Friday, May 2, 2008

गांव में किया देशी टोटका, पशुओं का रास्ता, बंद, दूध-दही से गांव भर के पशु शुध्द हुए, पशुओं को मिलेगी रोगों से मुक्ति

जो सुपारी काटता, उसे लेने के देने पड़ जाते
जावर 1 मई (बहादुर सिंह)। पशुओं को विभिन्न प्रकार की बीमारियाें से बचाने के लिये ग्रामीणों ने किया देशी टोटाक। गौरतलब है कि कु छ दिनों से ग्रामीण क्षेत्रों के पशुओं में विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ फैली हुई हैं। दवाई टीके का भी बीमारी पर कोई असर नहीं हुआ अभी तक दर्जनों पशुओं की मौत हो चुकी है। चिंतित पशु पालकों ने देशी टोटका करने का विचार किया।
नजदीकी ग्राम खजूरिया जावर के पशु पालकों ने बुधवार को प्रात: गांव में पशुओं को विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिये देशी टोटका किया। ग्राम के बुजुर्ग प्रहलाद सिंह पाटीदार व मांगीलाल पटेल ने बताया कि गांव में पिछले कुछ दिनों से गांव के पशुओं के विभिन्न मुँहपका, खुरपका, फरेला व गल घोंटू जैसी घातक बीमारी फैली हुई हैं जिससे कई पशुओं की मौत हो चुकी है जिससे गांव के पशु पालक चिंतित हो उठा। इन बीमारियों का इलाज भी करवाया गया लेकिन उससे कोई भी फायदा नहीं हो पा रहा है। बीमारी आगे नहीं बढ़े इसके लिये गां ववालों से बात की गई तब लोगों ने कहा गांव में देशी टोटका किया जाना चाहिये पहले भी गांव में इस तरह के टोटके किये जाते रहे हैं जिससे पशुओं को बीमारी से मुक्ति मिली थी। गांव में जानमाल की सुरक्षा के लिये हर वर्ष हरियाली अमावस पर भी इसी प्रकार का टोटका किया जाता है। ग्राम के मोहन पाटीदार ने बताया कि टोटका एक प्रकार से ईश्वरीय शक्ति है।
टोटका करने के एक दिन पहले चौकीदार द्वारा पूरे गांव में मुनादी फे री गई तथा गांव के सभी देव स्थानों पर पूजा अर्चना की गई। बुधवार प्रात: 6 बजे गांव के सभी पशुओं को एक जगह एकत्र किये गये। उसके बाद सभी को हनुमान मंदिर के सामने से निकाला गया। यहाँ से निकले सभी पशुओं पर पंडाजी, देवी सिंह, हरनाथ सिंह पड़ियार ने जल, दही, दूध का नीम की डाली से छींटे लगाये, यहाँ से निकले सभी पशुओं को गांव के कांकड़ तक ले लाया गया।
इस दिन गांव में धारदार हथियार हासिये का उपयोग नहीं किया गया। यहाँ तक की सुपारी काटना भी प्रतिबंधित रहा। यदि धारदार चीज का किसी ने उपयोग किया तो टोटका कार्यक्रम में जितना खर्चा आये उस पर उतनी राशि का जुर्माना देना पड़ता है। राधेश्याम पाटीदार ने बताया कि गांव में टोटका करने के बाद पशुओं को बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन गांव में भजन कीर्तन भी किये गये। टोटके से पहले प्रात: काल गांव के आसपास दूध दही व जल की धार दी गई। जिस रास्ते से पशुओं को निकाला गया उस रास्ते को एक माह तक के लिये बंद कर दिया गया तथा उस रास्ते के ऊपर नारियल व लाल कपड़े को बांधा गया। सभी देव स्थानों पर निशान चढ़ाये गये। टोटका कार्यक्रम में गांव के सभी लोग सम्मिलित हुए।