Saturday, March 1, 2008

धीरे-धीरे बढेग़ा तापमान, कृषक बरतें सावधानी

सीहोर 29 फरवरी (फुरसत)। पिछले सप्ताह का मौसम- कृषि महाविद्यालय की मौसम वेद्यशाला की गणना के अनुसार पिछले सप्ताह (19 फरवरी से 25 फरवरी,08 ) कहीं कहीं हल्कें बादल रहे तथा वारिष दर्ज नही हुई । अधिकतम तापमान 31.5 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम 12.0 डिग्री सेल्सियस रहा । इस मौसम की अभी तक की कुल वर्षा 803.5 मि.मि. रही जोकि औसत वर्षा से 304 मि.मि. कम रही ।
(दिन के तापक्रम में बढ़ोत्री, रात की ठण्डक में कमी ) जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के अन्तर्गत आर.ए.के. कृषि महाविद्यालय, सीहोर को भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मन्त्रालय के राष्ट्रीय मोसम पूर्वानुमान केन्द्र, नई दिल्ली से प्राप्त जानकारी के अनुसार सीहोर तथा उसके आसपास के क्षैत्रों में अगले 96 घण्टों के दौरान आसमान साफ रहने की संभावना है । वर्षा होने के आसार नही है । हवा 2 से 3 कि.मी. प्रति घण्टा की गति से चल सकती है । तथा हवा की दिशा प्रारंभ में उत्तर से तथा बाद में उत्तर-पूर्व एवं उत्तर से चलने की संभावना है। तापमान अधिकतम 27.0 से 29.0 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 14.0 से 16.0 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।
आगामी एक सप्ताह के मौसम को देखते हुए किसानों के लिए सामयिक सलाह ग्रीष्मकालीन अरबी, जिमिकंद एवं सेम राजमा के खेत तैयार कर बुआई करें, बरसीम की अन्तिम कटाई करने के बाद 20 किलोग्राम प्रति एकड़ यूरिया का भुरकाव करें तथा सिंचाई करें इसके पश्चात बीज बनाने के लिए बरसीम की फसल लें। बसंत कालीन गन्ने की बुआई करें गन्ने की फसल के साथ प्याज, धनिया, मैथी आदि की फसलो को लगाकर अन्तर वर्तीय खेती करें, आम के बौर झड़ने से तथा छोटे फल गिरने से रोकने के लिए प्लानोफिक्स दवा 1 मि.ली. प्रति तीन लीटर पानी में घोल का छिड़काव करें ।
ग्रीष्मकालीन कद्दू वर्गीय सब्जियों जैसे लोकी गिल्की, ककड़ी तथा तरबूज, आदि के उन्नत जातियों के बीज पोलीथीन बेग या दौने में बो कर पौधे तैयार करें, टमाटर एवं बैगन की फसल में पिछेती झुलसा रोग जिसमें पत्तियां झुलस जाती है तथा बढ़वार रूक जाति है नियन्त्रण के लिए डाइइथेन एम 45 की 2 ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से 15 दिन के अंतर से छिड़काव करें। चने में इल्ली के नियंत्रण के लिए एमामेक्टिन बेंजोएट 225 ग्राम हेक्टर 10 ग्राम प्रति पम्प या इन्डाक्साकार्बे 500 मि. ली. प्रति हेक्टर छिड़काव करें ।
प्याज लहसून में पत्तियां मुडने की समस्या होने पर नियंत्रणर के लिए डाईफेन्थ्यूरान 50 ग्राम प्रति पम्प तथा यूरिया का 1 प्रतिशत घोल को चिपकने वाले पदार्थ के साथ छिड़काव करें। सिंचित गेहूं की फसल में दाना भराव की अवस्था पर सिंचाई करें । जहां बोनी देर से हुई है वहां गवोट अवस्था में सिंचाई कर तथा 50 किलो प्रति हेक्टर यूरिया दें । fursat sehore