सीहोर 10 मई (नि.सं.)। सांसद क्षैत्र विदिशा रामपालसिंह द्वारा अनुशंसित दो निर्माण कार्यो के लिए 6 लाख 33 हजार 650 रुपयों की प्रशासकीय स्वीकृ ति जारी की गई है । इस सिलसिले में जिलाधीश श्रीसिंह द्वारा आदेश जारी कर दिए गए है ।
सांसद स्थानीय क्षैत्र विकास योजनांतर्गत जारी आदेश के मुताबिक विकासखण्ड नसरूल्लागंज के ग्राम गुलरपुरा में गौशाला निर्माण के लिए 4 लाख 83 हजार 650 रुपयों की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है । निर्माण कार्य के लिए क्रियान्वयन एजेन्सी कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा सीहोर को प्रथम किश्त के रूप में 2 लाख 50 हजार रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई है । इसी प्रकार बुदनी विकासखंड के ग्राम ककरदा में सी.सी.रोड निर्माण के लिए डेढ़ लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है । इस कार्य के लिए सीईओ जनपद बुदनी को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया गया है । एजेंसी को प्रथम किश्त के रूप में 75 हजार की राशि उपलब्ध कराई गई है । निर्माण कार्य के लिए जारी शर्तो के मुताबिक इस कार्यक्रम के अंतर्गत निर्मित परिसम्पत्तियों के रिकार्ड संधारण और रखरखाव का दायित्व संबंधित स्थानीय निकाय, संस्था का होगा । योजनांतर्गत किसी भी प्रकार के ठेके दार, सप्लायरों से अग्रिम राशि का भुगतान करना निषिद्व रहेगा। जहां भी विभागीय मार्गदर्शिक नियम ठेकेदारों, प्रायोजकों को काम में लगाने की अनुमति नही देते वहां ठेकेदारो,प्रायोजकों को काम देना निषिद्व है । निर्माण कार्य संबंधी मस्टररोल, एम.बी.अन्य पावतियां इत्यादि क्रियान्वयन एजेंसी द्वारा संधारित कि जायेगी । जो आडिट या अन्य किसी भी जांच के लिए मांगे जाने पर जिला योजना एवं साख्यिकी कार्यालय को उपलब्ध करायी जायगी । प्रशासकीय स्वीकृ ति की निर्धारित राशि में ही कार्य पूर्ण किया जाएगा । समयावधि में कार्य पूर्ण न होने की दशा में हुई मूल्य वृद्धि के आधार पर कोई अतिरिक्त राशि नही दी जायेगी । निर्माण स्थल पर एक बोर्ड लगाना होगा । जिस पर सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास, योजना सहित सांसद का नाम, निर्माण कार्य का वितरण तथा नाम, स्वीकृ ति दिनांक, पूर्ण होने की अनुमानित अवधि, निर्मित होने वाले मानव दिवस की संख्या व निर्माण एजेन्सी का नाम दिया जायगा । आदेश की प्राप्ति के 7 दिवस के अंदर निर्माण कार्य प्रारंभ कर मार्च 2009 तक पूर्ण कराना होगा । कार्य की गुणवत्ता बनाए रखने का दायित्व क्रियान्वयन एजेन्सी का होगा । कार्य पूर्ण होने पर उसका पूर्णता प्रमाण पत्र तथा उपलब्ध कराई गई राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र क्रियान्वयन विभाग द्वारा जिला योजना एवं सांख्यिकी कार्यालय को उपलब्ध कराया जायेगा । इस योजना के अंतर्गत धार्मिक तथा पूजा के स्थलों का कार्य कराने की मनाही रहेगी ।