Thursday, January 1, 2009

सपूतो जागो फिर एक बार

      आष्टा 31 दिसम्बर (नि.प्र.)। आष्टा की एकमात्र संस्था साहित्य विकास मंच के तत्वाधान में गत वर्ष की बिधाई एवं  नव वर्ष के स्वागत की बेला में एक सरस काव्य गोष्ठि का आयोजन श्री चित्रगुप्त मंदिर के सभागार में रखा गया। इसमें सर्व प्रथम उपस्थित कवियों एवं श्रोता महानुभावों द्वारा शहीदों को श्रृदांजली प्रदान की गई बाद में इसके गोष्ठि का शुभारंभ करते हुए जावेद अली, जावेद एडवोकेट, शायर द्वारा मॉ सरस्वती की वंदना की जिसमें दिखे आन तू एसा दे वरदान हमें स स्वर वाचन कर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। साहित्य विकास मंच के अध्यक्ष गोपीलाल अवेलेशीया, विकल द्वारा करे जान को देश पर जो न्यौछावर उन्हें हम शहीदे वतन मानते है नए आयाम से गजल को खूब सराहा गया अंतर्राष्ट्रीय कवि बाबूल घायल शंख नाद फिर करो देश में कलम बने तलवार सूपतों जागो फिर एक बार द्वारा लेखकों और श्रोताओं को नए नए आयाम से प्रेरित किया। इसी क्रम के आगे शायर मेहफूज भाई ने वक्त लिखेगा कहानी एक नए उन्मान की गजल श्रोताओं को छू गई। हास्य कवि त्रिलोक बोहरा भोपाली ने मालवीय स्वर में आयो नयो साल में गयो पुरानों साल अपना देश का उई हाल मन को भा गई इसी कड़ी में के.पी. शर्मा द्वारा ड्रिंक ओर डाँस मुबारक हो तुम्हे नया साल व्यंगात्मक रूप से देश के हालत को कचौटा है इसी के साथ बाबू श्रोत्रीय ने दिन है हंसी बाहर के द्वारा आनंद की अनुभूति प्राप्त की। काव्य गोष्ठि में मुख्यत: मनोज जैन, भय्यू माथुर, राजू पाठक, राजेश सोनी, अशोक देशलहरा, मुकेश बड़जात्या, विक्रम मालवीय, पत्रकार सुशील संचेती एवं पोरवाल, प्रहलाद पंवार, बाबर बर्नी ने अपनी उपस्थिति से गरिमा प्रदान की। काव्य गोष्ठि की अध्यक्षता त्रिलोक बोहरा भोपाली ने की, संचालन के.पी. शर्मा ने किया। व्यवस्था नंदकिशोर राठौर ने पूर्ण की साथ ही दूसरे दौर के बाद वयोवृद्ध साहित्य प्रेमी दयाशंकर माथुर ने उपस्थित महानुभावों का आभार व्यक्त किया।