Friday, May 2, 2008

सीहोर में अघोषित बिजली कटौती से उद्योग धंधे चौपट पेयजल संकट भयावह

सीहोर 1मई (नि.सं.)। विद्युत वितरण कं. की लालफीता शाही और भर्राशाही का दंश आम आदमी भोगने लगा है। अनियमित रुप से की जा रही बिजली कटौती से उद्योग धंधे तो चौपट हो ही रहे हैं वहीं टैंकर नहीं भराने से व्याप्त पेयजल संकट और भी अधिक भयावह होने लगा है। अखबारों का काम काज भी बुरी तरह प्रभावित होकर रह गया है।
आती जाती बिजली से जहाँ आमजन हैरान परेशान होकर रातें घर में बिताने के उसे बाहर बैठकर गुजारने को मतबूर होना पड़ रहा है। सायं 7 से रात बारह बजे तक गत दिवस बिजली की आंख मिचौनी चलती रही जिससे सीहोर में व्यवसायरत लोगों के उद्योग धंधे बंद से पड़े रहे वही लग्सरा के चलते भी मार्केट सूने-सूने से अंधेरे में डूबे रहे। बिजली के अभाव में नगर पालिका से जल प्रदाय टैंकर पानी प्रदाय करने में असमर्थक रहे लोग अंधेरे में पानी की जुगत में भटकते रहे। सीमा से अधिक की जा रही बिजली कटौती बंद करने की मांग को लेकर युवा कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन द्वारा अब मजबूरी में आंदोलनात्मक कदम उठाना पड़ रहा है। संगठनों का मानना है कि भीषण गर्मी में लोग पहले ही परेशान हैं ऊपर से म.प्र. मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की मनमानी से लोगों को अब दोहरी तकलीफ सहन करनी पड़ रही है। युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजकुमार जायसवाल व भाराछासं अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि समूचे सीहोर जिले में बिजली की अघोषित कटौती अचानक बढ़ गई है जिससे सभी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, पहले भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान कहा था कि जितनी बिजली उतने दाम मगर आज स्थिति लोगों के सामने है न तो समय पर पर्याप्त बिजली मिल रही है न ही लोगों को कोई बिजली अधिकारी संतोषजनक जबाव देते हैं इतना ही नहीं बिजली की घोषित और अघोषित कटौती के चलते म.प्र. मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी अपने अनेक उपभोक्ताओं का शोषण करने से भी पीछे नहीं है कई लोगों को भारी भरकम राशि के बिल दिये जा रहे हैं जिससे नागरिकों में आक्रोश पनप रहा है। युवा कांग्रेस एवं भाराछासं की और से जारी प्रेस विज्ञप्ति में महेन्द्र सिंह ठाकुर ने बताया कि आगामी 5 मई को स्थानीय बिजली घर चौराहा पर कार्यालय के सामने धरना दिया जायेगा। संगठन की मांग है कि बिजली विभाग को जितनी भी कटौती करना है वह घोषित करके करें क्योंकि अघोषित कटौती से लोगों को यादा परेशानी होती है।