Wednesday, June 4, 2008

वो हजार लीटर की टंकी कहाँ गई जो पत्रकार ले गये थे...?(खबर ही तो है)

सीहोर 3 जून (नि.सं.)। पिछले दिनों एक पत्रकारों के संगठन का कार्यक्रम हुआ था जिसके नाम पर कुछ पत्रकार लोक निर्माण विभाग से एक विशाल 1 हजार लीटर की टंकी ले आये थे। हालांकि जहाँ इनका कार्यक्रम वगैरह था वहाँ पानी की पर्याप्त व्यवस्था थी लेकिन फिर भी टंकी ले जाई गई थी। अब भाई पत्रकारों का मामला है इसलिये कोई भी उनके नाम से टंकी ले जायेगा तो निश्चित ही लोक निर्माण विभाग मदद तो करेगा ही। लेकिन अब कार्यक्रम पूरे हुए पर्याप्त दिन भी हो चुके हैं उसके बाद भी उपरोक्त टंकी अभी जमा नहीं हुई है बल्कि लापता हो गई। इस मामले में अब संबंधित विभाग टंकी की ढुंढाई कर रहा है। और ढुंढाई करते-करते वह जिस संगठन के लोग ले गये थे उनको छोड़ दूसरे संगठनों के पास पहुँच गया है और पूछ रहा है कि भैया हमारी टंकी कहाँ है? उसने लिखित में पूछताछ कर डाली है कि हमारी टंकी जो आप ले गये थे वह कब तक जमा की जायेगी। अब टंकी कब तक जमा होगी यह तो राम जाने और कहाँ गई इसकी खबर तो नहीं है लेकिन यह खबर जरुर बन गई है कि पानी की उपलब्धता के बाद भी जो टंकी एक दिन के लिये लाई गई थी वो अब तक जमा नहीं की गई है ? अब यह टंकी क्या संबंधित धर्मशाला में रखी है या किसी के घर की शोभा बन गई है यह स्पष्ट कहना संभव नहीं है.....लेकिन इतना अवश्य है कि बेचारे संबंधित विभाग के अधिकारी परेशान हो रहे हैं और अपनी टंकी ढूंढते फिर रहे हैं।