Thursday, April 3, 2008

शेलेन्द्र मंगल को एक वर्ष की सजा, एक हजार का जुर्माना

आष्टा 2 अप्रैल (नि.प्र.)। विगत दिवस अभियोगी दीपक कुमार जैन द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र अंतर्गत धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियक में चैक बाउंस के मामले में न्यायिक दण्डाधिकारी महो. प्र.श्रे. सुधीर चौधरी ने साक्ष्य को विश्वसनीय मानते हुए आरोपी शेलेन्द्र कुमार मंगल भोपाल को एक वर्ष की सश्रम कारावास एवं 1000रुपये का अर्थदंड की सजा दी गई ।
मामले में अभियोगी दीपक कुमार कंप्यूटर व्यवसाय का कार्य करता था इस बीच आरोपी शेलेंद्र कुमार ने परिवादी दीपक कुमार से संपर्क किया तथा कंप्यूटर के नेतटवर्किग के कार्य हेतू कम्प्यूटर के नेटवर्क से अन्य लोगों को जोड़ने संबंधी योजना रखी तथा व्यवसायिक लाभ हेतू प्रस्ताव रखा और इस प्रस्ताव हेतू आरोपी शेलेन्द्र कुमार ने अभियोगी दिपक कुमार से 45,500 रुपये मांगे जिस पर दीपक कुमार ने अपने परिचित लोगों से उधार लेकर आरोपी को रुपये इस आशय से दे दिये कि उसे व्यवसाय लाभ होगा किंतू रुपये प्राप्त करने के बाद आरोपी ने अभियोगी को किसी प्रकार की कोई व्यवसायिक सहायता नही पहुंचाई और धोखा देकर 45,500 रुपये ले गया तत्पश्चात अभियोगी ने आरोपी से उक्त रुपयों की मांग की जिस पर से अरोपी ने दिनांक 25.12.02 को एक चैक 45,500 रुपये की धनराशि का कार्पोरेशन बैंक भोपाल का दिया जिसे अभियोगी ने भुगतान हेतू पंजाब नेशनल बैंक में जमा किया जहां से उक्त चैक इस टीप के साथ वापस हुआ कि उक्त खाता बंद हो गया । इस पर अभियोगी ने अपने अधिवक्ता आर.एम.धारवां के माध्यम से एक नोटिस पहुंचाया इसके पश्चात नयायालय में परिवाद दायर किया जिस पर आरोपी द्वारा बचाव साक्षी मनीष आचार्य एवं सुरेन्द्रसिंह पवन को प्रस्तुत किया तथा उनके द्वारा दी गई गवाही को विश्वनीय नही मानते हुए उपरोक्त आरोपी शुलेन्द्र कुमार को एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया । ज्ञात रहे पूर्व में दीपक कुमार द्वारा सुरेन्द्रसिंह पवन के विरूद्व भी कंप्यूटर नेटवर्किग के संबंध में दिये गये चैक का मुकदमा लगाया था जिस पर सुरेन्द्रसिंह पवन द्वारा राजीनामा किया गया था । आरोपी शेलेन्द्र कुमार तथा सुरेंद्र सिंह पवन द्वारा आष्टा के काफी प्रतिष्ठित परिवार के नवयुवकों को धोखा देकर व्यवसायिक लाभ हेतू रुपये लेकर चैक दिये गये थे । इस कारण आष्टा नगर में उपरोक्त निर्णय की सर्वत्र प्रशंसा की जा रही है । उपरोक्त प्रकरण में अभियोगी दीपक कुमार की और से पैरवी आर.एम.धारवां एवं धीरज कुमार की और से की गई ।