Sunday, May 11, 2008

लाखों की चपत लगाने वाले बैंक कर्मी शिवनानी को दो वर्ष का सश्रम कारावास

आष्टा 10 मई (नि.प्र.)। स्टेट बैंक जावर शाखा में अनेक वर्षो से पदस्थ आसन दास शिवनानी आ. जेठानंद शिवनानी ने बैक में पदस्थ होने का लाभ उठाते हुए ग्राम के अनेक लोगों से व्यवसायिक व मधुर संबंध बनाये तथा ग्राम के अनेक निवासियों से लाखों रुपया उधार लेकर भुगतान के दायित्व में देनदारों के चैक जारी किये व चैकों का अनादरण होने पर अनेक लोगों द्वारा न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी आष्टा सुधीर चौधरी के न्यायालय में लगभग 15-20 परिवाद पत्र धारा 138 परक्र ाम्य लिखत अधिनियम के तहत प्रस्तुत किए जा चुके है । इनमें मुजाहिद अली आ. साजिद अली निवासी जावर से भी आसनदास ने विभिन्न दिनांकों में 8,30,000 रुपया उधार प्राप्त किया व इस राशि की अदायगी के दायित्व में आरोपी द्वारा विभिन्न दिनांकों में भुगतान किये जाने के सात चैक जारी किये ।
उक्त समस्त चैक का नगदीकरण आरोपी के भारतीय स्टेट बैंक शाखा जावर के खाते से कराने के लिये बैंक में दिनांक 23-24 अगस्त,07 को प्रस्तुत किये । उक्त समस्त चैक आरोपी के खाते में अपर्याप्त निधि होने से बैक द्वारा चैकों को अनादरित कर मय अपने बैंक ज्ञापन में उक्त कारण दर्शित कर मूलत: चैक अदम भुगतान लौटा दिये । तत्पश्चात फरियादी द्वारा अपने अधिवक्ता के माध्यम से समस्त चैकों की राशि के मांग सूचना पत्र आरोपी के निवास व उसके कार्यालय तथा मुख्यालय भोपाल के पते पर प्रेषित किये गये ।
सूचना पत्रों की जानकारी होने पर भी आरोपी द्वारा सूचना पत्र का कोई उत्तर नही दिया और न ही चैकों की राशि का भुगतान किया, इसलिए फरियादी ने उक्त सात चैक के अनादरण के सात परिवाद पत्रद आर.टी.नं. 76607 से 77207 के दिनांक 170907 को नगीन जैन एडवोकेट आष्टा के माध्यम से जे.एम.एफ.सी. सुधीर चौधरी के न्यायालय में पेश किये व उन पर प्रसंज्ञान लेकर आरोपी को अनेक बार उपस्थिति हेतू नोटिस जारी किये गये जो तामील से बचता रहा व पुलिस जावर द्वारा उक्त समस्त प्रकरणों में दिनांक 27.03.08 को उपस्थित कराया गया व आरोपी भारतीय स्टेट बैंकके ग्राहकों की लाखों रुपये की राशि बैक में जमा न कर अपने पास रख लेने व धोखा आदि देने के बैंक द्वारा पंजीवद्ध कराये गये आरोप में पुलिस जावर द्वारा गिरफ्तार किया गया था जिसे न्यायालय द्वारा न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया तथा उक्त प्रकरण का विचारण आरोपी की न्यायिक अभिरक्षा में होते हुए किया गया । आरोपी पर धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम का दिनांक 27.03.08 को आरोप दर्ज किया गया व साक्ष्य आदि लेकर दिनांक 08.05.08 को अंतिम तर्क अधिवक्ताओं के श्रवण कर दिनांक 09.05.08 को न्यायालय न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी आष्टा सुधीर चौधरी द्वारा आरोपी को धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम के तहत विचाराधीन प्रकरण क्रमांक 76607 से 76907 के चार प्रकरण जो 4,10,000 रुपये के चैक अनादरण के थे सभी में सिद्ध दोष पाते हुए आरोपी आसनदास शिवनानी को दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रुपये के अर्थदण्ड के दण्ड से चारों प्रकरण में अलग-अलग सजा सुनाकर दण्डित किया गया व अर्थदण्ड की राशि में से फरियादी को 1-1 हजार रुपया प्रत्येक प्रकरण में देने के आदेश भी पारित किये गये । उक्त समस्त प्रकरणों में मा. न्यायाधीश द्वारा मात्र आरोपी की प्रकरण में उपस्थिति होने के 45 दिवस में उक्त निर्णय पारित कर दिया व अनेक प्रकरण आरोपी के विरूद्व उक्त आरोप के विचाराधीन है । सभी प्रकरणों में फरियादी पक्ष की और से पैरवी वरिष्ठ अभिभाषक नगीन चंद जैन एडवोके ट एवं उनके सहयोगी अभिभाषक नरेन्द्र धाकड़ एडवोकेट ने की ।