आष्टा 6 फरवरी (फुरसत)। जिस प्रकार क्षैत्र में किसानों के साथ सोयाबीन में इल्ली के प्रकोप के वक्त सर्वे में पटवारियों ने पीड़ित किसानों के साथ अन्याय किया था। जिसको लेकर क्षैत्र के किसानों ने आष्टा से लेकर भोपाल मंत्री जी तक शिकायते की थी अब पुन: पटवारी पाले से नष्ट हुई चने, बटला, आलू, व अन्य फसलों की तवाही का सर्वे के दौरान मनमानी करने की शिकायतें आ रही है ।
परेशान किसान अब इन पटवारियों की शिकायते एस.डी.एम. और तहसीलदार से नही कर सीहोर कलेक्टर और मंडी मुख्यमंत्री को करने का मन बना रहे है। इसके पीछे इन पीड़ित किसानों का कहना है कि सोयाबीन के वक्त इल्ली प्रभावित फसलो के सर्वे के दौरान पटवारीयों ने जिस प्रकार पीड़ित किसानों का शोषण किया था तथा जिन्होंने पटवारियों की सर्वे के दौरान सेवा की उनका ज्यादा नुकसान मुआवजा बनाया था और जिन्होंने ऐसा नही किया वे आज तक भुगत रहे है।
उस वक्त किसानों ने जब तहसीलदार मालती मिश्रा को शिकायते पटवारी की की तो ना जाने किस कारण से वे पटवारियों का ही पक्ष लेकर किसानों को झूठा साबित कर रही थी । इस कारण अब वे सीधे शिकायत कलेक्टर और मंत्री को करने का मन बना रहे है । लगातार भारी नुकसान की आ रही शिकायतों के बाद राजस्व विभाग ने ठंड से नष्ट हुई फसलो का सर्वे कराने का निर्णय लिया पटवारी और कृषि विभाग के लोग ग्राम-ग्राम पहुंच तो रहे है लेकिन इस बार भी पटवारी मनमानी कर सर्वे में नुकसान जान बुझ कर कम लिख रहे है । अभी तक फुरसत को जो समाचार मिले है उसके अनुसार क्षैत्र में सबसे अधिक नुकसान चने को हुआ है । और अनुमान के अनुसार ठंड से खेतो में खड़ी चने की फसल 40 से 50 प्रतिशत तथा कहीं -कहीं जगह तो 70 से 80 प्रतिशत तक नष्ट हुई है । लेकिन उसके बाद भी पटवारी इतना नुकसान होना मानने को तैयार नही है ।
शायद इसके पीछे कारण सोयाबीन के वक्त जैसा वे चाहते थे वैसा नही हो रहा है । कल स्वयं एसडीएम जी.व्ही. रश्मि जब मैना क्षैत्र में नष्ट चने की फसलो को देखने पहुंची तो वे भी खेत के खेत चने के नष्ट हुए देखकर दंग रह गई है। इस क्षैत्र में चने की फसल लगभग 70 से 80 प्रतिशत नष्ट होने की खबर है । पटवारियों के खिलाफ किसानों का आक्रोश बढे इसके पहले ही सही सर्वे के निर्देश राजस्व विभाग को देने चाहिये नही तो किसान सड़क पर आने से नही चुकेगें ।