सीहोर 22 मई (नि.सं.)। मतदाता सूची और मतदाता परिचय पत्रों को लेकर इस साल जो कुछ हो रहा है आगामी चुनावों में उससे जनता स्वयं परिचित हो जायेगी। मतदाता सूचियों में जहाँ अनेक नाम रातों रात गायब हो गये हैं वहीं मतदाता परिचय पत्रों में भारी गड़बड़ी की गई है। ठेकेदार ने बहुत हल्के निम्नस्तर के परिचय पत्र बनाये हैं जिसकी जांच तो आवश्यक है बल्कि उसमें किसी में पते गलत हैं तो किसी में नाम गलत भर दिया गया है, किसी में फोटो ही बदल दिया गया है, इस प्रकार बहुतायत में मतदाता परिचय पत्रों की गड़बड़ी सामने आ रही है जिन्हे सुधारने में आनाकानी के साथ ही कौन सुधारेगा कब सुधरेंगे की समस्या सामने खड़ी है।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने भी वही गुप्त राजनीति जारी रखी है जिसका पूर्ववर्ती सरकार पर लगातार आरोप लगाया जाता रहा था। पिछले दिनों मध्य प्रदेश के नवनियुक्त अध्यक्ष सांसद सुरेश पचौरी ने भी बाल विहार मैदान पर अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यही कहा था कि हम जीते जितायें लेकिन सिर्फ हमे हराया जायेगा तो मतदाता सूचियों की गड़बड़ी से, पचौरी ने कार्यकर्ताओं का आव्हान किया था कि वह बारम्बार अपने एक-एक कार्यकर्ता व कांग्रेसी जन का मतदाता सूची में नाम अवश्य देखें यदि किसी का नाम सूची में नहीं है तो उसे जुड़वा लें और मतदाता परिचय पत्र भी बनवायें यदि यह जरा-सा काम कांग्रेस कार्यकर्ता कर लें तो समझ लें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस आ जायेगी।
एक तरह से खुले मंच यह बात कहना कहीं न कहीं किसी बड़े घपले की और इशारा था। लेकिन अब जहाँ मतदाता सूचियों में नाम बढ़वाने, उन्हे फिर सही करने के लिये सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जा रही है और उसमें भारी गड़बड़िया लगातार सामने आ रही हैं। कई लोगों के नाम गायब हैं वहीं मतदाता परिचय-पत्र भी इस दोयम दर्जे के बनवाये गये हैं कि मानों सिर्फ साल-छ: महिने के लिये ही उनका उपयोग होना हो। जहाँ इस बार मतदाता परिचय पत्र का आकार छोटा कर दिया गया है वहीं उनमें हल्के कागज का उपयोग किया गया है। कई परिचय पत्र अभी से उखड़ने लगे हैं उनकी पन्नी अलग हो रही है। 90 प्रतिशत परिचय पत्रों में कुछ न कुछ खोट नजर आ ही जाती है। ठेकेदार की भारी लापरवाही के चलते पहचान पत्र में कहीं नाम गलत छपा है, तो कहीं पता गलत छपा है, कुछ में तो नाम किसी का है और फोटो किसी और का है। ऐसी अनेक परिचय अब तक फुरसत संवाददाता के सामने आ चुके हैं। कुछ में जन्म तारीख ही के स्थान कट का चिन्ह लगा दिया गया है। इस प्रकार अनेक तरह की गडबड़िया की गई हैं। 380 नेहरु कालोनी निवासी व गाँधी मार्ग पर बर्तन व्यवसायी शंकर ताम्रकार के पुत्र विवेक ताम्रकार का परिचय पत्र बनाया गया है जिसमें नाम विवेक का ही है लेकिन फोटो शंकर ताम्रकार का लगा दिया गया है। ऐसे अनेक परिचय पत्र गड़बड़ हैं। आगामी चुनावों को लेकर अभी से विशेष रुप से सिर्फ मध्य प्रदेश निर्वाचन आयोग के विज्ञापन शुरु हो गये हैं जिनमें कहा जा रहा है कि हो सकता है कि मतदान नहीं कर पायें क्योंकि आपके पास परिचय पत्र नहीं है ? इसलिये परिचय पत्र अवश्य बनवा लें। इस दृष्टि से समझा जा सकता है इस बार चुनाव में कितनी सख्ती की जायेगी और इस प्रकार लगता है हजारों लोग मतदान ही नहीं दे पायें। क्योंकि मतदाता सूची और मतदाता परिचय पत्रों में भारी अनियमितता सामने आ रही है। मतदाता परिचय पत्रों का अभी तक वितरण भी पूर्ण रुप से नगर में नहीं किया गया है।