Friday, February 8, 2008

छावनी का नम्बर आता है तो नगर पालिका का पानी गायब हो जाता है

सीहोर 6 फरवरी (फुरसत)। नगर पालिका में चल रही गंभीर अनियमितताओं के चलते हर बार जब भी छावनी क्षेत्र में जल वितरण करने का समय आता है तो या तो टंकी में पानी नहीं रहता है या विद्युत का बहाना बनाया जाता है जिससे छावनी के लोग नगर पालिका के पानी नहीं आने से नाराज हैं।
उल्लेखनीय है कि नगर पालिका की वर्तमान परिषद में पेयजल समस्या से संबंधित एक भी कार्य आज तक नहीं किया गया है। जानबूझकर रुपया इधर-उधर खर्च किया जाता है और कब गर्मी आये और इष्ट-मित्र पार्षदों के टैंकर चले और सीहोर की जनता के लाखों रुपयों को बर्वाद किया जाये इसका इंतजार ही किया जाता है। लाखों रुपये फालतू के निर्माण कार्य में खर्च कर दिये गये हैं, बिना बात का, बिना उपयोगिता का सीमेंटीकरण भी नगर में कराया गया है, बढ़ियाखेड़ी और कस्बाई क्षेत्रों में बनी हुई सड़कों पर सीमेंट का लेप लगाकर लाखों रुपये इधर-उधर कर दिये गये हैं लेकिन आज तक नगर की मूलभूत पेयजल समस्या के प्रति नगर पालिका परिषद गंभीर नहीं हुई है। न तो काहिरी बंधान के वहाँ मोटरों की व्यवस्था, न पेयजल संरक्षण के उचित इंतजाम न साफ-स्वच्छ जल के लिये कोई ठोस निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि इसी कारण नगर पालिका में पेयजल वितरण की व्यवस्था पूर्ववत ही लचर-ढचर बनी हुई है। यहाँ जब भी लाल टंकी से छावनी क्षेत्र में जल वितरण करने का दिन आता है उसी दिन या तो टंकी नहीं भराती या फिर पानी इधर-उधर कर दिया जाता है। और फिर अगले दिन क्रमानुसार जिस अन्य क्षेत्र में जल देना होता है वहाँ दे दिया जाता है। जबकि समय बदलकर शाम के समय छावनी की पूर्ति की जा सकती है। लेकिन परिषद अध्यक्ष और जल सभापति को इस सबसे कोई लेन-देन ही नहीं है। जिससे छावनी में पेयजल को लेकर आक्रोश बढ़ रहा है। कई बार लोगों ने जिलाधीश को भी शिकायत कर दी है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होती।