सीहोर 7 मई (नि.सं.)। देश के बड़े नगरों और महानगरों की तर्ज पर नये-नये तरीके के अपराध शहर में भी घटित होने लगे हैं। आज नगर घरेलू हिंसा का एक अनोखा मामला उजागर हुआ है जिसमें एक महिला अपने पति के द्वारा आये दिन प्रताड़ित किये जाने से परेशान है और जब वह पुलिस सहायता के लिये पहुँची तो पुलिस ने उसे घरेलू हिंसा प्रताड़ना की धाराओं के तहत मामला दर्ज कराकर मदद की है। महिला बाल विकास विभाग ने मामला दर्ज कर लिया है और अब शीघ्र ही मामला न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जायेगा। देखते हैं मामला क्या रंग लाता है।
उल्लेखनीय है कि घरेलू हिंसा भारत में बडी मात्रा होती रहती है। महिलाओं पर घर में अत्याचार के किस्से आये दिन होते हैं। पति या सास-ससुर-देवर द्वारा आये दिन महिलाओं पर अत्याचार के किस्से सामने आते हैं। यह जरुरी नहीं की ऐसे अत्याचार सिर्फ दहेज के लिये हों। सकल घरेलू हिंसा में दहेज के कारण होने वाले अत्याचार के मामले बहुत कम पाये जाते हैं जबकि जबरन परेशान करना, डराना, मारना-पीटना, काम कराना, खाने-पीने नहीं देना जैसे जाने कैसी-कैसी घटनाएं आये दिन महिलाओं के साथ होती रहती है। कुछ ऐसी ही घटना यहाँ सीहोर में भी एक महिला के साथ घट रही थी। वह अपने पति से परेशान हो गई थी जो उसे आये दिन परेशान करता था। वह कई बार पुलिस में शिकायत करने पहुँच गई थी लेकिन पुलिस भी क्या करती ? पति को समझा देती, दहेज का मामला बन नहीं रहा था। सो पत्नि भी पीड़ित थी और उसकी कोई मदद भी नहीं हो पा रही थी।
इस मामले में महिला बाल विकास अधिकारी मोहन रैकवार ने फुरसत को बताया कि उनके पास पुलिस के माध्यम से एक मामला आया है जिसके तहत नेहरु कालोनी निवासी 35 वर्षीय विवाहिता राजकुमारी बाई पति बलराम ने शिकायत लिखाई है कि उसके साथ घर पर पति द्वारा मारपीट की जाती है, कई बार तो उसे घर से बाहर निकाल दिया जाता है, बमुश्किल वह घर में वापस आती है तो फिर घर में खर्च के लिये रुपये तक नहीं दिये जाते हैं। महिला का कहना है कि मेरे ही द्वारा बर्तन मांझकर किसी तरह घर खर्च चलाया जाता है लेकिन इसके बावजूद मेरे साथ मारपीट की जाती है। इस मामले में जब महिला बाल विकास अधिकारी ने पीड़िता के पति से बातचीत की तो उसका कहना है कि मैं कबाड़ी का काम करता हूँ और सुबह से निकल जाता हूँ शाम को आता है। देर हो जाने के कारण पत्नि नाराज होती है और मुझ पर शक करती है। शक करने के कारण मेरी शिकायत कर रही है लेकिन मैं क्या करुँ। महिला बाल विकास अधिकारी के अनुसार मामला दर्ज कर लिया गया है और शीघ्र ही माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जायेगा। जहाँ से दोनो पक्षों की सुनवाई होगी।