सीहोर 31 दिसम्बर (नि.सं.)। चुनाव अभी सम्पन्न हुए महिना भर भी नहीं हुआ है और इतने कम समय में ही वह लोग बुरी तरह घबराए हुए हैं जो भाजपा अथवा रमेश सक्सेना के खिलाफ छुपकर या खुलकर काम कर रहे थे। विशेषकर नगाड़ा ब्राण्ड भाजपाई तो हर दिन अपनी सफाई पेश करते नजर आ रहे हैं, उनमें इतनी घबराहट है कि वह जबरन भाजपा के प्रति अपनी श्रध्दा के बखान करने में जुट जाते हैं....। वहीं नगाड़ा ब्राण्ड भाजपाई बहुत तेजी के साथ मूंछ ब्राण्ड भाजपाईयों को भी पीछे छोड़कर विधायक के आसपास मण्डराने लगे हैं, जिससे मूंछ ब्राण्ड भाजपाईयों को कुछ दिक्कत महसूस हो रही है।
इस बार विधानसभा चुनाव लम्बे समय बाद त्रिकोणीय संघर्ष की एक अच्छी स्थिति के साथ सम्पन्न हुआ, ऐसी स्थिति में जहाँ डूबते जहाज में सबसे पहले चूहे कूद जाया करते हैं उसी प्रकार भाजपा से भी कई ऐसे चूहे जो वर्षों से जहाज को कुतर-कुतरकर नुकसान पहुँचा रहे थे वह डूबने के चक्कर में सबसे पहले कूद गये। उन्होने अपने लिये दूसरा सहारा ढूंढ लिया और वहाँ काम करने लगे।
विधानसभा चुनाव में इस बार चूंकि भाजपा में पहली बार कोई बागी खड़ा हुआ था इसलिये भाजपा में बगावत देखने को मिली। यहाँ भाजपा के बागी और जनशक्ति के प्रत्याशी के साथ धीरे-धीरे भाजपा के अनेक लोग जुड़ना शुरु हो गये थे। कुछ सक्सेना विरोधियों ने खुलकर जनशक्ति में प्रवेश कर लिया था लेकिन बहुत बड़ी संख्या में ऐसे भाजपाई थे जो खुलकर यह कहते थे कि भाजपा में रहकर ही भाजपा को ठिकाने लगाया जा सकता है इसलिये वह भाजपा में रहकर सन्नी का काम करेंगे। ऐसे भाजपाई खुद भाजपा कार्यालय में बैठ-बैठकर यहाँ आने वाले कार्यकर्ताओं का दिनभर मनोवैज्ञानिक ढंग से मनोबल तोड़ा करते थे, उन्हे हतोत्साहित किया करते थे, सन्नी के पक्ष की बातें किया करते थे और ऐसे ही चुनाव में मजे लेते थे, कुछ ऐसे भी नगाड़ा ब्राण्ड भाजपाई थे जो गुपचुप रुप से नगाड़ा का काम अपने क्षेत्र में करते थे, घर मोहल्ले से लेकर चौराहे पर भी सन्नी की जीत की हवा को तूल देते थे और इधर भाजपा के नेताओं के आसपास भी नजर आते थे।
नगाड़ा ब्राण्ड मण्डलियों में एक छावनी की मण्डली ने तो इस बार गजब ही कर दिया था । उसने अपने भाजपा के एक नेता के स्वर में स्वर मिलाया और यह मण्डली दिनभर नगाड़े का काम करने में जुट गई। वर्षों से भाजपा के कारण इनकी चल रही दुकानों से इनका तो जो भला हुआ वो हुआ ही लेकिन इन्होने मौका आने पर भाजपा के खिलाफ काम करके नगाड़े का भी पूरा भला कर दिया। राशन-पानी की व्यवस्थाओं में इस मण्डली ने नगाड़े के लिये खुले हाथ से सहयोग किया और भाजपा को दिल से बत्ती भी दी। इन लोगों ने भाजपा की पूरी योतिषी जन्म कुण्डली बनाकर पेश कर दी थी कि इस बार भाजपा कैसे हारेगी, और यह इसी का प्रचार करने में जुटे हुए थे, 'हमारा तो बस सन्नी राजा, बाकी सबका बज गया बाजा' यही इनका नारा हो गया था। गुपचुप रुप से सन्नी की कीर्ति फैलाने के लिये यह चौकड़ मण्डली इतनी तेजी से काम कर रही थी कि उसने कुछ कांग्रेसियों तक को प्रभावित कर लिया था, और इनके साथ मिलकर सन्नी का नगाड़ा बजाना शुरु कर दिया था।
गंज में भी भाजपा के नगाड़ा ब्राण्ड भाजपाईयों ने दिल से बत्ती दी थी, और खुलकर नगाड़ा बजाया था। गंज के नगाड़ा ब्राण्ड भाजपाईयों ने तो इतना खुलकर काम कर दिया था कि उनका मानना था कि वहाँ तो भाजपा मुरझा ही जायेगी।
लेकिन जैसे ही परिणाम सामने आये वैसे ही मामला पलट गया। सारे नगाड़ा ब्राण्ड भाजपाई हक्के-बक्के रह गये। इनके दिल के अरमां दिल में ही रह गये और मूंछ ब्राण्ड भाजपाईयों के चेहरों की खुशी दुगनी हो गई।
लेकिन अब जब भाजपा की जीत हो गई है तब ऐसे नगाड़ा ब्राण्ड भाजपाईयों में खलबली मची हुई है। यह स्वयं को पक्का भाजपाई बताने के लिये जी-जान से जुट गये हैं। विधायक रमेश सक्सेना के आसपास ऐसे नगाड़ा ब्राण्ड भाजपाई बहुत तेजी से सक्रिय होने लगे हैं और स्वयं को दूध का धुला सिध्द करने के प्रयास में लगे हुए हैं। नगाड़ा ब्राण्ड भाजपाईयों की सक्रियता ने यहाँ मूंछ ब्राण्ड भाजपाईयों को दिक्कत और परेशानी में डाल दिया है। वह हैरान-परेशान है कि आखिर जिन लोगों ने खुलकर बत्ती दी है अब वह आज किस मुँह से यहाँ बधाई देने अथवा अपनी श्रध्दा भक्ति दर्शाने पहुँच रहे हैं यह इनके समझ नहीं आ रही है। कई मूँछ ब्राण्ड भाजपाईयों ने ऐसे नगाड़ा ब्राण्ड भाजपाईयों की सूचियाँ भी बना ली है और वह मौका आने पर विधायक सक्सेना को दिखा और बता भी रहे हैं कि कौन-सा भाजपाई नगाड़ा ब्राण्ड है।