.)। नगर पालिका में चल रही अंधेर गर्दी में किस प्रकार अध्यक्ष राकेश राय सम्मिलित है यह बात उस वक्त उजागर हो गई जब वह स्वयं ही उन नलकूपों का उद्धाटन करने पहुँच गये जिनके विषय में वह अक्सर कहते हैं मुझे उसकी कोई जानकारी ही नहीं है। भाजपा के वरिष्ठ नेता के करीबी एक ठेकेदार और आये दिन भाजपा के इन्ही नेताजी को सड़क पर खुले आम गालियाँ बकने वाले एक कांग्रेस नेता पुत्र के बीच में सांठ-गांठ के चलते एक नलकूप में ओने-पोने दाम में मोटर और केबल डाली गई है। जिसका बिल पास हो जाये इसलिये राकेश राय ने उद्धाटन भी कर दिया है। अभी इस नलकूप के सहारे पाईप लाईन डालने की भी योजना बनवाई जाने के समाचार सूत्रों ने दिये हैं।
एक तरफ नगर पालिका अध्यक्ष हैं कि कहते हैं कि मुझे नहीं मालूम मैं किसी हेण्डपंप को नहीं खुदवा रहा यह सारा काम एसडीएम के हाथ में है उन्ही से जाकर जनता मिले और दूसरी तरफ आये दिन वह कई नलकूपों का उद्धाटन करने भी पहुँच जाते हैं और फोटो भी छपवाते हैं।
जिनके हेण्डपंपो की खुदाई और उनके बिलों से लेकर सबकुछ गड़बड़ झाला रहता है उसका उद्धाटन सरे आम नगर पालिका अध्यक्ष करते हैं तो इससे जनता क्या माने? क्या उनकी भी मिली भगत रहती है क्योंकि आखिरकार लाखों रुपये के बिल पास करने के लिये हस्ताक्षर तो वही करते हैं।
हाल ही में एक नलकूप जिसकी नगर पालिका में कोई अनुमति नहीं है, कोई फाईल नहीं बनी है उसका उद्धाटन भी नगर पालिका अध्यक्ष ने किया है ताकि इसका भुगतान आसानी से हो जाये लेकिन खास बात यह है कि यहाँ भाजपा के वरिष्ठ नेताजी के करीबी एक ठेकेदार ने मोटर डाली है और वह भी एक ऐसे कांग्रेस पुत्र के सहयोग से जो आये दिन भाजपा के इन्ही नेताजी को सड़क पर खड़े होकर गंदी गालियाँ बकता है और हंसी मजाक उड़ाता है। अब इस प्रकार कांग्रेस नेता पुत्र और उपरोक्त ठेकेदार की सांठगांठ से इस नलकूप में जो मोटर डली है वह घटिया व निम् स्तर की डाली गई है जिसके आरपीएम भी कम हैं और पानी फेंकने की क्षमता भी कम है जबकि इस मोटर का बिल बहुत अधिक राशि का बनाया गया है इतना ही नहीं केवल डोरी भी महंगे बिल के साथ लगी है और अब अंदर की खबर है कि इसी नलकूप के साथ एक पाईप लाईन डालकर लाखों रुपये का बिल और बनाये जाने की योजना तैयार है जिसकी स्वीकृति के लिये नगर पालिका अध्यक्ष के साथ फोटो आदि खिंचवाये गये हैं। कथित जिला प्रशासन के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एसडीएम उपरोक्त संबंध में क्यों चुप हैं ? और क्यों जांच नहीं करते यह आश्चर्य का विषय है।